सोलन: हिमाचल प्रदेश में परवाणु से लेकर शिमला तक फोरलेन का निर्माण कार्य जारी है. परवाणू से कैथलीघाट तक फोरलेन बनकर तैयार नजर आ रहा है. ढली तक फोरलेन निर्माण अभी भी जारी है. फोरलेन निर्माण कार्य के दौरान मंगलवार को ढली-कैथलीघाट फोरलेन पर शोघी के पास गोरेगांव से संगल के बीच 700 मीटर लंबी सुरंग के दोनों छोर मिल गए.
एनएचएआई हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित की अध्यक्षता में सुरंग की ब्रेकथू सेरेमोनी हुई. यह सुरंग क्षेत्र में यातायात सुधारने के उद्देश्य से बनाई जा रही है. इसका निर्माण 2023 में शुरू हुआ था. सुरंग के निर्माण में 200 मजदूरों और 50 मशीनों की तैनाती की गई थी. यह सुरंग दो लेन की होगी. इस सुरंग के बनने से ट्रैफिक आवागमन में आसानी होगी और यात्रा का समय कम होगा. सुरंग का निर्माण कार्य पर्यावरण के मानकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. स्थानीय निवासियों ने इस परियोजना में सक्रिय भागीदारी निभाई है और इसके पूरा होने से उन्हें काफी लाभ होने की उम्मीद है.
सुरंग बनने से शिमला से चंडीगढ़ के बीच यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. सुरंग को अब अंतिम रूप दिया जाएगा. बता दें कि पहले चरण में कैथलीघाट से शकराल गांव तक 1,844 करोड़ रुपये से 17.5 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है. इसमें 20 पुल, दो टनल, एक अंडरपास, 53 कलवर्ट, एक प्रमुख जंक्शन, 2 अल्प जंक्शन, एक टोल प्लाजा बनेगा. वहीं, दूसरे चरण में शकराला गांव से ढली-मशोबरा जंक्शन तक 11 किलोमीटर सड़क पर 2,070 करोड़ खर्च होंगे. इसमें तीन सुरंगें और सात पुल बनेंगे. एक पुल जमीन से 240 मीटर ऊपर बनेगा यह 580 मीटर लंबा होगा. इसके अलावा एक केबल पुल भी बनेगा. एनएचएआई का वर्ष 2026 तक इस निर्माण कार्य पूरा करने का लक्षय है. डबल लेन सड़क से कैथलीघाट और ढली के बीच की दूरी 40 किलोमीटर से घटाकर 28.5 किमी रह जाएगी. इस प्रोजेक्ट पर 3,914 करोड़ रुपये खर्च होंगे.