भोपाल। भाजपा की रीति नीति किसानों के बीच पहुंचाते रहे बंसीलाल गुर्जर पार्टी के मजबूत किसान नेता हैं. अब उनके हिस्से आखिर अवसर आ ही गया, क्या ये उनके सब्र का फल है. बंसीलाल गुर्जर इस समय बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. बंसीलाल गुर्जर ने बीजेपी के जिलाध्यक्ष से लेकर किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तक कई जिम्मेदारियां संभाली. खास बात ये है कि विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा और फिर राज्यसभा में भी बंसीलाल गुर्जर का नाम ऐन वक्त पर कटता रहा है. लेकिन, इस बार उनकी ट्रेन पटरी पर आ ही गई. किसान नेता को मौका देकर क्या बीजेपी ने किसानों को संदेश दिया है.
किसान नेता बंसीलाल गुर्जर का सिलेक्शन, संदेश किसानों को...
बंसीलाल गुर्जर की पहचान बीजेपी के किसान नेता के तौर पर होती है. गुर्जर बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं. एमपी में किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए भी उन्होंने किसानों के बीच बीजेपी का वोट बैंक मजबूत करने के लिए कई प्रयोग किए. यूं देखिए तो गुर्जर की गिनती बीजेपी के उन नेताओं में होती है जो अपनी बारी का खामोशी से इंतजार करते हुए अपने काम में जुटे रहते हैं. जिलाध्यक्ष से लेकर पार्टी में महामत्री भी बनें. किसान मोर्चे की भी जवाबदारी संभाली. पार्टी ने जब जो जिम्मेदारी दी उसे पूरी निष्ठा से पूरी किया. बीजेपी में बंसीलाल गुर्जर की पहचान मजबूत किसान नेता के तौर पर भी होती है. तो बीजेपी ने एक तरफ संदेश दिया है कि बीजेपी में संगठन के सिपाहियों का सम्मान है. दूसरी तरफ संदेश किसानों के बीच भी पहुंचाया है उनके नेता को नवाज के.
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बंशीलाल के नाम पर मुहर, यानी बीजेपी में सब्र का फल मिलता है
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं - "बंसीलाल गुर्जर मालवा इलाके से आते हैं, लेकिन वे पार्टी के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं जिन्होंने लंबे समय तक सब्र किया. विधानसभा से लेकर लोकसभा तक उनका नाम सूची में आया और आखिरी वक्त में कट गया. यहां तक कि पिछली बार उनका नाम राज्यसभा के लिए भी आया था लेकिन ऐन वक्त पर कट गया. उसके बावजूद बंसीलाल जी की कार्यशैली में कोई फर्क नहीं आया. संगठन के लिए वो उसी मनोयोग से काम करते रहे. ये जो निष्ठा है असल में पार्टी ने उनकी इसी निष्ठा का सम्मान किया है."