भोपाल/ लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अब गिने-चुने दिन बचे हैं. राजनीतिक दलों ने जोड़-तोड़ का गणित बैठाना शुरू कर दिया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में 'मिशन-80' के लिए जुटी भाजपा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के जरिए सपा के यादव वोट बैंक में सेंधमारी की मजबूत कोशिश कर रही है.
यूपी के आजमगढ़ क्लस्टर में 5 लोकसभा सीटों पर बड़ी संख्या में हैं यादव वोटर
सपा का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ क्लस्टर में शामिल पांच लोकसभा सीटों पर यादव मतदाताओं की बड़ी संख्या है. इसी लिहाज से मोहन यादव को यहां लगाया गया है. राजनीतिक जानकर बताते हैं कि आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर जैसे इलाकों में यादव वोटर काफी तादात में हैं. इन्हें परंपरागत सपा का ही वोटर माना जाता है. इसी कारण भाजपा ने मोहन यादव को मोर्चे पर लगाया है. मोहन के माध्यम से भाजपा उनके वर्ग को संदेश देना चाहती है.
मोहन यादव के जरिए यूपी का भी जातिगत समीकरण साधना चाहती है भाजपा
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जातिवार जनगणना को लेकर भाजपा सरकार को घेरते आ रहे हैं. ऐसे में भाजपा मोहन यादव के जरिए पूर्वांचल में इसकी काट के रूप में प्रस्तुत कर रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश की ओबीसी जातियों में यादवों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है. इस वोट बैंक पर सबसे मजबूत कब्जा सपा का ही माना जाता रहा है. मोहन यादव के जरिए भाजपा यूपी का भी जातिगत समीकरण साधने की कोशिश में है.
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उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में है मोहन यादव की ससुराल
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की ससुराल उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में होने के कारण उनका यूपी से भी गहरा नाता है. ऐसे में एक असर यह भी पड़ने की संभावना है. भाजपा के महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव मंगलवार को आजमगढ़ में आयोजित पांच लोकसभा क्षेत्रों की चुनाव संचालन समिति की बैठक को संबोधित करेंगे.
(Agency- IANS)