रायपुर : छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल सीट रायपुर में बीजेपी प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल ने विकास उपाध्याय को बड़े वोटों के अंतर से हराया है. बृजमोहन अग्रवाल ने 1050351 और विकास उपाध्याय ने 475066 वोट हासिल किए. 1991 के बाद से ये सीट बीजेपी के अलावा कोई दूसरा दल नहीं जीत पाया है. एक बार फिर बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल करके रिकॉर्ड बनाया है.
बृजमोहन अग्रवाल राजनीति के पुराने खिलाड़ी : छत्तीसगढ़ की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी का दिग्गज चेहरा बृजमोहन अग्रवाल पिछले 35 सालों से लगातार विधायक हैं. बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का लगातार आठवीं बार प्रतिनिधत्व कर रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत ABVP से छात्र नेता के रूप में किया था. जिसके बाद साल 1990 में अविभाजित मध्यप्रदेश के समय पहली बार विधायक बनें. इसके बाद 1993, 1998 में भी अविभाजित मध्य प्रदेश में रायपुर से विधायक रहे. छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद लगातार पांच बार 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. अब बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए साय सरकार में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है. अग्रवाल को बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली रायपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया.
अनुभव के आगे नहीं टिक पाए विकास : विकास उपाध्याय रायपुर जिला कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1994 में NSUI के छात्रनेता के रूप में की. विकास उपाध्याय 1998 में एनएसयूआई के ब्लॉक अध्यक्ष और 1999 में रायपुर जिले के एनएसयूआई जिला अध्यक्ष बने. इसके बाद 2004 में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष बने. 2006 में एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव बने और 2009 में राष्ट्रीय सचिव युवा कांग्रेस बने. 2010 में राष्ट्रीय महासचिव युवा कांग्रेस बने. 2013 से 2018 तक वे जिला कांग्रेस अध्यक्ष रायपुर शहर रहे. इस बीच विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने रायपुर पश्चिम से विकास को अपना प्रत्याशी बनाया. इस विस चुनाव में विकास उपाध्याय ने बीजेपी के दिग्गज नेता और तत्कालीन रमन सरकार में मंत्री राजेश मूणत को करारी शिकस्त दी और रायपुर पश्चिम विधानसभा से पहली बार विधायक चुने गए. हांलाकि, 2023 के विधानसभा चुनाव में राजेश मूणत ने वापसी की और विकास को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा. वहां अब कांग्रेस ने रायपुर लोकसभा सीट से विकास उपाध्याय पर फिर से दांव खेला.लेकिन एक बार फिर विकास चुनाव हारते दिख रहे हैं.
रायपुर लोकसभा सीट का इतिहास : रायपुर लोकसभा सीट वीआईपी सीट है. 1952 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है.लेकिन 1989 के बाद से अब तक ये सीट बीजेपी के कब्जे में रही है.सिर्फ 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल ने ये सीट जीती थी. लेकिन फिर इसके बाद कभी इस सीट पर बीजेपी के अलावा कोई दूसरा दल इस सीट को नहीं जीत पाया. 1996 से 2014 तक बीजेपी के रमेश बैस लगातार सांसद रहे. 2019 के लोकसभा चुनाव में सुनील कुमार सोनी ने जीत दर्ज की. 2024 में बीजेपी ने बृजमोहन अग्रवाल को यहां से बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया. वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर विकास उपाध्याय को टिकट दिया है. करीब तीन दशक से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.
2019 में कैसा था वोटिंग समीकरण : 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुनील कुमार सोनी ने कांग्रेस के प्रमोद दुबे को हराया था. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रमेश बैस ने कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा को शिकस्त दी थी. रायपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल आठ सीटें आती हैं. इन सीटों में बलौदा बाजार, भाटापारा, धरसीवा, रायपुर शहर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर उत्तर, रायपुर शहर दक्षिण, आरंग और अभनपुर शामिल हैं.
रायपुर लोकसभा में विधानसभा की तस्वीर | ||
बलौदाबाजार | टंकराम वर्मा | बीजेपी |
भाटापारा | इंद्र साव | कांग्रेस |
धरसींवा | अनुज शर्मा | बीजेपी |
रायपुर पश्चिम | राजेश मूणत | बीजेपी |
रायपुर उत्तर | पुरंदर मिश्रा | बीजेपी |
रायपुर ग्रामीण | मोतीलाल साहू | बीजेपी |
रायपुर दक्षिण | बृजमोहन अग्रवाल | बीजेपी |
अभनपुर | इंद्रकुमार साहू | बीजेपी |
आरंग | गुरु खुशवंत साहेब | बीजेपी |