जयपुर: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें गहलोत ने प्रदेश की सरकार को निकम्मी-नकारा कहा था. इसके जवाब में उन्होंने 'खिसियानी बिल्ली...' मुहावरे का प्रयोग किया.अग्रवाल ने मणिपुर को लेकर अशोक गहलोत के बयान पर भी पलटवार किया और कहा, पहले उन्हें यह विचार करना चाहिए कि उनकी सरकार जनता की नजर में असफल क्यों हुई. वे राजस्थान की बात करें और यह बताएं कि यहां की हार से उन्होंने क्या सबक लिया. मणिपुर अभी उनके लिए दूर है.
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा था कि सरकार ने एक साल में कोई काम नहीं किया. यह निकम्मी-नकारा सरकार है, जो 9 जिलों को खत्म करने को अपनी एक साल की उपलब्धि बताएगी. अशोक गहलोत ने आज मंगलवार को मणिपुर मामले को लेकर वहां के सीएम के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है.
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3 जनवरी तक जिलाध्यक्षों की सूची होगी तय: राधा मोहन दास अग्रवाल ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा, हम तो संगठन चुनाव के अंतिम दौर में आ चुके हैं. मंडल अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया चल रही है. हमारी टीम रात-रातभर बैठकर संगठन के हित में निर्णय ले रही है. हम 3 जनवरी तक संभावित जिलाध्यक्षों की सूची भी तैयार कर लेंगे. इसके बाद राष्ट्रीय नेतृत्व की सहमति लेकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 10 जनवरी से पहले सभी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति हो जाए. इससे आने वाले समय में प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति हो सके.
गहलोत के लिए मणिपुर अभी दूर: अशोक गहलोत के मणिपुर को लेकर दिए गए बयान पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, अशोक गहलोत पर वे कोई बयान दें, अच्छा नहीं लगता. जनता पहले से ही बोल चुकी है. उन्हें 2023 में जनता बता चुकी है कि उन्होंने कितनी मेहनत, निष्ठा और प्रतिबद्धता से सरकार चलाई थी. उन्हें यह विचार करना चाहिए कि उनकी सरकार जनता की नजर में असफल क्यों हुई. उन्होंने कहा, वे (गहलोत) राजस्थान कि बात करें और बताएं कि क्यों हारे और उस हार से सबक क्या लिया. उनके लिए मणिपुर अभी दूर है.
संगठन सतत चलने वाली प्रक्रिया: उन्होंने कहा, संगठन एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है. उन्होंने पूछा, मदन राठौड़ से पहले क्या कोई अध्यक्ष नहीं था. आज इनके सामने कह रहा हूं कि क्या आज से पांच साल बाद कोई दूसरा प्रदेशाध्यक्ष नहीं होगा, जरूर होगा. यह हमारे संगठन की स्थापित प्रक्रिया है कि हम नए लोगों को काम करने का अवसर देते हैं.
सरकार के काम से संतुष्ट: मंत्रिमंडल विस्तार के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल उनका विषय ही नहीं है. इस बारे में आपको मुख्यमंत्री से बातचीत करनी चाहिए. इसके बारे में न तो वह बता सकते हैं और न ही प्रदेशाध्यक्ष. यह बात आप मुख्यमंत्री से पूछिए. हम तो उनकी कार्यप्रणाली और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों से संतुष्ट हैं.
प्रदेशाध्यक्ष की प्रक्रिया चल रही है: उन्होंने संगठन चुनाव और अगले प्रदेशाध्यक्ष के नाम से जुड़े सवाल पर कहा कि यह उनकी मजबूरी है कि ज्यादा बता नहीं सकते. वे बोले, मैं यहां का चुनाव अधिकारी और ऑब्जर्वर भी हूं. चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. अब चुनाव से पहले ही घोषित कर दूं कि प्रदेशाध्यक्ष ये रहेंगे, यह कैसे संभव है?.
सरकार ने एक साल में किया क्रांतिकारी काम: उन्होंने सरकार के एक साल के कार्यकाल में कामकाज पर संतोष जताते हुए कहा कि इससे सफल कोई सरकार हो सकती है क्या?. एक साल में जो क्रांतिकारी काम मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने किया है. राजस्थान के विकास, अपराध नियंत्रण, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में, समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने, सामाजिक समीकरण साधकर सरकार बनाने में और पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के लिए काम हुआ है.
अगले चुनाव में 160 सीट जीतेंगे: अशोक गहलोत के नकारा-निकम्मी सरकार कहने पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, वे बैठकर मूल्यांकन करें. हम जब चार साल बाद चुनाव में जाएंगे. पहले से और अधिक सीट जीतकर आएंगे. अभी तो हमें अगले चुनाव में 160-170 सीटें जीतनी हैं.