लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के टिकट की दूसरी सूची घोषणा में विलंब हो रहा है. कई सीटें ऐसी हैं, जहां टिकट के बदलाव पर मामला फंस गया है. बरेली, देवरिया, सहारनपुर, कानपुर, सुल्तानपुर, पीलीभीत, मेरठ और रायबरेली ऐसी सीटें हैं, जिनके टिकट फाइनल नहीं हो पा रहे हैं. इन सीटों पर पिछली बार के उम्मीदवारों ने टिकट कटने की दशा में विद्रोह का बिगुल बजाने की चेतावनी नेतृत्व को दे दी गई है. जिसके बाद बीजेपी यूपी के प्रमुख नेता अब भी दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं. माना जा रहा है कि 21 या 22 मार्च की शाम तक टिकट घोषित किए जाने की संभावना है. जिसको लेकर पहले एक मीटिंग और होगी.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने अब तक 51 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं.जिनमें से 47 सीटों पर उसने अपने ने वर्तमान सांसदों को ही उम्मीदवारी सौंप दी है. अगली सूचियां में 25 और उम्मीदवारों की घोषणा की जानी है. माना जा रहा है कि इन 25 सीटों में जबरदस्त बदलाव होंगे. बाराबंकी से उपेंद्र रावत ने अपना टिकट वापस कर दिया था. उनका कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद टिकट वापस कर दिया गया था.
सुल्तानपुर और पीलीभीत सीट पर मेनका और वरुण गांधी को लेकर जबरदस्त पेंच फंसा हुआ है. पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि मां-बेटे को टिकट मिल जाए. वहीं, सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का धड़ा दोनों नेताओं को लेकर राजी नहीं है. वरुण गांधी ने लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी का सांसद रहते हुए विरोध किया है. दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि वरुण की ओर से नामांकन का पर्चा भी खरीद लिया गया है. पीलीभीत से लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद का नाम चर्चा में है. जबकि सुल्तानपुर से सरोजनीनगर से विधायक राजेश्वर सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला के नाम की चर्चा है.
कानपुर सीट पर बदलाव किया जाना है, मगर पुराने नेता सतीश महाना और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने हो चुके हैं. जिसकी वजह से तीसरी उम्मीदवार की तलाश तेज है. संगठन से जुड़े किसी पुराने बड़े व्यक्ति को कानपुर से उतर जा सकता है. जिसको लेकर जमकर मशक्कत चल रही है. दूसरी और बरेली सीट पर संतोष गंगवार टिकट न छोड़ने को लेकर अड़े हुए हैं. इतने वरिष्ठ नेता को किनारे करने को लेकर पार्टी कशमकश में है. इस वजह से बरेली पर भी मसला अटका हुआ है. देवरिया सीट पर भी पूर्व अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी खड़े हुए हैं यहां पर पार्टी टिकट काटना चाहती है. टिकट काट कर भारतीय जनता पार्टी किसी युवा नेता को यहां मौका देना चाहती है, मगर रमापति राम त्रिपाठी किसी हाल में भी इस सीट से हटाना नहीं चाहते.
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