नई दिल्ली/नोएडा: इन दिनों नोएडा में सरस आजीविका मेला आयोजित किया गया है. इसमें बहुतेरे ऐसे लोगों ने अपने स्टॉल लगाए हैं, जो बिना किसी बड़ी पूंजी के अपने कारोबार को जी-जान से बड़ा बना रहे हैं. महिला दिवस 2024 के मौके पर हम बात करेंगे राजस्थान के भरतपुर की रहने वाली बृजेश भार्गव की, जिन्होंने मात्र 12 हजार रुपये से अपना व्यवसाय शुरू किया था और आज उनसे करीब 40 परिवार जुड़कर आजीविका चला रहे हैं.
ऐसे कर रहीं कबाड़ से जुगाड़: दरअसल, बृजेश पुराने कपड़ों से दरी, फुट मैट, बैग व कपड़े के सजावटी सामान बनाती हैं. इसके लिए वे पुराने कपड़े लेने वाले लोगों से संपर्क कर रॉ मैटेरियल इकट्ठा करती है. फिर इससे वे और उनसे जुड़े लोग कई तरह की चीजों को कलात्मक रूप देते हैं. सरस आजीविका मेले में लगे उनके स्टॉल पर लोग, उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को काफी पसंद कर रहे हैं.
![बृजेश भार्गव के उत्पादों को लोग कर रहे पसंद](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-03-2024/20925301_woman.jpg)
इस बारे में बृजेश भार्गव ने बताया कि हमारे साथ कई परिवार की महिलाएं जुड़ी हैं, जो ये सारे उत्पाद बनाती हैं. इससे न सिर्फ हमारी, बल्कि उनकी उनकी भी आमदनी बढ़ी है. हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश के साथ देश-विदेश में भी हम अपने उत्पादों को प्रदर्शित और बिक्री कर सकें. हमारा काम देखकर हमें सरकार से भी सहायता प्राप्त हुई है. फिलहाल सरस आजीविका मेले से हमें काफी ऑर्डर मिले हैं, जिन्हें हम पूरा कर समय पर देने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, सामान्य दिनों में हमारा व्यवसाय भरतपुर स्थित दुकान के माध्यम से चलता है. आज मेरे आत्मनिर्भर बनने से परिवार के लोग काफी खुश हैं, जो मेरे लिए गर्व की बात है.
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उन्होंने बताया कि हम लोगों के उत्पादों को लोगों की तरफ से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. फिलहाल हम जितना भी सामान तैयार करते हैं, सब बिक जाता है. उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारे उत्पाद, देश के कोने-कोने में बिकें. इसके लिए हम ऑनलाइन भी अपने विभिन्न उत्पादों को बेचने की रणनीति बना रहे हैं.
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