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BHU में होगा AI पर रिसर्च; ब्रिटिश हाई कमीशन करेगा सहयोग, कुलपति से मिले विदेशी डेलीगेट्स - Research on AI

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 29, 2024, 3:04 PM IST

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय पहुंचे ब्रिटिश डेलीगेट्स ने हिंदी समेत कई क्षेत्रों में साथ काम करने (पार्टनरशिप) की इच्छा जताई है. इसके लिए बीएचयू के कुलपति और डेलीगेट्स के बीच प्रपोजल तैयार करने को लेकर भी बात हुई है.

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BHU के अधिकारियों के साथ ब्रिटिश डेलीगेट्स ने की बैठक. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय और ब्रिटेन एक साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तकनीक पर रिसर्च करेंगे. ब्रिटिश हाई कमीशन की ओर से राजनीतिक और द्विपक्षीय मामलों की प्रमुख नतालिया लीह ने बातचीत की है. इसके साथ ही BHU और ब्रिटिश एजुकेशनल और रिसर्च इंस्टीट्यूट्स के बीच प्रोफेसरों और छात्रों के एक्सचेंज प्रोग्राम पर भी मंथन हुआ है.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय पहुंचे ब्रिटिश डेलीगेट्स ने हिंदी समेत कई क्षेत्रों में साथ काम करने (पार्टनरशिप) की इच्छा जताई है. इसके लिए बीएचयू के कुलपति और डेलीगेट्स के बीच प्रपोजल तैयार करने को लेकर भी बात हुई है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय लगातार अपने विद्यार्थियों के लिए नए प्रयोग करता रहता है. इसके साथ ही कैंपस में नए वैज्ञानिक शोध से लेकर नई तकनीक पर काम करने के लिए भी मोटिवेट करता है.

बीते कुछ समय में बीएचयू ने कई विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी कर विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के साथ ही नई चीजें सीखने का मौका दिलाया है. इसी बीच काशी हिंदू विश्वविद्यालय और ब्रिटेन एक साथ मिलकर कई क्षेत्रों में काम करने की योजना बना रहे हैं. इसी को लेकर बीते दिन ब्रिटिश डेलीगेट्स की बीएचयू कुलपति और प्रशासन से मुलाकात हुई है.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालयय में ब्रिटिश हाई कमीशन के डेलीगेट्स पहुंचे हुए थे. जहां बैठक में ब्रिटिश हाई कमीशन ने बीएचयू के साथ पार्टनरशिप करने पर दिलचस्पी दिखाई थी. डेलीगेट्स ने विश्वविद्यालय के साथ इंवॉयरमेंट, ग्रीन एनर्जी, सस्टनेबल डेवलपमेंट, इंटर डिसीप्लीनेरी रिसर्च और कल्चरल एक्टिविटिज में साझेदारी करने की ओर अपनी बात रखी.

ब्रिटिश हाई कमीशन की ओर से आईं राजनीतिक और द्विपक्षीय मामलों की प्रमुख नतालिया लीह ने कहा कि, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के साथ ही अन्य तकनीक क्षेत्रों में मिलकर काम कर सकते हैं. इसमें भविष्य की संभावनाएं नजर आती हैं. साथ ही उन्होंने चर्चा के दौरान स्कॉलरशिप और स्काउट कार्यक्रम पर भी सहमित जताई. जल्द ही विश्वविद्यालय इस प्रोजेक्ट पर कार्य करेगा.

बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन से कहा कि बीते दिनों आए डेलीगेट्स से अपने सदस्यों को स्कॉलरशिप और प्रोग्राम में भाग लेने का मौका देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि, कई विषयों में एक्सपर्टीज और कैपेसिटी के चलते काशी हिन्दू विश्वविद्यालय कई तरह के अवसर उपलब्ध कराता रहता है.

विज्ञान, पर्यावरण, ह्यूमैनिटीज, सामाजिक विज्ञान, संगीत, कला, कल्चर समेत कई विषयों पर रिसर्च होते रहते हैं. इन्हीं सभी विशेषताओं के कारण ही दुनियाभर में बीएचयू की विशेषज्ञता बढ़ जाती है. कुलपति ने कहा कि, बीएचयू ग्लोबल इंस्टीट्यूट्स के साथ कई तरह की पार्टनरशिप डेवलप कर रहा है. इससे विद्यार्थियों को बहुत लाभ मिलेगा.

BHU के प्रोफेसर बीसी निर्मल विधि वाचस्पति से सम्मानित: इसी क्रम में BHU के विधि संकाय के पूर्व संकाय प्रमुख एवं विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर बागीश चंद्र निर्मल को "विधि वाचस्पति" के पद से विभूषित किया गया है. यह प्रशस्ति हिंदी साहित्य सम्मेलन के सौ वर्ष से अधिक के इतिहास में मात्र पांच -छः विभूतियों को ही प्रदान किया गया है. बता दें कि, प्रोफेसर बागीश चंद्र निर्मल को उनके हिंदी माध्यम से न्याय एवं विधि शास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया है.

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी और आम का ऐसा नाता कि बागवानी उगल रही सोना, 20-30 लाख हो रही सालाना आय

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय और ब्रिटेन एक साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तकनीक पर रिसर्च करेंगे. ब्रिटिश हाई कमीशन की ओर से राजनीतिक और द्विपक्षीय मामलों की प्रमुख नतालिया लीह ने बातचीत की है. इसके साथ ही BHU और ब्रिटिश एजुकेशनल और रिसर्च इंस्टीट्यूट्स के बीच प्रोफेसरों और छात्रों के एक्सचेंज प्रोग्राम पर भी मंथन हुआ है.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय पहुंचे ब्रिटिश डेलीगेट्स ने हिंदी समेत कई क्षेत्रों में साथ काम करने (पार्टनरशिप) की इच्छा जताई है. इसके लिए बीएचयू के कुलपति और डेलीगेट्स के बीच प्रपोजल तैयार करने को लेकर भी बात हुई है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय लगातार अपने विद्यार्थियों के लिए नए प्रयोग करता रहता है. इसके साथ ही कैंपस में नए वैज्ञानिक शोध से लेकर नई तकनीक पर काम करने के लिए भी मोटिवेट करता है.

बीते कुछ समय में बीएचयू ने कई विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी कर विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के साथ ही नई चीजें सीखने का मौका दिलाया है. इसी बीच काशी हिंदू विश्वविद्यालय और ब्रिटेन एक साथ मिलकर कई क्षेत्रों में काम करने की योजना बना रहे हैं. इसी को लेकर बीते दिन ब्रिटिश डेलीगेट्स की बीएचयू कुलपति और प्रशासन से मुलाकात हुई है.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालयय में ब्रिटिश हाई कमीशन के डेलीगेट्स पहुंचे हुए थे. जहां बैठक में ब्रिटिश हाई कमीशन ने बीएचयू के साथ पार्टनरशिप करने पर दिलचस्पी दिखाई थी. डेलीगेट्स ने विश्वविद्यालय के साथ इंवॉयरमेंट, ग्रीन एनर्जी, सस्टनेबल डेवलपमेंट, इंटर डिसीप्लीनेरी रिसर्च और कल्चरल एक्टिविटिज में साझेदारी करने की ओर अपनी बात रखी.

ब्रिटिश हाई कमीशन की ओर से आईं राजनीतिक और द्विपक्षीय मामलों की प्रमुख नतालिया लीह ने कहा कि, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के साथ ही अन्य तकनीक क्षेत्रों में मिलकर काम कर सकते हैं. इसमें भविष्य की संभावनाएं नजर आती हैं. साथ ही उन्होंने चर्चा के दौरान स्कॉलरशिप और स्काउट कार्यक्रम पर भी सहमित जताई. जल्द ही विश्वविद्यालय इस प्रोजेक्ट पर कार्य करेगा.

बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन से कहा कि बीते दिनों आए डेलीगेट्स से अपने सदस्यों को स्कॉलरशिप और प्रोग्राम में भाग लेने का मौका देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि, कई विषयों में एक्सपर्टीज और कैपेसिटी के चलते काशी हिन्दू विश्वविद्यालय कई तरह के अवसर उपलब्ध कराता रहता है.

विज्ञान, पर्यावरण, ह्यूमैनिटीज, सामाजिक विज्ञान, संगीत, कला, कल्चर समेत कई विषयों पर रिसर्च होते रहते हैं. इन्हीं सभी विशेषताओं के कारण ही दुनियाभर में बीएचयू की विशेषज्ञता बढ़ जाती है. कुलपति ने कहा कि, बीएचयू ग्लोबल इंस्टीट्यूट्स के साथ कई तरह की पार्टनरशिप डेवलप कर रहा है. इससे विद्यार्थियों को बहुत लाभ मिलेगा.

BHU के प्रोफेसर बीसी निर्मल विधि वाचस्पति से सम्मानित: इसी क्रम में BHU के विधि संकाय के पूर्व संकाय प्रमुख एवं विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर बागीश चंद्र निर्मल को "विधि वाचस्पति" के पद से विभूषित किया गया है. यह प्रशस्ति हिंदी साहित्य सम्मेलन के सौ वर्ष से अधिक के इतिहास में मात्र पांच -छः विभूतियों को ही प्रदान किया गया है. बता दें कि, प्रोफेसर बागीश चंद्र निर्मल को उनके हिंदी माध्यम से न्याय एवं विधि शास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया है.

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