नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. अब दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पराली से होने वाले प्रदूषण के आंकड़ों पर आम आदमी पार्टी को घेरा है. उन्होंने पर्यावरण मंत्री गोपाल राय से पंजाब सरकार को बचाने और दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिए इस्तीफे की मांग की.
सचदेवा ने कहा कि गोपाल राय 10 साल से दिल्ली के मंत्री और गत कई वर्ष से पर्यावरण जैसा महत्वपूर्ण विभाग देखते हैं, पर दिल्ली वालों के स्वास्थ हित की सोचने की जगह पंजाब सरकार के राजनीतिक हित संरक्षण की सोचते हैं. अब समय आ गया है कि या तो वह पंजाब सरकार पर कार्रवाई की मांग करें या इस्तीफा दें. सचदेवा ने कहा कि गोपाल राय ओछी राजनीति करते हुए दिल्ली को गैस चेम्बर बनाने का दोष हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार पर डाल रहे हैं. जबकि, वास्तविकता यह है कि पंजाब सरकार पराली से होने वाले प्रदूषण का असली दोषी है.
सचदेवा ने कहा कि वर्तमान सीजन को देखें या गत वर्षों के साफ है कि पंजाब उत्तर भारत को पराली प्रदूषण की आग में झोंकने का सबसे बड़ा दोषी है. गत 24 घंटे यानी बीते 22 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की 71 नई घटनाएं हुई. वहीं, हरियाणा में 10 और उत्तर प्रदेश में केवल 17 नई घटनाएं हुई. वर्तमान सीजन यानी 15 सितंबर से 22 अक्टूबर तक आईएआरआई आंकड़ों अनुसार, पंजाब में 1581 पराली जलाने की घटनाएं हुई. जबकि, हरियाणा में 665 एवं उत्तर प्रदेश में 740 खेत जलाए गए. यहां तक की गोपाल राय के दावों के विपरीत दिल्ली में भी 11 खेत जलाने की घटनाएं सामने आई है.
सचदेवा ने कहा कि आईएआरआई आंकड़े के मुताबिक, 2023 में पंजाब में पराली जलने की 9000 के आसपास घटनाएं हुई. जबकि, हरियाणा में 1000 से भी कम. यह आंकड़े बताते हैं प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार पंजाब है. इसी तरह पंजाब में खेत जलाने का क्षेत्रफल भी तेज़ी से बढ़ रहा है. 2022 में पंजाब में 15.43 लाख हेक्टेयर खेत जले, जो 2023 में बढ़ कर 19 लाख हेक्टेयर हो गए और वर्तमान वर्ष में और भी बढ़ेगा. पंजाब में पहले छोटे किसान खेत जलाते थे, लेकिन जबसे आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है पंजाब के बड़े किसान "आप" के संरक्षण में खेत जला रहे हैं.
सचदेवा ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने आज भी पंजाब सरकार को फटकार लगाई है और पूछा है कि आखिर क्यों वह पराली जलाने वाले किसानों को बचा रही है, क्यों उन्हें जुर्माने में छूट दे रही है. साफ है पंजाब सरकार की लापरवाही उत्तर भारत ही नहीं, खुद पंजाब के पंजाबियों के स्वास्थ की दुश्मन बन गई है.
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