देहरादूनः उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में 6 से 8वीं तक के छात्र अब राज्य आंदोलन के साथ ही अमर शहीदों के बलिदान की गाथा भी पड़ सकेंगे. इसके लिए कक्षा 6 से 8वीं तक के सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक को शामिल किया जाएगा. दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक का विमोचन किया. साथ ही शिक्षा विभाग को इस बाबत निर्देश दिए कि 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक को छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक तैयार की गई है. सीएम ने कहा कि ये पुस्तक राज्य की युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक, लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य के साथ ही संस्कृति के तमाम आयामों की जानकारी देगी. और राज्य की महान विभूतियों के जीवनी से भी परिचित हो सकेंगे. किसी भी देश या प्रदेश का सामाजिक और आर्थिक विकास, वहां के बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है. हालांकि, इसमें शिक्षकों की भी बड़ी भूमिका होती है.
वहीं, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि बाल साहित्य के रूप में छात्रों के हित में इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया है. इसके जरिए छात्र-छात्राओं को राज्य के प्राकृतिक स्थलों, वेशभूषा, खानपान और संस्कृति की जानकारी मिलेगी. प्रारंभिक कक्षाओं में छात्र श्रीदेव सुमन, तीलू रौतेली समेत अनेकों महान विभूतियों के बारे में पढ़ सकेंगे. तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी ये पुस्तक आधार बनेगी. इस पुस्तक के जरिए बच्चे, राज्य की धार्मिक, एतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित होंगे. साथ ही कहा कि एससीईआरटी की ओर से कक्षा 6 से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक प्रकाशित करने के बाद इसी तरह की अब कक्षा 9 और 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए भी पुस्तक तैयार की जाएगी.
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