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उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ में अभ्यर्थियों की मौत पर बीजेपी ने साधा हेमंत सरकार पर निशाना, मामले की न्यायिक जांच की मांग - BJP Targeted Hemant

Excise constable candidates death .बीजेपी ने उत्पाद सिपाही अभ्यर्थियों की मौत पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी का आरोप है कि आनन-फानन में लिए गए फैसले और बदइंतजामी के कारण अभ्यर्थियों की मौत हुई है.

Excise Constable Candidates Death
बाबूलाल मरांडी, सीएम हेमंत सोरेन और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 31, 2024, 10:31 PM IST

रांचीः उत्पाद सिपाही बहाली दौड़ में शामिल अभ्यर्थियों की मौत पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्षी दल भाजपा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नौकरी बांट रहे हैं या मौत.मामले में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने वीडियो जारी कर उत्पाद विभाग की सिपाही भर्ती दौड़ में शामिल बेरोजगार युवाओं की मौत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने हेमंत सरकार के इस फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया है.

बयान देते नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

अभ्यर्थियों की मौत के लिए राज्य सरकार को घेरा

नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि पहले तो 5 वर्ष में हेमंत सरकार नौकरी देने का वादा पूरा नहीं कर सकी और जब युवाओं का आक्रोश सड़कों पर दिखा और विपक्ष का दबाव बढ़ा तो आनन-फानन में उत्पाद सिपाही की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी. इस उमस भरी गर्मी में 1 घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ को पूरा करने में न जाने कितने छात्र गंभीर रूप से बीमार हो गए और कई की जान भी चली गई है. उन्होंने कहा कि राज्य के युवा सरकारी नौकरी को पाने के लिए अपने जान दांव पर लगाने तक को मजबूर हैं. वहीं राज्य सरकार की संवेदना मर चुकी है.

मृत छात्रों के परिजनों को मिले मुआवजा

नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने राज्य सरकार से मांग की है कि इस दौड़ में जितने भी छात्रों की मौत हुई है उनके परिजनों को अविलंब सरकार मुआवजा दें और एक मेडिकल टीम गठित कर इस दौड़ में सही मानकों की प्रक्रिया को पूरा करें. उसके बाद ही दौड़ कराएं.

बाबूलाल मरांडी ने भी साधा सरकार पर निशाना

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उत्पाद सिपाही भर्ती के लिए हो रहे दौड़ पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि इसके लिए अधिसूचना 8 अगस्त को निकाली गई थी.14 अगस्त को एडमिट कार्ड दिया गया और शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए 22 अगस्त से दौड़ का आयोजन शुरू किया गया. ऐसे में महज 15 दिनों में अभ्यर्थी दौड़ की क्या तैयारी करेंगे? हेमंत सरकार द्वारा आपाधापी में भादो की उमस भरी गर्मी में दौड़ आयोजित कराने के कारण ही राज्य के 10 बेरोजगार युवक मौत के मुंह में समा गए.

युवकों की मौत की न्यायिक जांच हो

बाबूलाल ने कहा हेमंत सरकार ने भर्ती केंद्रों पर न तो पीने के पानी की व्यवस्था की, न शौचालय की और न ही महिलाओं द्वारा छोटे बच्चों को स्तनपान कराने की कोई व्यवस्था की गई है. ऐसी कुव्यवस्था से तो बेरोजगार युवा मरेंगे ही. उन्होंने कहा कि हेमंत जी, लगता है आपने नौकरी नहीं देने के लिए, बल्कि मौत बांटने का इंतजाम पक्का कर दिया है. उन्होंने कहा कि इन बेरोजगार युवकों के मौत की न्यायिक जांच सरकार कराए और मृत युवकों के आश्रितों को उचित मुआवजा तथा सरकारी नौकरी उपलब्ध कराएं.

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बयान देते नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

अभ्यर्थियों की मौत के लिए राज्य सरकार को घेरा

नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि पहले तो 5 वर्ष में हेमंत सरकार नौकरी देने का वादा पूरा नहीं कर सकी और जब युवाओं का आक्रोश सड़कों पर दिखा और विपक्ष का दबाव बढ़ा तो आनन-फानन में उत्पाद सिपाही की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी. इस उमस भरी गर्मी में 1 घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ को पूरा करने में न जाने कितने छात्र गंभीर रूप से बीमार हो गए और कई की जान भी चली गई है. उन्होंने कहा कि राज्य के युवा सरकारी नौकरी को पाने के लिए अपने जान दांव पर लगाने तक को मजबूर हैं. वहीं राज्य सरकार की संवेदना मर चुकी है.

मृत छात्रों के परिजनों को मिले मुआवजा

नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने राज्य सरकार से मांग की है कि इस दौड़ में जितने भी छात्रों की मौत हुई है उनके परिजनों को अविलंब सरकार मुआवजा दें और एक मेडिकल टीम गठित कर इस दौड़ में सही मानकों की प्रक्रिया को पूरा करें. उसके बाद ही दौड़ कराएं.

बाबूलाल मरांडी ने भी साधा सरकार पर निशाना

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उत्पाद सिपाही भर्ती के लिए हो रहे दौड़ पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि इसके लिए अधिसूचना 8 अगस्त को निकाली गई थी.14 अगस्त को एडमिट कार्ड दिया गया और शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए 22 अगस्त से दौड़ का आयोजन शुरू किया गया. ऐसे में महज 15 दिनों में अभ्यर्थी दौड़ की क्या तैयारी करेंगे? हेमंत सरकार द्वारा आपाधापी में भादो की उमस भरी गर्मी में दौड़ आयोजित कराने के कारण ही राज्य के 10 बेरोजगार युवक मौत के मुंह में समा गए.

युवकों की मौत की न्यायिक जांच हो

बाबूलाल ने कहा हेमंत सरकार ने भर्ती केंद्रों पर न तो पीने के पानी की व्यवस्था की, न शौचालय की और न ही महिलाओं द्वारा छोटे बच्चों को स्तनपान कराने की कोई व्यवस्था की गई है. ऐसी कुव्यवस्था से तो बेरोजगार युवा मरेंगे ही. उन्होंने कहा कि हेमंत जी, लगता है आपने नौकरी नहीं देने के लिए, बल्कि मौत बांटने का इंतजाम पक्का कर दिया है. उन्होंने कहा कि इन बेरोजगार युवकों के मौत की न्यायिक जांच सरकार कराए और मृत युवकों के आश्रितों को उचित मुआवजा तथा सरकारी नौकरी उपलब्ध कराएं.

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