पटना: बिहार सरकार के मंत्री रहे बृज बिहारी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी बुधवार को पटना के सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई के स्पेशल अदालत में आत्मसमर्पण करने पहुंचे. मुजफ्फरपुर से पटना जाने के दौरान रास्ते में जगह-जगह समर्थकों ने मुन्ना शुक्ला का स्वागत किया. अपने समर्थकों को देखकर मुन्ना शुक्ला भावुक हो गए.
"हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं. जिसको लेकर आत्मसमर्पण करने पहुंचे हैं, लेकिन रामदेवी के बयान को आप लोग देखिए, हम तो बस राजनीति का शिकार हुए हैं. न्यायिक प्रक्रिया क्या होती है वह आगे देखेंगे." -मुन्ना शुक्ला, पूर्व विधायक
1998 में हुई थी बृज बिहारी की हत्या: बता दें कि चर्चित बृज बिहारी हत्या कांड में सुप्रीम कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और पूर्वी चम्पारण के मंटू तिवारी पर जिला कोर्ट के आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. साथ ही 15 दिन के अंदर दोनों को आत्मसमर्पण का आदेश दिया था. 13 जून 1998 को बृज बिहारी प्रसाद और उनके बॉडीगार्ड लक्ष्यमेश्वर साह की हत्या पटना में आईजीआईएमएस परिसर में कर दी गई थी. इसमें सूरजभान सिंह, मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी, राजन तिवारी, समेत छह को पटना जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
कोर्ट ने उम्रकैद की सजा बरकरार रखा: पटना हाई कोर्ट ने सभी की सजा को खत्म कर दिया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी. इसके बाद इसी महीने 4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस बड़े हत्याकांड में मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को उम्र कैद की सजा बरकरार रखा. करीब 26 वर्ष पूर्व तत्कालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री एवं राजद के वरिष्ठ नेता बृजबिहारी प्रसाद की हत्या आइजीआइएमएस में गोलियों से छलनी करके कर दी गई थी.
"न्यायायल का आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन यह आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है. सही से जस्टिफाई नहीं हुआ है. यह न्याय नहीं है इसके आगे भी हम लोग अपील करेंगे." -मंटू तिवारी, आरोपी
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