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बिक गया उत्पाद विभाग का वेयर हाउस, खरीदार बना मोंगिया स्टील का डायरेक्टर, शिकायत पर जांच के बाद गाड़ा बोर्ड - गिरिडीह उत्पाद विभाग वेयरहाउस

Mongia Steel Land Dispute. गिरिडीह में जमीन की हेराफेरी लगातार होती रही है. इस बार सरकारी जमीन को बेच दिया गया है. जमीन की रजिस्ट्री मोंगिया स्टील के निदेशक के नाम पर हुई है. झामुमो की शिकायत पर प्रशासन ने जांच की है और उक्त जमीन पर विभाग ने बोर्ड भी गाड़ दिया है.

Mongia Steel Land Dispute
Mongia Steel Land Dispute
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 6, 2024, 9:37 PM IST

Updated : Mar 7, 2024, 1:56 PM IST

बिक गया उत्पाद विभाग का वेयर हाउस, खरीदार बना मोंगिया स्टील

गिरिडीह: उत्पाद विभाग की जमीन बिक गई है. जमीन का निबंधन भी हो गया है. यह जमीन नगर निगम क्षेत्र के बरमसिया में स्थित है. जमीन की खरीदारी मोंगिया स्टील के निदेशक के नाम पर की गई. यह मामला झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमिटी की शिकायत के बाद जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर अधीक्षक उत्पाद की जांच के बाद उजागर हुआ है. डीसी के निर्देश पर हुई जांच के बाद उत्पाद अधीक्षक ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भी प्रेषित कर दी है.

क्या है रिपोर्ट में

अधीक्षक उत्पाद ने डीसी को प्रेषित रिपोर्ट में कहा है कि गिरिडीह अंचल के शहरी क्षेत्र में मौजा बरमसिया में अवस्थित उत्पाद विभाग की जमीन को बेचे जाने का मामला सामने आया जो कि समझ से परे है. कहा है कि विगत कई वर्षों से इस जमीन को सीधे तौर पर उत्पाद विभाग के द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है एवं गिरिडीह नगर निगम में भी एक्साइज वेयर हाउस के रूप में दर्ज है एवं उत्पाद विभाग प्रत्येक साल होल्डिंग कर का भुगतान करता है. साथ ही बिजली विभाग को बिजली बिल का भी भुगतान उत्पाद विभाग के द्वारा किया जाता है.

उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला समिति गिरिडीह द्वारा बताया गया है कि केवाला संख्या 2830 दिनांक 10 नवंबर 2020 के द्वारा किसी उघोगपति को जमीन बेच दी गई है. इस बारे में विभाग को कोई जानकारी नही है. उत्पाद विभाग विगत कई वर्षों से जब्त उत्पाद प्रदर्श रखने के काम में इसे ला रहा है साथ ही सुरक्षा के दृ‌ष्टिकोण से गृह रक्षक बल का बैरक इसी परिसर में बने हुए कमरे में बनाया गया है.

क्रेता से पूछताछ करने की कही बात

डीसी को प्रेषित रिपोर्ट में अधीक्षक उत्पाद ने कहा है कि क्रेता से पूछताछ करने की जरूरत है कि आखिर सरकारी जमीन की खरीद कैसे हुई. इस फर्जीवाड़े में शामिल सभी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने, केवाला को रद्द करने की बात कही है. हालांकि झामुमो द्वारा पूछे गए सवाल पर उत्पाद अधीक्षक ने यह कहा है कि इस जमीन से संबंधित गिरिडीह उत्पाद कार्यालय में कोई कागजात उपलब्ध नहीं है. इधर ईटीवी भारत ने भी उत्पाद अधीक्षक से बात की. उन्होंने ऑन कैमरा बताया कि जमीन सरकारी है, जिसकी रजिस्ट्री मोंगिया के नाम पर हुई है. कहा कि अब प्राथमिकी दर्ज होगी.

लगाया गया बोर्ड

इधर, जमीन को लेकर सवालों के घेरे में मोंगिया स्टील के साथ-साथ जमीन को बेचने वाले, रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारी व कर्मी, एलपीसी जारी करने वाले कर्मी हैं. इधर इन सबों के बीच उक्त जमीन पर प्रशासन ने बोर्ड भी गाड़ दिया है.

रैयती जमीन को खरीदा: गुणवंत

इधर, इन आरोपों को लेकर मोंगिया स्टील के गुणवंत सिंह मोंगिया से बात की गई. उन्होंने कहा कि जो कागजात हमारे पास उपलब्ध हैं उसके अनुसार यह रैयती जमीन है जिसे उत्पाद विभाग ने लीज पर ले रखा था. जमीन रैयती जानकर, पेपर समझ कर ही खरीदी गई है. यदि जमीन सरकार की है तो उसका पेपर भी विभाग के पास होगा. जांच में जमीन सरकार की निकलेगी तो निबंधन रद्द होगा लेकिन यदि रैयती निकली तो फिर विभाग को बताना होगा कि वे कैसे इस जमीन को अपना बता रहे हैं. कहा कि एलपीसी की जानकारी विक्रेता ही दे सकते हैं.

झामुमो ने क्या कहा है शिकायत में

झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने 21 फरवरी को जो शिकायत डीसी से की है उसमें कई बातों का जिक्र है. शिकायत में संजय सिंह ने सीधा कहा है कि गिरिडीह अंचल के शहरी क्षेत्र में मौजा बरमसिया में अवस्थित उत्पाद विभाग की जमीन को बेच दी गई है. कहा है कि बरमसिया स्थित उत्पाद विभाग की जमीन जिसका ब्यौरा थाना संख्या 230, खाता 173, प्लॉट 256, 257 एवं 260 कुल रकबा 1.12 एकड़ पर उत्पाद विभाग का भवन, मद्य भंडार एवं परिसर अवस्थित है. इस जमीन को वर्ष 2020 में सुजीत मुखर्जी, पिता- हरनाथ मुखर्जी, गौरव मुखर्जी, पिता- परवीर मुखर्जी निवासी कोलकाता के द्वारा केवाला संख्या-2830 के द्वारा गिरिडीह के एक उद्योगपति को बेच दिया गया है.

जांच के बाद अंचल अधिकारी ने अपने पत्रांक 677, दिनांक 24.05.2023 से यह स्पष्ट किया है कि उपरोक्त भूमि पर एक्साइज वेयर हाउस अवस्थित है और गिरिडीह नगर निगम के असाइसनमेंट डिमांड रजिस्टर पंजी के क्रम संख्या - 875 के तहत उत्पाद विभाग के नाम से एक्साइज वेयर हाउस के रूप में दर्ज है. जिसे दिनांक 10 नवंबर 2020 को केवाला संख्या 2830 के द्वारा क्रेता मोंगिया स्टील लि० के निदेशक गुणवंत सिंह मोंगिया को बिक्री किया गया है. संजय सिंह ने केवाला के लिए उपयोग में लाये गए एलपीसी का भी जिक्र अपनी शिकायत में की है, बताया है कि इस एलपीसी को अंचलाधिकारी ने फर्जी बताया है. ऐसे में फर्जी एलपीसी पर निबंधन कैसे हुआ.

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बिक गया उत्पाद विभाग का वेयर हाउस, खरीदार बना मोंगिया स्टील

गिरिडीह: उत्पाद विभाग की जमीन बिक गई है. जमीन का निबंधन भी हो गया है. यह जमीन नगर निगम क्षेत्र के बरमसिया में स्थित है. जमीन की खरीदारी मोंगिया स्टील के निदेशक के नाम पर की गई. यह मामला झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमिटी की शिकायत के बाद जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर अधीक्षक उत्पाद की जांच के बाद उजागर हुआ है. डीसी के निर्देश पर हुई जांच के बाद उत्पाद अधीक्षक ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भी प्रेषित कर दी है.

क्या है रिपोर्ट में

अधीक्षक उत्पाद ने डीसी को प्रेषित रिपोर्ट में कहा है कि गिरिडीह अंचल के शहरी क्षेत्र में मौजा बरमसिया में अवस्थित उत्पाद विभाग की जमीन को बेचे जाने का मामला सामने आया जो कि समझ से परे है. कहा है कि विगत कई वर्षों से इस जमीन को सीधे तौर पर उत्पाद विभाग के द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है एवं गिरिडीह नगर निगम में भी एक्साइज वेयर हाउस के रूप में दर्ज है एवं उत्पाद विभाग प्रत्येक साल होल्डिंग कर का भुगतान करता है. साथ ही बिजली विभाग को बिजली बिल का भी भुगतान उत्पाद विभाग के द्वारा किया जाता है.

उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला समिति गिरिडीह द्वारा बताया गया है कि केवाला संख्या 2830 दिनांक 10 नवंबर 2020 के द्वारा किसी उघोगपति को जमीन बेच दी गई है. इस बारे में विभाग को कोई जानकारी नही है. उत्पाद विभाग विगत कई वर्षों से जब्त उत्पाद प्रदर्श रखने के काम में इसे ला रहा है साथ ही सुरक्षा के दृ‌ष्टिकोण से गृह रक्षक बल का बैरक इसी परिसर में बने हुए कमरे में बनाया गया है.

क्रेता से पूछताछ करने की कही बात

डीसी को प्रेषित रिपोर्ट में अधीक्षक उत्पाद ने कहा है कि क्रेता से पूछताछ करने की जरूरत है कि आखिर सरकारी जमीन की खरीद कैसे हुई. इस फर्जीवाड़े में शामिल सभी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने, केवाला को रद्द करने की बात कही है. हालांकि झामुमो द्वारा पूछे गए सवाल पर उत्पाद अधीक्षक ने यह कहा है कि इस जमीन से संबंधित गिरिडीह उत्पाद कार्यालय में कोई कागजात उपलब्ध नहीं है. इधर ईटीवी भारत ने भी उत्पाद अधीक्षक से बात की. उन्होंने ऑन कैमरा बताया कि जमीन सरकारी है, जिसकी रजिस्ट्री मोंगिया के नाम पर हुई है. कहा कि अब प्राथमिकी दर्ज होगी.

लगाया गया बोर्ड

इधर, जमीन को लेकर सवालों के घेरे में मोंगिया स्टील के साथ-साथ जमीन को बेचने वाले, रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारी व कर्मी, एलपीसी जारी करने वाले कर्मी हैं. इधर इन सबों के बीच उक्त जमीन पर प्रशासन ने बोर्ड भी गाड़ दिया है.

रैयती जमीन को खरीदा: गुणवंत

इधर, इन आरोपों को लेकर मोंगिया स्टील के गुणवंत सिंह मोंगिया से बात की गई. उन्होंने कहा कि जो कागजात हमारे पास उपलब्ध हैं उसके अनुसार यह रैयती जमीन है जिसे उत्पाद विभाग ने लीज पर ले रखा था. जमीन रैयती जानकर, पेपर समझ कर ही खरीदी गई है. यदि जमीन सरकार की है तो उसका पेपर भी विभाग के पास होगा. जांच में जमीन सरकार की निकलेगी तो निबंधन रद्द होगा लेकिन यदि रैयती निकली तो फिर विभाग को बताना होगा कि वे कैसे इस जमीन को अपना बता रहे हैं. कहा कि एलपीसी की जानकारी विक्रेता ही दे सकते हैं.

झामुमो ने क्या कहा है शिकायत में

झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने 21 फरवरी को जो शिकायत डीसी से की है उसमें कई बातों का जिक्र है. शिकायत में संजय सिंह ने सीधा कहा है कि गिरिडीह अंचल के शहरी क्षेत्र में मौजा बरमसिया में अवस्थित उत्पाद विभाग की जमीन को बेच दी गई है. कहा है कि बरमसिया स्थित उत्पाद विभाग की जमीन जिसका ब्यौरा थाना संख्या 230, खाता 173, प्लॉट 256, 257 एवं 260 कुल रकबा 1.12 एकड़ पर उत्पाद विभाग का भवन, मद्य भंडार एवं परिसर अवस्थित है. इस जमीन को वर्ष 2020 में सुजीत मुखर्जी, पिता- हरनाथ मुखर्जी, गौरव मुखर्जी, पिता- परवीर मुखर्जी निवासी कोलकाता के द्वारा केवाला संख्या-2830 के द्वारा गिरिडीह के एक उद्योगपति को बेच दिया गया है.

जांच के बाद अंचल अधिकारी ने अपने पत्रांक 677, दिनांक 24.05.2023 से यह स्पष्ट किया है कि उपरोक्त भूमि पर एक्साइज वेयर हाउस अवस्थित है और गिरिडीह नगर निगम के असाइसनमेंट डिमांड रजिस्टर पंजी के क्रम संख्या - 875 के तहत उत्पाद विभाग के नाम से एक्साइज वेयर हाउस के रूप में दर्ज है. जिसे दिनांक 10 नवंबर 2020 को केवाला संख्या 2830 के द्वारा क्रेता मोंगिया स्टील लि० के निदेशक गुणवंत सिंह मोंगिया को बिक्री किया गया है. संजय सिंह ने केवाला के लिए उपयोग में लाये गए एलपीसी का भी जिक्र अपनी शिकायत में की है, बताया है कि इस एलपीसी को अंचलाधिकारी ने फर्जी बताया है. ऐसे में फर्जी एलपीसी पर निबंधन कैसे हुआ.

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Last Updated : Mar 7, 2024, 1:56 PM IST
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