वाराणसी: किताबों से लगाव इंसान के जीवन को खूबसूरत बना देता है. कहा ये भी जाता है कि इंसान का सच्चा साथी किताबें होती हैं. ऐसें में आज की डिजिटल दुनिया में हम किताबों से कोसों दूर होते जा रहे हैं. जहां किताबों की हार्ड कॉपी भी लोगों ने खरीदना बंद कर दिया है. सिलेबस की किताबें भी आजकल पीडीएफ में पढ़ी जा रही हैं.
ऐसे में वाराणसी जिला प्रशासन ने एक पहल की शुरुआत करते हुए बुक बैंक खोलने का प्लान बनाया है. जहां पर लोग किताबें जमा कर सकेंगे और जरूरत के हिसाब से निकाल भी सकेंगे. इतना ही नहीं जरूरतमंदों के लिए किताबें दान भी कर सकेंगे. अपने आप में यह अनूठा प्रयास होगा. वाराणसी में सरस्वती पूजा के मौके पर एक अभूतपूर्व कार्य होने जा रहा है.
14 फरवरी को बुक एक्सचेंज-डोनेशन फेस्टिवल की शुरुआत होने जा रही है. जहां पर लोग अपनी किताबें दान कर सकेंगे. इसके साथ ही अपनी कोई भी पसंद की किताब ले जा सकेंगे. इस दौरान कितनी भी संख्या में लोग किताबें दान कर सकते हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. इस फेस्टिवल का आयोजन उदय प्रताप इंटर कॉलेज के परिसर में किया गया है.
बुक फेस्टिवल का क्या है उद्देश्य: इसको लेकर सीडीओ हिमांशु नागपाल ने जानकारी दी है. उनका कहना है कि यह अपने आप में अनूठा फेस्टिवल होगा. इसका उद्देश्य किताबों से लोगों को जोड़ना है. फेस्टिवल का उद्घाटन मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा करेंगे. इस फेस्टिवल में आकर काशीवासी अपने पास मौजूद कोर्स से जुड़ी किताबों के साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक सहित अन्य किताबों को दान कर सकेंगे.
लोग फेस्टिवल में दान कर सकेंगे किताबें: शाम तक चलने वाले इस फेस्टिवल में लोग अपने पास की किताबों को रखकर अपनी मनपसंद किताबें ले जा सकेंगे. ऐसे में बनारस से आने वाले लोगों को इस फेस्टिवल में किताबें मिल सकेंगी. इसके साथ ही उन बच्चों को किताबें आसानी से मिल सकेंगी, जिनके पास किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं. ऐसे में यह पहल गरीबों के बच्चों के भी काम आने वाली है.
कार्यालयों में लगाई जाएंगी रैक: वहीं इसी तरह से एक बुक बैंक की भी तैयारी बनारस में की जा रही है. यह बुक बैंक बनारस से शिक्षण संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में खोला जाएगा. कार्यालयों में एक अलग रैक तैयार की जाएगी जहां जरूरतमंदों के लिए किताबों को जमा किया जा सकेगा. लोग यहां आकर किताबें जमा कर सकेंगे.
छात्र-छात्राओं को मिलेगी सुविधा: इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से किताब ले जा सकेंगे. इसके लिए स्कूल, कॉलेज, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों को जोड़ा जाएगा. यहां पर किताबों के लिए बैंक की व्यवस्था की जाएगी. जैसे लोग पैसों को जमा करते निकालते हैं, उसी तरह से लोग किताबें जमा कर निकाल सकेंगे. इससे विद्यार्थियों के लिए किताबें मिल सकेंगी.
शिक्षण संस्थानों में बुक बैंक की होगी स्थापना: हिमांशु नागपाल ने बताया कि, बुक बैंक जरूरतमंद बच्चों सहित अन्य लोगों को किताबें मुहैया कराएगा. साथ ही किताबों के प्रति लोगों का आकर्षण भी बढ़ेगा. इस दिशा में शिक्षण संस्थानों में बुक बैंक की स्थापना की जाएगी. उन्होंने बताया कि बैंकों की तर्ज पर शिक्षण संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में रैक की स्थापना की जाएगी. जिस भी कार्यालय में यह रैक खुलेगी वहां के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक अपने पास रखी किताबों को दान करने के उद्देश्य से वहां लाकर रख सकेंगे. इसके साथ ही अन्य लोग भी अपने पास रखी किताबें लाकर दान कर सकेंगे.