नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन शोषण के गंभीर आरोपों से घिरे भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर और ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हाईकोर्ट इस मामले में याचिका की सुनवाई 18 अक्टूबर को करेगा.
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में पहले भी हो चुकी है. 26 सितंबर को सुनवाई के दौरान जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था और अगली सुनवाई 13 जनवरी 2025 को निर्धारित की थी. इस दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि बृजभूषण को किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया गया है.
ट्रायल कोर्ट की स्थिति: राऊज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण के खिलाफ ट्रायल 26 जुलाई से प्रारंभ हो चुका है. बताया जाता है कि 21 मई को बृजभूषण और सह-आरोपी विनोद तोमर ने ट्रायल का सामना करने की इच्छा जाहिर की थी. दोनों ने आरोपों को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 10 मई को बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था, जिसमें पांच महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों पर बृजभूषण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354ए और 506 के तहत आरोप तय किए गए हैं.
दिल्ली पुलिस की प्रतिक्रिया: बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया था कि यह मामला एक छिपे हुए एजेंडे का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता नहीं चाहते हैं कि बृजभूषण भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद पर बने रहें. जबकि, दिल्ली पुलिस ने इस दावे का विरोध करते हुए बताया कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और ट्रायल पहले ही शुरू हो चुका है.
चार्जशीट का विवरण: दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 के तहत आरोप लगाए गए थे. इसमें छह बालिग महिला पहलवानों द्वारा आरोपित यौन उत्पीड़न के मामलों का जिक्र किया गया था.
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