कानपुर: जब कहीं आगजनी की घटना होती है, तो पीड़ित सबसे पहले अपनी जान की फिक्र करते हैं. धुएं के गुबार को देखकर लोग कहते हैं कि यहां से हट जाओ वरना सांस उखड़ जाएगी. वहीं इसके विपरीत दमकल विभाग के कर्मी होते हैं, वह अपनी जान की परवाह किए बीना आगजनी वाले स्थल पर दूसरों की जान बचाने के लिए पहुंच जाते हैं. ऐसे में कर्मियों को कई बार उन स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी सेहत पर बहुत अधिक नुकसान होता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. ऐसे कर्मियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए, उनके लिए ब्रीदिंग एप्रेटस सेट बनाया गया है. शहर के सभी फायर स्टेशंस में इन्हें पहुंचाया गया हैं. आधुनिक सुविधाओं वाले इन सेट को पहनकर दमकल कर्मी धुएं के गुबार में भी लोगों की आसानी से जान बचा सकते हैं.
बड़े क्षेत्रफल वाले इलाकों में 8-10 सेट रखवाए गए: इस पूरे मामले पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) दीपक शर्मा ने बताया, कि कानपुर में गर्मी के साथ-साथ सर्दी के दिनों में भी भीषण आग वाली घटनाएं सामने आई है. ऐसे में सभी स्टेशंस पर बीए सेट को एक्टिव कराया गया है. बड़े क्षेत्रफल वाले इलाकों में जहां स्टेशंस पर आठ से 10 सेट रखवाए गए हैं, वहीं छोटे स्टेशन पर दो से तीन सेट हमेशा मौजूद रहते हैं.
शहर में ये प्रमुख अग्निकांड हुए:
- दो अप्रैल को शहर के बांसमंडी में आग के दौरान 1000 से अधिक दुकानें जली थीं
- 15 मई को शहर के बादशाहीनाका थाना के पीछे साड़ी शोरूम में आग लगी थी
- 19 जून को कानपुर यूनिवर्सिटी के मूल्यांकन भवन में आग लगी, पूरा तल खाक हो गया था
- 11 सितंबर को परेड चौराहा के समीप एक भवन में आग लगी, लाखों रुपये का चमड़ा जलकर खाक हो गया था
- 13 नवंबर को काकादेव थाना क्षेत्र स्थित एक इलेक्ट्रानिक्स शोरूम में आग लगी, लाखों रुपये के उत्पाद जल गए
- 15 जनवरी को शहर के चमनगंज थाना क्षेत्र स्थित एक कॉम्प्लेक्स में आग लगी, 30 से अधिक लोगों की जान बचाई गईं
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