मथुरा: जनपद के छता थाना क्षेत्र में ऊसर के जंगलों में 11 फरवरी शाम को मिले 7 वर्षीय बच्चे का शव मिला था. इस घटना का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के अनुसार, बच्चे के पिता और उसकी मां पर आरोपी को जादू टोना करने का शक था. एक वर्ष पूर्व आरोपी के भाई की मौत हो गई थी. इसका जिम्मेदार वह अपने चाचा चाची को मान रहा था. वहीं, उसके पिता भी बीमार चल रहे थे. इसका कारण भी वह जादू टोना ही मान रहा था. इसी का बदला लेने के लिए उसने अपने चचरे भाई की हत्या कर दी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा शैलेश कुमार पांडे ने बताया कि छाता थाना क्षेत्र के अंतर्गत अलवाई गांव में एक 7 वर्षीय बालक का शव मिला था. सूचना मिलने पर तत्काल सभी उच्च अधिकारियों और उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया. घटनास्थल गांव से कुछ ही दूरी पर है. जहां पर बबूल की काफी झाड़ियां थीं. झाड़ियों में शव पड़ा हुआ मिला था. फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल का तत्काल निरीक्षण किया. अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया. घर वालों को किसी पर भी शक नहीं था. यह पूरी तरह से ब्लाइंड मर्डर केस था.
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एसपी देहात के नेतृत्व में थाना छाता की टीम और स्वाट टीम इस केस पर काम कर रही थी. 48 घंटे के अंदर पुलिस को इस घटना का खुलासा करने में सफलता मिली. इसमें एक आरोपी जो बाल अपचारी है और मृतक का चचेरा भाई है, वही आरोपी निकाला. इस मामले को लेकर जब जांच की गई, तो यह तथ्य सामने आए कि एक साल पहले जो आरोपी किशोर है उसके एक छोटे भाई की मौत हो गई थी. वह बीमारी से ग्रसित था. लेकिन, आरोपी किशोर को यह शंका थी कि संभवत घटना में जो मृतक बालक है, उसके माता-पिता ने जादू टोना किया था. इसके चलते उसके भाई की मौत हुई है. आरोपी किशोर का यह भी कहना था कि उसके पिताजी की तबीयत ठीक नहीं रहती है. इसका कारण भी उसने जादू टोना माना था. इसी के चलते उसने अपने मासूम चचरे भाई की गला दबाकर हत्या कर दी.
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