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बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थम नहीं रहा, नालंदा में 8 साल पुराना अप्रोच पुल बहा - Bridge collapsed in Bihar - BRIDGE COLLAPSED IN BIHAR

बिहार में पुलों के गिरने की घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. नालंदा के गिरियक थाना क्षेत्र के महतपुरा गांव में 8 साल पुराना अप्रोच पुल पानी के तेज बहाव में बह गया. दो हजार से अधिक लोग प्रभावित होंगे. यह घटना बिहार में पुलों के रखरखाव और निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है.  पढ़ें, विस्तार से.

नालंदा में पुल बहा.
नालंदा में पुल बहा. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 19, 2024, 9:36 PM IST

नालंदा: बिहार के नालंदा जिले के गिरियक प्रखंड में रविवार को एक अप्रोच पुल धराशायी हो गया. यह पुल एनएच-20 के खराट मोड़ से नवादा जिले के वारिसलीगंज जाने वाली सड़क से महतपुरा गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर बना था. इस पुल के टूटने से महतपुरा गांव का मुख्य सड़क से संपर्क पूरी तरह से कट गया है. ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2016 में सड़क बनाने के दौरान आहर पर पुल का निर्माण किया गया था.

समय पर मरम्मत नहीं कराया गयाः ग्रामीणों ने बताया कि 2016 के बाद से इस बार मूसलाधार बारिश हुई. रविवार की अहले सुबह से हो रही तेज बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया. पानी की तेज धार में पुल ढह गया. लोगों का कहना था कि पुल के ढहने से पहले ही उसके कमजोर होने के संकेत मिल रहे थे. लेकिन, समय पर मरम्मत का काम नहीं हो सका. गिरियक में पुल ढहने से स्थानीय निवासियों के लिए भारी समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि यह पुल गांव को आस-पास के अन्य क्षेत्रों से जोड़ने का एकमात्र माध्यम था.

रोजमर्रा जीवन के लिए महत्वपूर्ण थाः पुल के टूट जाने से आस-पास के गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से कट गया है. पुल के बह जाने से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है. ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस घटना से ग्रामीणों में भारी चिंता व्याप्त है. क्योंकि, यह पुल न केवल उनके दैनिक जीवन का हिस्सा था, बल्कि गांव के बच्चों के लिए स्कूल जाने का एकमात्र रास्ता भी था.

क्या कहते हैं अधिकारीः ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. इस संबंध में गिरियक प्रखंड विकास पदाधिकारी पवन कुमार ठाकुर और सीओ सन्नी कुमार ने बताया कि स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है. संबंधित विभाग को इसकी सूचना दे दी गई है. उन लोगों ने जल्द से जल्द पुल के निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है.

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समय पर मरम्मत नहीं कराया गयाः ग्रामीणों ने बताया कि 2016 के बाद से इस बार मूसलाधार बारिश हुई. रविवार की अहले सुबह से हो रही तेज बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया. पानी की तेज धार में पुल ढह गया. लोगों का कहना था कि पुल के ढहने से पहले ही उसके कमजोर होने के संकेत मिल रहे थे. लेकिन, समय पर मरम्मत का काम नहीं हो सका. गिरियक में पुल ढहने से स्थानीय निवासियों के लिए भारी समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि यह पुल गांव को आस-पास के अन्य क्षेत्रों से जोड़ने का एकमात्र माध्यम था.

रोजमर्रा जीवन के लिए महत्वपूर्ण थाः पुल के टूट जाने से आस-पास के गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से कट गया है. पुल के बह जाने से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है. ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस घटना से ग्रामीणों में भारी चिंता व्याप्त है. क्योंकि, यह पुल न केवल उनके दैनिक जीवन का हिस्सा था, बल्कि गांव के बच्चों के लिए स्कूल जाने का एकमात्र रास्ता भी था.

क्या कहते हैं अधिकारीः ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. इस संबंध में गिरियक प्रखंड विकास पदाधिकारी पवन कुमार ठाकुर और सीओ सन्नी कुमार ने बताया कि स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है. संबंधित विभाग को इसकी सूचना दे दी गई है. उन लोगों ने जल्द से जल्द पुल के निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है.

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