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'संदेह के घेरे में BPSC की 12 साल की परीक्षाएं', शिक्षक पेपर लीक केस में छात्र नेताओं ने उठाई जांच की मांग - BPSC TRE 3 Paper Leak

BPSC Paper Leak: बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण में हुए पेपर लीक मामले की जांच जारी है. जांच के दौरान कई परतें इस पेपर लीक कांड की खुल रही है. छात्र नेता दिलीप ने कहा कि बिहार में 10 से 12 वर्षों में अब तक की जितनी परीक्षाएं हुई है सभी अब संदेह के घेरे में है. पढ़ें पूरी खबर

बीपाएससी शिक्षक पेपर लीक
बीपाएससी शिक्षक पेपर लीक
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 24, 2024, 5:36 PM IST

बीपाएससी शिक्षक पेपर लीक

पटना: बीपाएससी शिक्षक पेपर लीक मामले में जांच कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं. प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू कर दी है. बिहार झारखंड से आरोपियों के गिरफ्तारी भी हुई है. बिहार के छात्र नेता दिलीप ने बीते 12 वर्ष ऑन में प्रदेश में आयोजित की गई कंपटीशन की परीक्षाओं की जांच की मांग कर दी है.

12 वर्षों की परीक्षाओं की उठी जांच की मांग: बिहार के छात्र नेता दिलीप ने कहा कि 56वीं बीपीएससी से लेकर 69वीं बीपीएससी तक की परीक्षा और शिक्षक बहाली के प्रथम चरण और दूसरे चरण की भी परीक्षा को लेकर जांच की मांग की है. दिलीप ने कहा है कि तीसरे चरण के पेपर लीक में जो जांच में निकाल कर सामने आया है. उसमें यह है कि जिस प्रिंटिंग प्रेस से क्वेश्चन पेपर लीक हुआ है.उसे प्रिंटिंग प्रेस का मालिक पूर्व में भी कई बार क्वेश्चन पेपर लीक में जेल जा चुका है.

बीपीएससी के परीक्षाएं संदेह के घेरे में : छात्र नेता दिलीप ने पूछा है कि जिस प्रिंटिंग प्रेस का मालिक पहले पेपर लीक कांड में जेल जा चुका है. इस प्रिंटिंग प्रेस से बिहार के प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र क्यों छपवाए गए हैं. दिलीप ने कहा है कि बिहार में 10 से 12 वर्षों में अब तक की जितनी परीक्षाएं हुई है सभी अब संदेह के घेरे में है. हर परीक्षा में पहले भी धांधली सेटिंग का आरोप लगाते रहा है और आज कई लोग ऐसे हैं जो पैसे के बलबूते एसडीम, रजिस्टर, डीएसपी, शिक्षक बन गए हैं.

"तीसरे चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा में जो जांच हुई है उसमें कई बातें सामने आई हैं. शिक्षा माफियाओं ने स्वीकार किया है कि पूर्व में भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक में शामिल रह चुके हैं. ऐसे में इनके लीक किए गए प्रश्न को प्राप्त कर जो अभ्यर्थी प्रतियोगी परीक्षा सफल होकर अधिकारी बने हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए."- दिलीप, छात्र नेता

अधिकारियों पर हो कड़ी कार्रवाई: उन्होंने सरकार से अभी मांग करते हैं कि बीपीएससी में कठिन जांच की जाए. सरकार यह पता लगाए कि आखिर वह कौन अधिकारी है जो बार-बार इस प्रिंटिंग प्रेस से क्वेश्चन पेपर छपवाने का निर्णय लेते हैं जो हमेशा क्वेश्चन पेपर लीक करता है और पूर्व में भी ऐसे मामले में जेल जा चुका है. इस मामले में बीपीएससी के जो भी अधिकारी शामिल है उसे पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

बीपाएससी शिक्षक पेपर लीक

पटना: बीपाएससी शिक्षक पेपर लीक मामले में जांच कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं. प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू कर दी है. बिहार झारखंड से आरोपियों के गिरफ्तारी भी हुई है. बिहार के छात्र नेता दिलीप ने बीते 12 वर्ष ऑन में प्रदेश में आयोजित की गई कंपटीशन की परीक्षाओं की जांच की मांग कर दी है.

12 वर्षों की परीक्षाओं की उठी जांच की मांग: बिहार के छात्र नेता दिलीप ने कहा कि 56वीं बीपीएससी से लेकर 69वीं बीपीएससी तक की परीक्षा और शिक्षक बहाली के प्रथम चरण और दूसरे चरण की भी परीक्षा को लेकर जांच की मांग की है. दिलीप ने कहा है कि तीसरे चरण के पेपर लीक में जो जांच में निकाल कर सामने आया है. उसमें यह है कि जिस प्रिंटिंग प्रेस से क्वेश्चन पेपर लीक हुआ है.उसे प्रिंटिंग प्रेस का मालिक पूर्व में भी कई बार क्वेश्चन पेपर लीक में जेल जा चुका है.

बीपीएससी के परीक्षाएं संदेह के घेरे में : छात्र नेता दिलीप ने पूछा है कि जिस प्रिंटिंग प्रेस का मालिक पहले पेपर लीक कांड में जेल जा चुका है. इस प्रिंटिंग प्रेस से बिहार के प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र क्यों छपवाए गए हैं. दिलीप ने कहा है कि बिहार में 10 से 12 वर्षों में अब तक की जितनी परीक्षाएं हुई है सभी अब संदेह के घेरे में है. हर परीक्षा में पहले भी धांधली सेटिंग का आरोप लगाते रहा है और आज कई लोग ऐसे हैं जो पैसे के बलबूते एसडीम, रजिस्टर, डीएसपी, शिक्षक बन गए हैं.

"तीसरे चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा में जो जांच हुई है उसमें कई बातें सामने आई हैं. शिक्षा माफियाओं ने स्वीकार किया है कि पूर्व में भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक में शामिल रह चुके हैं. ऐसे में इनके लीक किए गए प्रश्न को प्राप्त कर जो अभ्यर्थी प्रतियोगी परीक्षा सफल होकर अधिकारी बने हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए."- दिलीप, छात्र नेता

अधिकारियों पर हो कड़ी कार्रवाई: उन्होंने सरकार से अभी मांग करते हैं कि बीपीएससी में कठिन जांच की जाए. सरकार यह पता लगाए कि आखिर वह कौन अधिकारी है जो बार-बार इस प्रिंटिंग प्रेस से क्वेश्चन पेपर छपवाने का निर्णय लेते हैं जो हमेशा क्वेश्चन पेपर लीक करता है और पूर्व में भी ऐसे मामले में जेल जा चुका है. इस मामले में बीपीएससी के जो भी अधिकारी शामिल है उसे पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

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