भोपाल: मध्य प्रदेश के बाद हरियाणा और अब झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव में भी महिला वोटर ही गेमचेंजर साबित हुईं. महिलाओं के लिए महाराष्ट्र में शुरु की गई 'लाड़िकी बहिन योजना' और झारखंड में चल रही 'मैया सम्मान योजना' ने सीन ही बदल दिया. लेकिन इन राज्यों में इस योजना की बदौलत बीजेपी को मिली बंपर जीत का असर क्या मध्य प्रदेश में दिखाई देगा. वजह ये है कि महिलाओं के लिए सौगात की तरह आई इस योजना का खाका भी एमपी में तैयार हुआ और सबसे पहले धरातल पर इस योजना को लाने का श्रेय भी एमपी को ही जाता है. लेकिन हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र और झारखंड तक इस योजना में सबसे कम राशि मध्य प्रदेश में ही दी जा रही है. अब सवाल उठ रहे हैं कि वचन पत्र में किये वादे के मुताबिक मोहन सरकार लाड़ली बहना योजना के बजट में इजाफा करेगी. क्या 1250 से आगे बढ़ेगी लाड़ली बहना योजना में दी जाने वाली राशि.
लाड़ली बहना एमपी के ट्रम्प के कार्ड ने बनाई हर राज्य में सरकारें
महिलाएं चाहें तो सत्ता पलट सकती हैं. एमपी में लाड़ली बहनों की बदौलत पांचवी बार सत्ता में आई बीजेपी सरकार से ये साबित हो गया. एमपी का यही ट्रम्प कार्ड कर्नाटक, हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र और झारखंड में एकतरफा जीत के पीछे रहा है. हर राज्य ने कमोबेश चुनाव से पहले महिलाओं के लिए ये योजना लांच की और चुनाव आने तक मतदाताओं को ट्रेलर दिखाकर ये बता दिया कि इस फिल्म को देख पाना तभी मुमकिन है जब इसी पार्टी की सरकार सत्ता में आए. लिहाजा जो एमपी में हुआ वही कर्नाटक, फिर हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में दोहराया गया और हर जगह इस योजना का दांव चोखा रहा.
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लेकिन अब इन राज्यों में बीजेपी को मिली जीत ने मध्य प्रदेश के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है. चुनौती इस बात की कि क्या इन राज्यों की तरह एमपी में भी बीजेपी चुनाव के बाद लाड़ली बहना की मासिक किश्त की राशि बढ़ाने का वादा पूरा करेगी. बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल कहते हैं, "देखिए बीजेपी एक ऐसा दल है जो हमेशा से जो कहा है उसके प्रति प्रतिबद्ध है. हमारे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं कह चुके हैं कि जो भी वादा लाड़ली बहनों से किया गया है समय आने पर वो पूरा किया जाएगा. तो इसमें संशय की तो कोई बात ही नहीं होना चाहिए."
एमपी में लाड़लियों को सबसे कम धनराशि
अब उन राज्यों को देखें जहां ये योजना लागू की जा चुकी है. तो मध्य प्रदेश से दो कदम आगे झारखंड में सबसे कम राशि इस योजना में दी जा रही है. यहां महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपए की धनरासि मैया सम्मान योजना में दी जाती है. जबकि महाराष्ट्र में लाड़िकी बहिना योजना में 1500 रुपए की राशि बहनों को चुनाव के पहले दी जा रही है और चुनाव के बाद इस धनराशि को 2100 रुपए प्रतिमाह किए जाने का वादा है सरकार का. वहीं, हरियाणा में भी 1500 रुपए दिए जा रहे हैं लेकिन घोषणा पत्र में किए गए वादे के मुताबिक 2100 तक की किश्त पर जाएगी सरकार.
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जबकि मध्य प्रदेश में शुरुआत एक हजार रुपए से हुई थी फिर बढ़ाकर अब 1250 रुपए दिए जा रहे हैं. जो झरखंड के बाद महिलाओं को दी जाने वाली सबसे कम धनराशि है. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, "फ्री बीज की इन योजनाओं ने बेशक पार्टियों को सत्ता दिलाई है, लेकिन अब ये गले की हड्डी भी बन गई है सरकार की. अब चाहे जो हो हर सरकार को चाहे कर्ज लेकर ही इन योजनाओं को लेकर किया गया वादा पूरा करना होगा. और योजना को बंद करने का जोखिम भी कोई सरकार नहीं ले सकती."
लाड़ली बहना को तीन हजार दिए जाने का दबाव
मोहन सरकार पर लगातार लाड़ली बहना योजना की धनराशि तीन हजार तक किए जाने का दबाव रहता है. एमपी में यही बीजेपी का चुनावी वादा भी था. अभी की तस्वीर देखें तो सरकार 1573 करोड़ की राशि एक करोड़ 29 लाख महिलाओं तक पहुंचा रही है. बुधनी की जनसभा में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि लाड़ली बहना योजना की धनराशि धीरे धीरे बढ़ाई जाएगी.