लखनऊ: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद सीबीएसई बोर्ड ने 13 मई को इंटरमीडिएट और हाईस्कूल का बोर्ड रिजल्ट जारी कर दिया. दोनों ही बोर्ड परीक्षा में राजधानी के कई मेधावियों ने सर्वोच्च अंक लाकर खुद को साबित किया है. ऐसे ही राजधानी में एक भाई बहन की जोड़ी शामिल है, जिन्होंने दोनों ही एग्जाम्स में खुद को साबित किया है. दोनों ने एक साथ हाईस्कूल और इंटर बोर्ड की परीक्षा दी थी. भाई जहां खुद की 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी में लगा था, वहीं वह अपनी बहन की हाईस्कूल परीक्षा को लेकर भी ज्यादा फोकस था. जब हाईस्कूल का रिजल्ट आया, तो उसकी बहन ने पूरे स्कूल में सबसे अधिक नंबर लाकर टॉप किया. तब भाई के चेहरे की खुशी कुछ और ही थी. जितनी मेहनत उसने अपनी बोर्ड परीक्षा के लिए की थी, उससे ज्यादा खुशी उसको अपनी बहन के करियर को लेकर किए गए मेहनत के लिए थी.
उनका कहना था, कि जैसे ही बोर्ड का रिजल्ट आएगा उनकी बेटी भी जरूर अच्छे नंबर लाएगी. अभी परिवार बेटे के अच्छे नंबर लाने की खुशी मना ही रहा था, कि बोर्ड ने अचानक से हाईस्कूल के रिजल्ट की भी घोषणा कर दी. परिवार के सभी सदस्यों ने जब अपनी बेटी के हाईस्कूल के नंबर देखे, तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. अथर्व की बहन समृद्धि तिवारी ने 98.2% मार्क्स के साथ पूरे स्कूल में टॉप किया था. अपनी बहन की सफलता का पता जैसे ही अथर्व को लगा वह काफी खुश हुआ.
बहन को घर पर ट्यूशन देकर सारे डाउट्स करता था क्लियर: हाई स्कूल में 98.2% लाकर टॉप करने वाली समृद्धि तिवारी ने बताया, कि वह अपनी पढ़ाई को लेकर हमेशा से फोकस थी. हाई स्कूल की परीक्षा के लिए जो स्कूल में पढ़ाया गया, इस पर फोकस किया और घर पर उसे एक टाइम टेबल के अनुसार रिवाइज किया. साथ ही मुझे जो भी दिक्कत होती थी, उसे मैं अपने बड़े भाई से पूछ कर दूर कर लेती थी. मैंने कभी भी अपनी पढ़ाई के दौरान कोचिंग नहीं ली. मुझे घर पर ही भैया एक मेंटौर की तरह गाइड करते थे. वह मेरे सारे सिलेबस को रिवाइज करने के साथ ही मेरी हर एक टॉपिक की तैयारी अच्छे से कराते थे. जिससे मुझे कभी कोचिंग की जरूरत ही नहीं पड़ी. समृद्धि तिवारी ने बताया कि अब उन्हें इंटर में साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई करनी है.
अथर्व तिवारी ने बताया, कि इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में उसे 96% मिले हैं. मुझे शुरू से ही पता था, कि मैं बोर्ड परीक्षा अच्छे नंबरों से पास कर लूंगा. लेकिन, मुझे सबसे अधिक टेंशन छोटी बहन को लेकर था. क्योंकि उसे पढ़ाने की पूरी जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही थी. मैंने हाई स्कूल की परीक्षा की तैयारी के लिए उसे घर पर ही कोचिंग देता था. साथ ही खुद ही समय-समय पर उसका टेस्ट भी लेता था. जिससे उसकी तैयारी के बारे में मुझे आकलन हो जाता था कि वह किस टॉपिक पर कमजोर है और किस में मजबूत है. इसके अलावा बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में विभिन्न सब्जेक्ट में किस तरह से सवाल पूछे जाते हैं. इसकी भी प्रैक्टिस मैं पूरे साल अपनी बहन को करवाता था. आज उसी का परिणाम है, कि मेरी बहन ने पूरे स्कूल में टॉप किया है.
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