दुमकाः बिहार के पूर्णिया जिले का इंजीनियरिंग का छात्र पीयूष कुमार बीती शाम दुमका के मयूराक्षी नदी में डूब गया था. देर रात तक उसे निकालने का प्रयास किया गया पर सफलता नहीं मिली. आज आसपास के मछुआरों ने उसके शव को ढूंढ निकाला. पुलिस शव को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाई है. जहां पोस्टमार्टम के बाद डेडबॉडी को परिजनों को सौंप दिया जाएगा.
पूर्णिया से परिजन पहुंचे दुमका
अपने पुत्र पीयूष के नदी में डूबने की खबर पाकर माता-पिता पूर्णिया से आज सुबह दुमका आये और सीधे हुए बासकीचक गांव पहुंचे. पुलिस भी मौके पर पहुंच चुकी थी. उन्होंने काफी संख्या में जमा आसपास के ग्रामीण और मछुआरों को इकट्ठा किया. उन लोगों ने काफी मशक्कत के बाद शव को पानी से बाहर निकाला. पीयूष के शव को देखते ही परिजन चीत्कार कर उठे, जिससे पूरा इलाका गमगीन हो गया.
इंजीनियरिंग के पांचवें वर्ष का छात्र था पीयूष
छात्र पीयूष के पिता संजीव कुमार जो पूर्णिया में किसी निजी संस्थान में काम करते हैं, उन्होंने बताया कि पीयूष पश्चिम बंगाल के हल्दिया इंजीनियरिंग कॉलेज में पांचवें सेमेस्टर का छात्र था. उसकी परीक्षा समाप्त हुई थी और 11 जुलाई को घर पहुंचने वाला था. उसके साथ पूर्णिया का ही उसका एक दोस्त अमर रहता था. इसी बीच दोनों मंगलवार की सुबह कविगुरु एक्सप्रेस से दुमका पहुंचे, जहां उनका एक स्कूली दोस्त गौरव रहता था और बाद में यह घटना घटी. पिता संजीव ने बताया कि उसके दो पुत्र में पीयूष छोटा है बड़ा बेटा दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है.
मृतक के दोस्त गौरव ने दी पूरी जानकारी
इधर पूरे घटनाक्रम के बारे में पीयूष का दोस्त गौरव जो दुमका निवासी है उसने बताया कि हम अपने सोशल मीडिया में बासकीचक गांव स्थित मयूराक्षी नदी के साथ फोटो पोस्ट करते थे तो उसे पीयूष ने देखा था. जब वह दुमका आया तो कहा चलो बासकीचक चलते हैं और वहां जाकर पीयूष और अमर नहाने की जिद करने लगे. दोनों पानी में उतर गए.
इसी बीच पीयूष का पांव फिसल गया और वह गहरे पानी में समा गया. गौरव ने बताया कि आसपास में कुछ लोग मछली मार रहे थे तो हमने उनसे यह निवेदन किया कि मेरा दोस्त डूब रहा है, आप उसे बचाएं पर किसी मछुआरे ने मदद नहीं की. वे कहने लगे जाओ पुलिस को सूचित करो. इसी बीच अंधेरा हो गया और शव को नहीं निकाला जा सका. गौरव ने बताया कि अगर समय पर मछुआरे मदद करते तो हो सकता था उसके मित्र की जान बच जाती.
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