रांची: झारखंड भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की ओर से रांची के हरमू स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क में संत शिरोमणि गुरु रविदास की 648वीं जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर झारखंड भाजपा के मुखपत्र अंत्योदय संकल्प का पुनर्विमोचन पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ रवींद्र कुमार राय, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किशुन दास ने किया. पत्रिका के संपादक रविनाथ किशोर ने बताया कि यह अंक भारतीय संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा और संविधान निर्माता बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर को समर्पित है.
केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि वाल्मीकि, संत रविदास महाराज की प्रेरणा के माध्यम से भाजपा, समाज के अंतिम व्यक्ति को प्रथम व्यक्ति मानती है और उन तक विकास कार्य पहुंच रही है. वहीं अंग्रेजों, मुगलों ने और आजादी के बाद कुछ राजनीतिक दलों ने समाज को बांट कर देश को विखंडित करने का काम किया. लेकिन भारतीय जनता पार्टी हमेशा से सभी को एकजुट कर देश को विकास की गति पर आगे बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी परिवारवाद को नहीं बल्कि देश के 140 करोड़ जनता को ही अपना परिवार मानती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ही सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया और संत शिरोमणि रविदास महाराज के संकल्प को पूरा करते हुए देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय ने कहा कि भाजपा परिवार ने अनुसूचित जाति समाज के बीच संगठन को मजबूत करने के लिए मोर्चा के इस कार्यक्रम को आयोजित किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो समाज के सभी वर्ग से जुड़े महापुरुषों की जयंती को मनाती है, ताकि न सिर्फ हम बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी भी अपने उन महान जननायकों को और उनके जीवन के संघर्षों को जान सकें.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि भारत संतों और महर्षियों का देश है. यह देश सनातन संस्कृति का है. इस वर्ष महाकुंभ में पूरी दुनिया को चकित कर दिया है. 140 करोड़ की आबादी में से 50 करोड़ लोगों ने अभी तक महाकुंभ में डुबकी लगाई है. संत शिरोमणि रविदास जी ने आजीवन चर्मकार का ही कार्य किया. लेकिन कभी भी मन में किसी प्रकार की कुंठा नहीं रखी, तिरस्कार का भाव नहीं रखा. चर्मकार का कार्य करते हुए खुद को संसार में स्थापित कर यह संदेश दिया कि यदि मन में लगन और भक्ति हो तो कोई भी व्यक्ति संत शिरोमणि बन सकता है.
अमर बाउरी ने कहा कि एक राजा की बेटी मीराबाई को भी संत रविदास जी की शिष्या बनने का सौभाग्य मिला और वहीं से उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ. उन्होंने बताया कि कैसे सिकंदर लोदी ने संत शिरोमणि रविदास जी की लोकप्रियता से घबरा कर उन्हें अपना धर्म बदलने का दबाव बनाया, लेकिन रविदास जी ने कभी भी उनका धर्म नहीं अपनाया. उन्होंने कहा कि यह हमारे हिंदू समाज और सनातन धर्म का ही देन है कि हम स्वतंत्र भाव से अपना जीवन जीते हैं. ऐसा किसी भी दूसरे धर्म में नहीं है.
देवघर के पूर्व विधायक नारायण दास ने कहा कि रामायण लिखने वाले महर्षि वाल्मीकि, महाभारत लिखने वाले वेदव्यास, संविधान लिखने वाले बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और संत शिरोमणि रविदास जी ये सभी अनुसूचित जाति समाज से आते हैं. इस समाज ने देश को बहुत कुछ दिया है. हमें उनके इस धरोहर को बचाने की जरूरत है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किशुन दास ने संत रविदास के संदेश को आत्मसात करने पर जोर देते हुए कहा कि उन्होंने जीवन भर जात-पात और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया और समाज में भक्ति भावना के माध्यम से समानता की अलख जगाई. उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और समाज को सही दिशा दिखाते हैं. उनके जीवन से सभी को प्रेरणा लेकर समाज के उत्थान की दिशा में मिलकर कार्य करना चाहिए. कांके के पूर्व विधायक जीतू चरण राम ने मंच के माध्यम से रांची संसद से आग्रह किया कि वह रांची में भी एक संत शिरोमणि रविदास जी की मंदिर का निर्माण करवाए.
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