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छत्तीसगढ़ में बनेगा सीबीजी संयंत्र, कम्प्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन को लेकर हुआ समझौता

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 13, 2024, 4:23 PM IST

Compressed Bio Gas Plants छत्तीसगढ़ में नगरीय ठोस अपशिष्ट के निपटारे को लेकर बड़ा कदम उठाया जा रहा है. रायपुर और भिलाई में कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र स्थापित किया जाएगा. इन दोनों संयंत्रों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड लगभग 100 करोड़ रूपए का निवेश करेगा. बुधवार को सीएम आवास में बीपीसीएल के साथ प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. प्रदेश सरकार ने भी परियोजना को पूरा करने में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया है.

compressed bio gas plants
कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) की स्थापना के लिए त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), छत्तीसगढ़ जैव ईंधन विकास प्राधिकरण (CBDA) व रायपुर और भिलाई नगर निगमों के बीच यह समझौता हुआ है. समझौते के अनुसार, एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम बीपीसीएल लगभग 100 करोड़ रुपये के निवेश के साथ रायपुर और भिलाई में सीबीजी संयंत्र स्थापित करेगा. इसके प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 100-150 टन प्रति दिन होगी.

त्रिपक्षीय समझौते पर किया गया हस्ताक्षर: जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास पर एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये हैं. अधिकारियों के अनुसार, एमओयू पर छत्तीसगढ़ जैव ईंधन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमित सरकार बीपीसीएल, मुंबई के मुख्य महाप्रबंधक अनुराग सरावगी, रायपुर नगर निगम के आयुक्त अविनाश मिश्रा और भिलाई नगर निगम के आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव ने हस्ताक्षर किए हैं.

"शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम": एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री साय ने कहा, "छत्तीसगढ़ के लिए आज ऐतिहासिक अवसर है. जब स्वच्छ राज्य और स्वच्छ ऊर्जा के लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. सीबीजी संयंत्रों की स्थापना स्वच्छ शहर, स्वच्छ ऊर्जा और शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है."

दो सीबीजी संयंत्रों में जैव ईंधन के उत्पादन में प्रतिदिन लगभग 200-250 मीट्रिक टन ठोस कचरे का उपयोग किया जाएगा. इन संयंत्रों की स्थापना से हर साल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 60,000 हजार मानव दिवस प्रतिवर्ष रोजगार मिलेगा. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. - विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

हर साल 45 लाख रुपये तक मिलेगा जीएसटी: कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों में पूरी क्षमता से उत्पादन और बिक्री पर राज्य को प्रति वर्ष 45 लाख रुपये तक जीएसटी प्राप्त होगा. इन पौधों से सह-उत्पाद के रूप में जैविक खाद भी प्राप्त होगी, जिससे राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्यमंत्री ने समझौते में शामिल सभी पक्षों को बधाई और शुभकामनाएं दी.

परियोजना पूरा करने सरकार देगी सहयोग: इस मौके पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छ शहर और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार अग्रसर है. नगरीय प्रशासन और विकास विभाग इस परियोजना के प्रत्येक चरण में पूर्ण सहयोग और संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से भारत सरकार की योजनाओं का सतत लाभ रायपुर और भिलाई शहर के नागरिकों को प्रदान किए जा रहे हैं."

क्या है कम्प्रेस्ड बायो गैस? : कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी), एनारोबिक सड़व की प्रक्रिया के माध्यम से अपशिष्ट जैसे कृषि अवशेष, मवेशी गोबर, गन्ना निचोड़ से प्राप्त अवशेष, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, सीवेज उपचार संयंत्र अपशिष्ट आदि से बनाई जाती है. शुद्धिकरण के बाद इसे संपीड़ित किया जाता है. इसे कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) कहा जाता है, जिसमें मीथेन की उच्च मात्र होती है. इसके अलावा, कन्प्रेस्ड बायो गैस उपलब्ध प्राकृतिक गैस के समान है. जो सीएनजी के समान वैकल्पिक मोटर वाहन ईंधन को रूप में उपयोग किया जा सकता है. देश में बायोगैस की खपत को देखते हुए सीबीजी आने वाले सालों में ऑटोमोबाइल, औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोगों में सीएनजी का स्थान लेने की क्षमता रखती है.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) की स्थापना के लिए त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), छत्तीसगढ़ जैव ईंधन विकास प्राधिकरण (CBDA) व रायपुर और भिलाई नगर निगमों के बीच यह समझौता हुआ है. समझौते के अनुसार, एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम बीपीसीएल लगभग 100 करोड़ रुपये के निवेश के साथ रायपुर और भिलाई में सीबीजी संयंत्र स्थापित करेगा. इसके प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 100-150 टन प्रति दिन होगी.

त्रिपक्षीय समझौते पर किया गया हस्ताक्षर: जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास पर एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये हैं. अधिकारियों के अनुसार, एमओयू पर छत्तीसगढ़ जैव ईंधन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमित सरकार बीपीसीएल, मुंबई के मुख्य महाप्रबंधक अनुराग सरावगी, रायपुर नगर निगम के आयुक्त अविनाश मिश्रा और भिलाई नगर निगम के आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव ने हस्ताक्षर किए हैं.

"शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम": एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री साय ने कहा, "छत्तीसगढ़ के लिए आज ऐतिहासिक अवसर है. जब स्वच्छ राज्य और स्वच्छ ऊर्जा के लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. सीबीजी संयंत्रों की स्थापना स्वच्छ शहर, स्वच्छ ऊर्जा और शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है."

दो सीबीजी संयंत्रों में जैव ईंधन के उत्पादन में प्रतिदिन लगभग 200-250 मीट्रिक टन ठोस कचरे का उपयोग किया जाएगा. इन संयंत्रों की स्थापना से हर साल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 60,000 हजार मानव दिवस प्रतिवर्ष रोजगार मिलेगा. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. - विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

हर साल 45 लाख रुपये तक मिलेगा जीएसटी: कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों में पूरी क्षमता से उत्पादन और बिक्री पर राज्य को प्रति वर्ष 45 लाख रुपये तक जीएसटी प्राप्त होगा. इन पौधों से सह-उत्पाद के रूप में जैविक खाद भी प्राप्त होगी, जिससे राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्यमंत्री ने समझौते में शामिल सभी पक्षों को बधाई और शुभकामनाएं दी.

परियोजना पूरा करने सरकार देगी सहयोग: इस मौके पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छ शहर और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार अग्रसर है. नगरीय प्रशासन और विकास विभाग इस परियोजना के प्रत्येक चरण में पूर्ण सहयोग और संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से भारत सरकार की योजनाओं का सतत लाभ रायपुर और भिलाई शहर के नागरिकों को प्रदान किए जा रहे हैं."

क्या है कम्प्रेस्ड बायो गैस? : कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी), एनारोबिक सड़व की प्रक्रिया के माध्यम से अपशिष्ट जैसे कृषि अवशेष, मवेशी गोबर, गन्ना निचोड़ से प्राप्त अवशेष, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, सीवेज उपचार संयंत्र अपशिष्ट आदि से बनाई जाती है. शुद्धिकरण के बाद इसे संपीड़ित किया जाता है. इसे कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) कहा जाता है, जिसमें मीथेन की उच्च मात्र होती है. इसके अलावा, कन्प्रेस्ड बायो गैस उपलब्ध प्राकृतिक गैस के समान है. जो सीएनजी के समान वैकल्पिक मोटर वाहन ईंधन को रूप में उपयोग किया जा सकता है. देश में बायोगैस की खपत को देखते हुए सीबीजी आने वाले सालों में ऑटोमोबाइल, औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोगों में सीएनजी का स्थान लेने की क्षमता रखती है.

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