पटना: बिहार पुलिस ने बीपीएससी पेपर लीक मामले में फरार चल रहे 5 आरोपियों को आर्थिक अपराधी इकाई की विशेष टीम ने सोमवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया. जल्द ही पूछताछ के लिए इन को लोगों की रिमांड मिलेगी. ईओयू ने मध्यप्रदेश के उज्जैन से एक महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. सभी 5 आरोपी बिहार के रहने वाले हैं, जिसमें 4 युवक हैं और एक युवती शामिल है. बिहार पुलिस ने उज्जैन पुलिस की मदद से इन आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
बिहार-झारखंड बॉर्डर से भी हुई थी गिरफ्तारी: इस मामले में बिहार-झारखंड बार्डर से आर्थिक अपराध इकाई की टीम के द्वारा 270 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें अभ्यर्थियों के साथ-साथ सॉल्वर गैंग के सदस्य भी शामिल थे. इन्हीं लोगों से पूछताछ के आधार पर इन पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपितों में 28 वर्षीय प्रदीप कुमार, 28 वर्षीय बल्ली उर्फ संदीप कुमार, 26 वर्षीय शिवम कुमार उर्फ डॉक्टर शिवम, 28 वर्षीय तेज प्रकाश के साथ एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है.
कई राज्यों से जुड़े हैं पेपर लीक गिरोह के तार: 15 मार्च को आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले के तार कई राज्यों से जुड़े हैं. इसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं. शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बिहार-झारखंड बॉर्डर के हजारीबाग से परीक्षा के एक दिन पहले 270 अभ्यर्थियों को साल्वर गिरोह के सदस्यों के साथ गिरफ्तार किया गया था.
कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक की मिली थी जानकारी: बीपीएससी पेपर लीक मामले में पूछताछ के आधार पर कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने की जानकारी जांच टीम को मिली थी. इस गिरोह के द्वारा यूपी व दिल्ली की प्रतियोगी परीक्षाओं के भी पेपर लीक से जुड़े होने की जानकारी सामने आयी थी. अब उज्जैन से पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में इन सारे तारों को जोड़ा जाएगा और अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना तक पहुंचने का प्रयास ईओयू की जांच टीम करेगी.
'बिहार में 1000 करोड़ की पेपर लीक इंडस्ट्री': बीपीएससी और बीएसएससी के कई परीक्षाओं में पेपर लीक को उजागर करने वाले छात्र नेता दिलीप ने कहा था कि नया कानून स्वागत योग्य है और पूरे देश में इसे लागू होना चाहिए. बिहार में माफियाओं ने पेपर लीक का करीब-करीब 1000 करोड़ से अधिक का बाजार बना लिया है.
प्रश्न पत्र की कीमत 10 लाख: बता दें कि अभ्यार्थियों से प्रति अभ्यर्थी दस लाख रुपये लेकर उन्हें परीक्षा पूर्व प्रश्न पत्र उत्तर सहित उपलब्ध कराया गया, जिसका अभिलेखीय साक्ष्य पाया गया है. इस संबंध में आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना थाना काण्ड संख्या-06/24, दिनांक 16.03.2024, धारा-420/467/468/471/120(ठ) भा०द०वि० और 3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 तथा 66 आईटी एक्ट-2000 दर्ज कर अग्रतर अनुसंधान एवं विधि सम्मत कार्रवाई किया जा रहा है.
बिहार में पेपर लीक पर कितनी सजा? : बिहार में पेपर लीक को लेकर नीतीश सरकार ने कितने सख्त कानून बनाए हैं. बिहार में पेपर लीक करने वालों पर आईटी एक्ट के तहत सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाता है. बता दें कि पिछले दिनों बीपीएससी की 67वीं प्री परीक्षा में आईपीसी की धारा 420/467/468/120(b) और आईटी एक्ट की धारा 66वीं बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 3/10 के तहत केस दर्ज किया गया था.
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