सीतामढ़ी : वैसे तो बिहार के सीतामढ़ी जिले से लगे भारत और नेपाल की सीमा पूरी तरह से खुली है. यही कारण है कि नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के लोग अपने दैनिक उपयोग के सामान की खरीदारी भारतीय सीमा क्षेत्र के बाजारों में करने आते हैं. भारत से जरूरत के हिसाब से सामानों की खरीदारी कर नेपाल चले जाते हैं. हालांकि इससे भारत सरकार के राजस्व को चूना लग रहा है.
भारत और नेपाल में बेटी और रोटी का है संबंध : एक पुरानी कहावत है कि भारत और नेपाल में बेटी और रोटी का संबंध है. इसी कारण पड़ोसी देश नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोग बेरोक-टोक भारतीय सीमा में आते हैं और सामान की खरीदारी कर चले जाते हैं. वहीं इन दोनों भारत नेपाल की सीमा बसविट्टा बॉर्डर के पास नेपाल के लोगों को भारतीय सीमा और भारत के लोगों को नेपाल की सीमा में प्रवेश करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अक्टूबर के महीने में भी उन्हें नाव के सहारे नेपाल में जाना और भारतीय सीमा में आना पड़ रहा है, जिसके कारण लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
"हम लोगों को नाव से यहां आना पड़ता है. पुल होता तो आसानी से आ-जा सकते हैं. नाव छूट गई तो कई घंटे बेकार हो जाते हैं. हमारी मांग है कि यहां पर पुल बने."- नेपाली यात्री
सरकार से पुल बनाने की मांग : नेपाल और भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग दोनों सरकारों से लगातार मांग कर रहे हैं कि यहां पुल बनाया जाए. तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह लोग नाव के सहारे नेपाल में और नेपाल के लोग भारत में प्रवेश कर रहे हैं. वही इन लोगों के साथ नाविक भी नाव पर चढ़ने को लेकर अच्छी खासी रकम ले रहे हैं, हालांकि यह क्षेत्र भारतीय सीमा का है. अब देखना है कि सरकारी इस पर क्या कदम उठाती है.
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