भोपाल: विश्व के सबसे बड़े आलिमी तब्लीगी इज्तिमा का आयोजन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में किया जा रहा है. इसमें अमेरिका, इंग्लैंड, तुर्की, अफगानिस्तान और ईरान समेत 100 से अधिक देशों की जमातें आएंगी. 4 दिन तक चलने वाले इस आयोजन में इस बार 10 से 12 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है. 29 नवंबर से शुरु होने जा रहे इज्तिमा को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में है. शनिवार को संभायुक्त संजीव सिंह ने आयोजन स्थल का निरीक्षण कर बचे हुए काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
100 एकड़ में पंडाल, 6 रुपये में पानी की बोतल
इंतजामिया कमेटी के आरिफ गोहर ने बताया कि, ''इज्तिमा में आने वाले धर्म अनुयायियों की संख्या को देखते हुए इस बार 100 एकड़ में पंडाल बनाया गया है. अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले जमातियों के वाहनों के लिए 65 स्थानों पर बड़ी पार्किंग बनाई गई है. यहां लोगों के खाने के लिए 35, नाश्ते के लिए 25 और पानी के लिए 20 से अधिक स्टाल लगाए जाएंगे. जहां किफायती दरों पर लोगों को खानपान सामग्री मिल सकेगी. वहीं बाजार में 20 रुपये में मिलने वाली एक लीटर पानी की बोतल भी यहां जमातियों को केवल 6 रुपये में मिलेगी.''
![INTKHEDI IJTIMA PREPRATIONS](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/25-11-2024/ijtimabhopal_25112024134038_2511f_1732522238_611.jpg)
तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, 2 हजार वालंटियर तैनात
बीते तीन सालों से इस इज्तिमा को प्लास्टिक फ्री बनाने का प्रयास इंतजामियां कमेटी कर रही है. इस बार भी यहां सिंगल यूज प्लास्टिक के सामानों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. चाय-नाश्ता और भोजन के स्टाल में भी प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं होगा. वहीं इस इंतजामिया कमेटी ने इज्तिमा परिसर में तंबाकू उत्पादों पर भी रोक लगा दी है. यानि न तो यहां आसपास तंबाकू से संबंधित सामग्री का विक्रय होगा और न ही कोई इसे इस्तेमान करेगा. देश और विदेश से आने वाले लोगों की व्यवस्था के लिए 2 हजार से अधिक वालंटियर तैयार किए गए हैं. जो आयोजन स्थल पर व्यवस्था करने के साथ रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और शहर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक संचालन में भी मदद करेंगे.
![BHOPAL AALMI TABLIGHI IJTEMA 2024](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/25-11-2024/22975400_ssa.jpg)
इज्तिमा स्थल से सीधे डंपिंग साइट में पहुंचेगा कचरा
आयोजन समिति 19 प्रकार से कचरे का अलग-अलग पृथक्करण करेगी. इसमें गीले-सूखे के साथ रिसाइकल योग्य कचरे को यहीं अलग कर लिया जाएगा. जो सीधे रिसाइकिलिंग प्लांट और डंपिंग यार्ड में भेजा जाएगा. इसके लिए 600 से अधिक आयोजन समिति के वालंटियर के साथ निगम के सफाई कर्मी तैनात रहेंगे. हर छह घंटे में आयोजन स्थल की सफाई होगी. इज्तिमा आयोजन स्थल के पास लगने वाला मेला भी दो किलोमीटर दूर लगाया जाएगा.
आयुर्वेद और यूनानी दवाखानों की भी रहेगी व्यवस्था
इज्तिमा कमेटी के आरिफ गोहर ने बताया कि, ''इस बार आयुर्वेद और यूनानी दवाखानों की व्यवस्था भी शासन द्वारा की जा रही है. इनके लिए अलग से स्टॉल लगाए जाएंगे. मेले में 4 दिन तक जो रुकेगा उनके के लिए टेंट और बिछात की व्यवस्था कमेटी द्वारा की जाएगी. सोने और ओढ़ने का सामान जमाती खुद लेकर चलते हैं. खाना बनाने के लिए लकड़ी की व्यवस्था कमेटी कर रही है. कहीं भी गैस का उपयोग नहीं किया जाएगा, हालांकि यह निर्णय सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है.''
- 3 देशों में 14 लोगों ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा तब्लीगी इज्तिमा, कैसे बनी 30 हजार जमातें
- इज्तिमा में 2 करोड़ लीटर गंदा पानी होगा शुद्ध, प्लास्टिक बैन, कचरे पर 300 लोगों की निगाहें
सन 1947 में 14 लोगों ने की थी शुरुआत
बता दें कि, भारत में इज्तिमा की शुरुआत 1947 में हुई थी. सबसे पहले इसका आयोजन मस्जिद शकूर खाँ में हुआ था. उस समय केवल 12 से 14 लोग ही थे, जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए. बाद में इसका आयोजन 1971 में बड़े स्तर पर ताजुल मसाजिद में होने लगा. धीरे-धीरे इसमें आने वालों की संख्या भी बढ़ने लगी. साल 2015 में इसे बैरसिया रोड स्थित ईंटखेड़ी के पास घासीपुरा में शिफ्ट किया गया. उसके बाद से ये यहीं लग रहा है. इस आयोजन के लिए भोपाल में 2 माह पहले से तैयारियां होती हैं. कार्यक्रम में शामिल होने वाली जमातों की बुनियादी जरूरत पूरा करने के लिए हर इंतजाम किए जाते हैं.