नाहन: हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस ने देहरा विधानसभा उपचुनाव में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. जिसके बाद से प्रदेश में सियासी पारा हाई है. सीएम की धर्मपत्नी को टिकट देने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. बिंदल ने कहा कि पहले तो ये सिर्फ मित्रों की सरकार थी, लेकिन अब पति-पत्नी और मित्रों की सरकार बन गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है, ये सरकार कांग्रेस के लिए भी नहीं है. ये सरकार सिर्फ अपने परिवार और मित्रों के लिए है. हिमाचल की जनता त्रस्त है, लेकिन इन्हें सिर्फ अपनी चिंता है.
चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
राजीव बिंदल ने कहा कि हिमाचल में तीन विधानसभाओं देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ में उपचुनाव हो रहे हैं. उपचुनाव के बीच सीएम सुक्खू कैबिनेट में देहरा को पुलिस जिला बनाने की घोषणा कर रहे हैं, इससे बड़ी संविधान की उल्लंघना और क्या हो सकती है. चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. उन्होंने कहा कि ये तो संविधान के पन्नों का फाड़कर रद्दी में फैंकने जैसा है और चुनाव आयोग हाथ पर हाथ धर के मूकदर्शक बनकर बैठा है. बिंदल ने लोकसभा चुनावों और विधानसभा उपचुनावों में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया.
'सिर्फ वोट पाने के लिए की जा रही ये घोषणाएं'
बिंदल ने सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री की पत्नी देहरा से चुनाव न लड़ती तो क्या वो देहरा को पुलिस जिला घोषित करते? क्या कांगड़ा के बारे में उनकी यही नीति है? बिंदल ने कहा कि अगर सीएम सच में कुछ बड़ा करना चाहते तो देहरा को जिला ही बना देते. मगर उपचुनावों के समय इस प्रकार की घोषणाएं केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम करती हैं. ये सिर्फ वोट पाने की योजना है.
'डेढ़ साल में नहीं हुआ सीएम के गृह क्षेत्र का विकास'
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर सीएम सुक्खू को अपने ससुराल की इतनी ही चिंता थी तो डेढ़ साल के कार्यकाल में कोई विकास क्यों नहीं हुआ. अब तक तो देहरा में मेडिकल कॉलेज, मेडिकल यूनिवर्सिटी खुलने के साथ-साथ कई काम हो जाते. मगर कांग्रेस सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में सीएम सुक्खू के अपने गृह क्षेत्र नादौन में कोई विकास नहीं हुआ तो देहरा में क्या होगा. ये घोषणाएं सिर्फ उपचुनाव में जनता को लुभाने के लिए की गई हैं. उन्होंने कहा कि योजनाओं की घोषणा और भर्तियों की घोषणा चुनाव संहिता का उल्लंघन है. ये सिर्फ वोटों को प्रभावित करने वाली राजनीति है.
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