धमतरी : छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से हटाकर खुद की सरकार बनाई.लेकिन धमतरी जिले में बीजेपी के कई कार्यकर्ता पार्टी की कार्यशैली को लेकर नाराज हैं.कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें सिर्फ चुनाव या कार्यक्रम के दौरान ही याद किया जाता है. काम निकल जाने के बाद कोई भी नेता उनके पास नहीं आता है.ऐसे में अब बीजेपी के अंदर निकाय चुनाव से पहले अंतर्कलह सामने आ रही है. ताजा घटनाक्रम में धमतरी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा है.
सांसद के कार्यक्रम में पहुंचे नाराज कार्यकर्ता : सोमवार को महासमुंद सांसद रूपकुमारी चौधरी का धमतरी में एक कार्यक्रम था. जिसमें बीजेपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे. इसी बीच नाराज कार्यकर्ताओं का एक झुंड बीजेपी जिलाध्यक्ष के पास पहुंचा और उन्हें आवेदन सौंपा.जिसमें कार्यकर्ताओं ने खुद की अवहेलना करने का आरोप लगाया था.इस पत्र में कार्यकर्ताओं ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी धमतरी के द्वारा ग्राम मुजगहन के बीजेपी कार्यकर्ता का चुनाव के समय ही पूछ परख होता है. बाकी समय मुजगहन के कार्यकर्ताओं का कोई पूछपरख नहीं होता है. इस कारण हमारे ग्राम मुजगहन के समस्त कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी से असंतुष्ट हैं. इस कारण समस्त कार्यकर्ता इस्तीफा दे रहे हैं.
''पिछले 5 सालों में जब भारतीय जनता पार्टी की विधायक धमतरी में थी तो कई दफा उन्हें समस्याओं को लेकर आवेदन सौपा गया था. जिनमें बिजली की समस्या, पानी निकासी, सड़क चौड़ीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर कई बार मांग पत्र सौंपा गया था. बावजूद इसके कोई भी कार्य नहीं किया गया. अब प्रदेश में भी बीजेपी सरकार है. इसके बाद भी अनदेखी किया जा रहा है.'' नारायण सेन, बीजेपी कार्यकर्ता
कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने का दावा : वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रकाश बैस ने कहा कि मंडल स्तर पर जानकारी थी. लेकिन कार्यकर्ताओं की नाराजगी को लेकर हमें किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है.हम पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर उनकी तकलीफों को दूर करेंगे.
बिन कार्यकर्ता निकाय चुनाव बना चुनौती : आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में धमतरी जिला का प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा है. ऐसे में बीजेपी के लिए आने वाले निकाय चुनाव में कार्यकर्ताओं की नाराजगी भारी पड़ सकती है. बात सिर्फ एक ग्राम पंचायत या ब्लॉक की नहीं है.पार्टी के कई कार्यकर्ता दबी आवाज में बड़े नेताओं से नाराज हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए असंतुष्टों को मनाना एक बड़ी चुनौती है.