जगदलपुर : बस्तर में विश्व आदिवासी दिवस के दौरान वीर शहीद झाड़ा सिरहा को उनके वंशज और समाज ने याद किया. वीर झाड़ा सिरहा ने साल 1976 में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान विद्रोह किया था. इस दौरान झाड़ा सिरहा ने बस्तर के आदिवासियों के लिए खूब लड़ाई लड़ी थी. यह विद्रोह तोकापाल ब्लॉक के आरापुर गांव से शुरू हुआ था.आज भी झाड़ा सिरहा के वंशज गांव में है. झाड़ा सिरहा की मूर्ति केशलूर में स्थापित की गई है. जहां पहुंचकर समाज के लोगों और परिवार के सदस्यों ने उन्हें याद किया. इस दौरान समाज के लोगों ने बताया कि हर साल इसी तरह वीर झाड़ा सिरहा को याद किया जाता है.
विश्व आदिवासी दिवस पर युवाओं ने बताई समस्याएं : ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बस्तर के आदिवासी युवाओं ने कहा कि बस्तर में काफी समस्याएं बनी हुई हैं. एक नक्सलवाद, दूसरा जल जंगल जमीन और तीसरा संवैधानिक हक.इसके लिए निरन्तर आदिवासी लड़ रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या आदिवासियों में ये है कि आज आदिवासी समाज अलग-अलग वर्गों और संगठनों में बंटा हुआ है.सभी एक मंच में नहीं आ पा रहे हैं. इस कारण बस्तर के मूल निवासियों की समस्या बनी हुई है. यदि सभी एकजुट होंगे तो निश्चित ही समस्या का समाधान होगा. और सरकार भी बातों को अच्छे से सुनेगी.
आदिवासियों को एकजुटता का संदेश : युवाओं ने कहा कि सभी बस्तर, छत्तीसगढ़ और देश के आदिवासियों को एकजुट होने की आवश्यता है. साथ ही सभी ST, SC, OBC मूलनिवासी सभी साथ रहे. अनेकता में ही एकता है. क्योंकि SC और OBC वर्ग यह नहीं समझते कि वो भी आदिवासी मूलनिवासी है. उनको भी आगे आने की आवश्यकता है.
शिक्षा से आदिवासियों का होगा विकास : आदिवासी युवा ने अपील करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज जो अपने हक और अधिकार के लिए लड़े और शहीद हुए. उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है. उस जमाने मे मोबाइल नेटवर्क या आपसी बातचीत का कोई जरिया नहीं था. इसके बावजूद लोग संगठित थे. लेकिन आज पर्याप्त संसाधन होने के बाद भी आदिवासी संगठित नहीं है. इसीलिए युवाओं से अपील है कि नशे से दूर रहकर शिक्षा की ओर आगे बढ़े. शिक्षा में बढ़ेंगे तो निश्चित हो अपने हक अधिकार को समझकर संगठित होकर लड़ेंगे. क्योंकि शिक्षा ही समाधान है.