जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिए हैं. कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ने एक दिन पहले ही अपना नामांकन दाखिल किया, तो आज बीजेपी के उम्मीदवार चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ ने भी अपना नामांकन दाखिल किया. बीजेपी ने गरासिया और राठौर के जरिए आदिवासी और ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की. पार्टी के इस राजनीतिक समीकरण को इन दोनों नेताओं ने भी स्वीकार किया. गरासिया ने कहा कि दक्षिणी राजस्थान में कुछ शक्तियां भले ही छोटी हैं, लेकिन उभर रही है, उससे गुमराह हो रहे आदिवासियों को बचाना है. वहीं, राठौड़ ने कहा ओबीसी वर्ग के साथ सर्व समाज के लिए काम करना है.
आदिवासियों को गुमराह होने से बचाना है : चुन्नीलाल गरासिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने दक्षिणी राजस्थान में अपनी जमीन को मजबूत किया है. लगातार अपने पैर पसार रही भारतीय आदिवासी पार्टी का तोड़ निकालने की कोशिश बीजेपी ने गरासिया के रूप में की है. गरासिया आदिवासी समाज से आते हैं और समाज के बड़े चेहरे के रूप में भी पहचान रही है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में आदिवासी समाज बीजेपी के पक्ष में आए इस रणनीति के साथ पार्टी ने गरासिया को एक बड़ी जिम्मेदारी दी है. नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए गरासिया ने भी इस बात को स्वीकार की दक्षिणी राजस्थान में कुछ शक्तियां उभर रही है, वह भले ही छोटी है, लेकिन उनसे आदिवासी समाज भ्रमित हो रहा है. उन्हें इस भ्रम से निकलने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है उसे पूर्ण निष्ठा के साथ पूरा करूंगा और देश के बड़े मंच से आदिवासी समाज के लिए शिक्षा , चिकित्सा जैसे मूलभूत आवश्यकताओं के लिए हर संभव काम करेंगे. गरासिया ने कहा कि आज मुझे जो जिम्मेदारी मिली है, यह जिम्मेदारी वास्तव में ईश्वरीय जिम्मेदारी है. मैंने टिकट नहीं मांगा था, मैं लोकसभा की तैयारी कर रहा था, लेकिन राज्यसभा के लिए मेरे लिए निर्णय हुआ, मैं समझता हूं पार्टी मुझसे ओर कोई अपेक्षा कर रहा है. आदिवासी क्षेत्र में कुछ शक्तियां उभर रही है, आदिवासी समाज को मन से, भावना जोड़कर पार्टी की राष्ट्रीय परिधि में लाने की कोशिश करूंगा.
ओबीसी वर्ग के साथ अन्य समाज तक गया संदेश : वहीं बीजेपी के राज्यसभा के दूसरे उम्मीदवार मदन राठौड़ ने कहा कि पार्टी ने अवसर दिया और आज नामांकन दाखिल किया है. एक चुनौती पूर्ण स्थिति में है उसको हम स्वीकार करते हैं और जो अपेक्षाएं राजस्थान हमसे कर रहा है, हम पूरा करने का प्रयास करेंगे. हिंदुस्तान के सर्वोच्च सदन में राजस्थान के हितों का ध्यान में रखते हुए निश्चित रूप से अपनी बात रखेंगे. ओबीसी वर्ग को टिकट देने के सवाल पर राठौड़ ने कहा कि निश्चित रूप से देखिए एक व्यक्ति वही है, लेकिन पहले और अब की बात में अंतर आ जाता है. पद मिलने के बाद में व्यक्ति बात में दम आ जाता है, उसे सूना जाता है, उसे माना भी जाता है. व्यक्ति वही रहेगा शब्द वही है लेकिन उसका एक थोड़ा सा इंपैक्ट अलग होता है. ठीक इसी प्रकार से समाज में भी और हमारा तो व्यापक क्षेत्र है, उसका फायदा जरूर मिलेगा. राठौड़ ने कहा कि केवल एक समाज की बात ही नहीं है सर्व समाज और सबके साथ मिलकर काम करेंगे. राठौड़ ने कहा कि में चार बार जिला अध्यक्ष रहा, कोऑपरेटिव बैंक का अध्यक्ष रह गया, दो बार विधायक भी रह गया. प्रदेश और देश के काफी हिस्से में काम किया है.
पढ़ें: सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए दाखिल किया नामांकन
नामांकन के दौरान ये रहे मौजूद : चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ के नामांकन दाखिल करते वक्त मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा मौजूद रहे. नामांकन दाखिल करने से पहले हां पक्ष लॉबी में बीजेपी के विधायकों की औपचारिक बैठक हुई, जिसमें निर्दलीय विधायक भी शामिल हुए, जिन्होंने पार्टी को समर्थन दिया है. इस बैठक में सभी से राज्यसभा उम्मीदवार चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ का परिचय कराया गया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि संगठन में धैर्य के साथ काम किया जाए तो उसका लाभ जरूर मिलता है. उन्होंने कहा कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व संगठन में हो रहे कामों और काम करने वालों का ध्यान रखता है. बीजेपी एक मात्र पार्टी है जिसमे आम कार्यकर्ता को बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है. इसके कई उदाहरण हम सबके सामने है. इसलिए निष्ठा के साथ संगठन के लिए काम करें.