हजारीबागः जिला के ग्रामीण क्षेत्र भी आज भी लोगों को बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं हैं. कई गांव में सड़क और पुल-पुलिया का अभाव है. मानसून के वक्त छोटे-छोटे नाले में बहुत अधिक पानी भी आ जाता है. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
पुल बह जाने से सिजुआ गांव टापू में तब्दील
हजारीबाग के बरकट्ठा प्रखंड की चेचकपी पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 1 सिजुआ में भी ऐसे ही हालात हैं. गांव में सड़क और पुल नहीं होने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जो पुल ग्रामीणों ने बनाया था, वह भारी बारिश के कारण बह गया. ऐसे में पूरे गांव का संपर्क मुख्यालय से कट गया है. इस कारण शिक्षक भी स्कूल में नहीं पहुंच पा रहे हैं और ग्रामीणों को शहर पहुंचने में परेशानी हो रही है.
मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में हो रही परेशानी
यहां तक की बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचने में भी समस्या हो रही है. शनिवार को वार्ड नंबर एक सिजुआ गांव की महिला 60 वर्षीय टिमनी देवी बीमार हो गई थी. इस कारण ग्रामीण उन्हें खाट पर टांग कर अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन नदी पर पुल के बह जाने से ग्रामीण नदी नहीं पार कर सके. इस कारण बीमार बुजुर्ग को वापस गांव ले जाया गया. ग्रामीणों ने कहा कि अब बुजुर्ग महिला का इलाज गांव में ही जड़ी-बूटी से करेंगे.
आश्वासन मिला था, पर नहीं बनी सड़कः मुखिया
वहीं इस संबंध में मुखिया रीता देवी ने बताया सड़क बनाने की मांग पूर्व से करते आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव के समय इलाके के ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर वोट बहिष्कार का एलान भी किया था. लेकिन उस वक्त प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि सड़क का निर्माण करा दिया जाएगा. इसके बाद ग्रामीणों ने मतदान किया था. लेकिन अब तक सड़क निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं की गई और अब विधानसभा चुनाव आने को है.
गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
वहीं ग्रामीण शंकर सिंह ने कहा कि सरकार ग्रामीणों को सुविधा देने के नाम पर मंच से कई घोषणाएं करती हैं. लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं होता है. गांव में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं. सड़क नहीं होने के कारण शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे हैं और मरीज को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी हो रही है.
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