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दिल्ली दरबार के लिए साउथ इंडिया का लॉन्च पैड बना मध्य प्रदेश, सोशल इंजीनियरिंग का नया ट्रेंड - BJP Strategy For South India

जॉर्ज कुरियन को जब से मध्य प्रदेश से भाजपा का राज्यसभा सांसद का प्रत्याशी चुना गया है, तब से ही सियासी बाजार गर्म हो गया है. हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब दक्षिण के नेताओं को एमपी से राज्यसभा सांसद के लिए चुना गया हो. इसके पहले भी बीजेपी यह प्रयोग कर चुकी है.

BJP STRATEGY FOR SOUTH INDIA
जानिए क्यों दक्षिण भारत के नेताओं के लिए एमपी बना लॉचिंग पैड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 9:20 PM IST

Updated : Aug 22, 2024, 8:36 AM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश से एक बार फिर दक्षिण भारत के नेता के लिए राज्यसभा का रास्ता खुला है. यह पहला मौका नहीं है, जब दक्षिण के नेताओं के लिए मध्य प्रदेश राज्यसभा का लॉचिंग पैड बना हो. इसके पहले भी बीजेपी प्रदेश से 4 नेताओं को अपर हाउस में भेज चुकी है. इस बार बीजेपी जॉर्ज कुरियन को राज्यसभा भेज रही है. उनका यहां से निर्विरोध चुना जाना तय है. नगालैंड के मौजूदा गर्वरल ला गणेशन भी मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे जा चुके हैं. हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक बीजेपी हमेशा चौंकाने वाले फैसले करती है. वैसे भी कुरियन को राज्यसभा का सदस्य बनाना तय था, क्योंकि मोदी सरकार में वे पहले ही मंत्री बन चुके थे.

साउथ के इन नेताओं को मिला एमपी का सहारा

मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाए गए जॉर्ज कुरियन लंबे समय से बीजेपी से जुड़े रहे हैं. ईसाई समाज से होने के बाद भी बीजेपी से जुड़ने को लेकर उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा. उन्होंने बीजेपी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और अब वे मौजूदा मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री भी हैं. हालांकि मुरूगन के पहले दक्षिण भारत के कई नेता मध्य प्रदेश से राज्यसभा में जा चुके हैं. बीजेपी ने दक्षिण भारत के नेता के रूप में मध्य प्रदेश से सबसे पहले ओ. राजगोपाल को राज्यसभा भेजा था. वे केरल विधानसभा के पहले बीजेपी विधायक और फ्लोर लीडर थे. पद्मभूषण से सम्मानित राजगोपाल केन्द्रीय मंत्री भी रहे हैं.

सु थिरुनावुक्करासर को भेजा था राज्यसभा

इसके बाद बीजेपी ने दक्षिण भारत के एक और नेता सु थिरुनावुक्करासर को साल 2004 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा. थिरुनावुक्करासर तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष और ऑल इंडिया कांगेस के सेक्रेटरी रहे हैं. 2001 में उन्होंने एमजीआर एडीएमके पार्टी बनाई और लोकसभा में तीन उम्मीदवार चुनकर पहुंचे. तब उन्होंने बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का समर्थन किया था. वे वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रहे.

बीजेपी ने साल 2016 में आरएसएस के प्रचारक रहे ला गणेशन अययर को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा जा चुका है. वे तमिलनाडु बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी रहे. बाद वे वे बीजेपी के उपाध्यक्ष भी रहे. इसके बाद उन्हें तमिलनाडु का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. गणेशन नगालैंड के गर्वनर हैं. इसके पहले वे मणिपुर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं.

मोदी सरकार में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. लोगनाथन मुरूगन मध्य प्रदेश से दो बार राज्यसभा जा चुके हैं. मुरूगन बीजेपी तमिलनाडु इलाके के 2020 में अध्यक्ष रह चुके हैं. वे अरुंथथियार समुदाय से आजादी के बाद केन्द्रीय मंत्री बनने वाले पहले नेता हैं. मध्य प्रदेश से मुरूगन दो बार राज्यसभा भेजे जा चुके हैं.

यहां पढ़ें...

पहले नहीं जॉर्ज कुरियन जो मध्य प्रदेश से जा रहे राज्यसभा, आडवाणी से एल मुरुगन तक लंबी है लिस्ट

राज्यसभा का टिकट ले भोपाल में घूम रहे जॉर्ज कुरियन, नामांकन भर उड़ेंगे दिल्ली, मोहन यादव प्रस्तावक

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषक केडी शर्मा कहते हैं कि राज्यसभा की सीट का फैसला हमेशा पार्टियां राष्ट्रीय परिदृश्य को देखकर करती हैं. कुरियन बिना किसी सदन के सदस्य बने मोदी सरकार में मंत्री पहले बन चुके हैं और ऐसे में उन्हें राज्यसभा भेजा जाना तय था. लिहाजा उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा रहा है. अब मध्य प्रदेश से दक्षिण भारत के दो नेता राज्यसभा में हो जाएंगे. बीजेपी दक्षिण भारत में लगातार अपनी जड़ें मजबूत कर रही है. ऐसे में पार्टी का यह फैसला दक्षिण भारत में बीजेपी को और मजबूत करेगा.'

भोपाल: मध्य प्रदेश से एक बार फिर दक्षिण भारत के नेता के लिए राज्यसभा का रास्ता खुला है. यह पहला मौका नहीं है, जब दक्षिण के नेताओं के लिए मध्य प्रदेश राज्यसभा का लॉचिंग पैड बना हो. इसके पहले भी बीजेपी प्रदेश से 4 नेताओं को अपर हाउस में भेज चुकी है. इस बार बीजेपी जॉर्ज कुरियन को राज्यसभा भेज रही है. उनका यहां से निर्विरोध चुना जाना तय है. नगालैंड के मौजूदा गर्वरल ला गणेशन भी मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे जा चुके हैं. हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक बीजेपी हमेशा चौंकाने वाले फैसले करती है. वैसे भी कुरियन को राज्यसभा का सदस्य बनाना तय था, क्योंकि मोदी सरकार में वे पहले ही मंत्री बन चुके थे.

साउथ के इन नेताओं को मिला एमपी का सहारा

मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाए गए जॉर्ज कुरियन लंबे समय से बीजेपी से जुड़े रहे हैं. ईसाई समाज से होने के बाद भी बीजेपी से जुड़ने को लेकर उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा. उन्होंने बीजेपी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और अब वे मौजूदा मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री भी हैं. हालांकि मुरूगन के पहले दक्षिण भारत के कई नेता मध्य प्रदेश से राज्यसभा में जा चुके हैं. बीजेपी ने दक्षिण भारत के नेता के रूप में मध्य प्रदेश से सबसे पहले ओ. राजगोपाल को राज्यसभा भेजा था. वे केरल विधानसभा के पहले बीजेपी विधायक और फ्लोर लीडर थे. पद्मभूषण से सम्मानित राजगोपाल केन्द्रीय मंत्री भी रहे हैं.

सु थिरुनावुक्करासर को भेजा था राज्यसभा

इसके बाद बीजेपी ने दक्षिण भारत के एक और नेता सु थिरुनावुक्करासर को साल 2004 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा. थिरुनावुक्करासर तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष और ऑल इंडिया कांगेस के सेक्रेटरी रहे हैं. 2001 में उन्होंने एमजीआर एडीएमके पार्टी बनाई और लोकसभा में तीन उम्मीदवार चुनकर पहुंचे. तब उन्होंने बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का समर्थन किया था. वे वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रहे.

बीजेपी ने साल 2016 में आरएसएस के प्रचारक रहे ला गणेशन अययर को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा जा चुका है. वे तमिलनाडु बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी रहे. बाद वे वे बीजेपी के उपाध्यक्ष भी रहे. इसके बाद उन्हें तमिलनाडु का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. गणेशन नगालैंड के गर्वनर हैं. इसके पहले वे मणिपुर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं.

मोदी सरकार में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. लोगनाथन मुरूगन मध्य प्रदेश से दो बार राज्यसभा जा चुके हैं. मुरूगन बीजेपी तमिलनाडु इलाके के 2020 में अध्यक्ष रह चुके हैं. वे अरुंथथियार समुदाय से आजादी के बाद केन्द्रीय मंत्री बनने वाले पहले नेता हैं. मध्य प्रदेश से मुरूगन दो बार राज्यसभा भेजे जा चुके हैं.

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पहले नहीं जॉर्ज कुरियन जो मध्य प्रदेश से जा रहे राज्यसभा, आडवाणी से एल मुरुगन तक लंबी है लिस्ट

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क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषक केडी शर्मा कहते हैं कि राज्यसभा की सीट का फैसला हमेशा पार्टियां राष्ट्रीय परिदृश्य को देखकर करती हैं. कुरियन बिना किसी सदन के सदस्य बने मोदी सरकार में मंत्री पहले बन चुके हैं और ऐसे में उन्हें राज्यसभा भेजा जाना तय था. लिहाजा उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा रहा है. अब मध्य प्रदेश से दक्षिण भारत के दो नेता राज्यसभा में हो जाएंगे. बीजेपी दक्षिण भारत में लगातार अपनी जड़ें मजबूत कर रही है. ऐसे में पार्टी का यह फैसला दक्षिण भारत में बीजेपी को और मजबूत करेगा.'

Last Updated : Aug 22, 2024, 8:36 AM IST
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