नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा के नेताओं ने विधानसभा में 12 सीएजी रिपोर्ट को पेश करने की निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. हाईकोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. भाजपा नेताओं की मांग है कि दिल्ली में प्रशासन, वित्त, प्रदूषण और शराब से संबंधित 12 रिपोर्ट उपराज्यपाल बीके सक्सेना को भेजी जाए, ताकि उन्हें विधानसभा के समक्ष पेश किया जा सके. इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है.
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि हाईकोर्ट ने आज आम आदमी पार्टी के मुंह पर करारा तमाचा लगाया है. कैग रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा के फ्लोर पर पेश न करने के विरोध में हम अदालत पहुंचे थे. अदालत ने आम आदमी पार्टी सरकार को नोटिस जारी किया है और यह नोटिस इसलिए दिया गया है. क्योंकि पिछले 7 साल से दिल्ली विधानसभा में एक भी सीएनजी की रिपोर्ट को टेबल नहीं किया गया है. यह आम आदमी पार्टी केजरीवाल के तमाम लोग और मुख्यमंत्री आतिशी से पूछना चाहता हूं कि वो कैग की रिपोर्ट को क्यों दबा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि क्या इस सरकार में पारदर्शिता नहीं है. क्या सरकार के जो अकाउंट ऑडिट होते हैं जनता को पता नहीं लगना चाहिए. इसका मतलब साफ है कि इस सरकार में दाल में काला नहीं है, बल्कि पूरी दाल ही काली हैं. क्योंकि पिछले 7 साल से दिल्ली विधानसभा में एक भी सीएनजी की रिपोर्ट को टेबल नहीं किया गया है.
कैग एक कांस्टीट्यूशनल वॉचडाग : बीजेपी के वकील सत्यम रंजन ने बताया कि हमारे संविधान के हिसाब से कैग एक कांस्टीट्यूशनल वॉचडॉग है जो हमेशा एनुअल स्टेट का फाइनेंशियल उस पर रिपोर्ट मांग सकती है. इसका हिसाब किताब रखती है. 2017 से लेकर 2022 तक टोटल 12 रिपोर्ट कैग को लगातार भेजी जा रही है. लगातार फाइनेंशियल सेक्रेटरी के पास या फाइल भेजी जा रही है, लेकिन वे उन फाइल को एलजी के पास नहीं भेज रहे हैं. बीजेपी के विधायकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने इस मामले पर नोटिफिकेशन किया है. 9 दिसंबर को अब इस मामले पर पर सुनवाई होगी.
दिल्ली के महालेखाकार को नोटिस जारी : भाजपा नेताओं की तरफ से याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जज संजीव नरूला ने दिल्ली सरकार विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय उपराज्यपाल भारत सरकार के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक कैग और दिल्ली के महालेखाकार लेखा परीक्षक को नोटिस जारी किया है. बता दें कि दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और दिल्ली भाजपा विधायकों अनिल कुमार बाजपेई, जितेंदर महाजन ओमप्रकाश शर्मा अजय कुमार महावर मोहन सिंह बिष्ट ने दाखिल किया था.
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