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कृषि कानूनों को लेकर दिए बयान पर कंगना को खेद, पार्टी ने भी किया किनारा, भाजपा के लिए मुसीबत बनते रहे क्वीन के बोल - Kangana Ranaut - KANGANA RANAUT

Kangana Agricultural Laws Statement: मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत कृषि कानूनों को लेकर दिए बयान को वापस ले लिया है और अपने बयान पर खेद जताया. वहीं, पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया औऱ कहा कि ये उनकी अपनी राय है, पार्टी ने उन्हें ऐसे किसी बयान के लिए अधिकृत नहीं किया है.

Kangana Ranaut withdraw Statement on Agricultural Laws
कंगना रनौत ने कृषि कानूनों पर बयान वापस लिया (@socialmedia)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 25, 2024, 1:24 PM IST

शिमला: बालीवुड क्वीन और अब मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानूनों पर दिए अपने बयान को वापस ले लिया है. कंगना ने अपने बयान को लेकर खेद भी जताया है. वहीं, पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा करते हुए उसे कंगना की निजी राय बताया और कहा कि ऐसे किसी भी बयान के लिए वो अधिकृत नहीं हैं. इधर, हरियाणा के साथ ही जेएंडके में चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में कृषि कानूनों पर बयान देकर कंगना ने अपनी ही पार्टी को जटिल परिस्थितियों में डाल दिया.

कंगना ने बयान पर जताया खेद

कंगना के बयान के बाद पार्टी ने उन्हें परोक्ष रूप से ऐसे बयान देने से परहेज करने को कहा. उसके बाद मंडी की सांसद ने उस पर खेद जताया और कहा, "हाल ही में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों पर सवाल किए थे. मैंने जवाब में कृषि कानून वापस लेने का सुझाव दिया. मेरे इस बयान से बहुत से लोग निराश हैं. हालांकि कुछ ने समर्थन भी किया. हमारे प्रधानमंत्री जी ने बड़ी ही संवेदनशीलता से और सहानुभूति से कानून वापस लिए हैं. हम सभी पार्टी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि उनके (पीएम) के शब्दों की गरिमा का ध्यान रखें. मुझे ये भी ध्यान रखना होगा कि मैं केवल कलाकार ही नहीं, बल्कि भाजपा की कार्यकर्ता हूं. मेरी राय अपनी नहीं, पार्टी की होनी चाहिए. अगर मैंने अपने शब्दों से किसी को निराश किया है तो हम अपने शब्द वापस लेते हैं." उल्लेखनीय है कि कंगना ने तीन कृषि कानून, जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने वापस लिया था, के लिए कहा था कि ये किसानों के हित में हैं.

पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बताया निजी बयान

वहीं, भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान को निजी बताया है. गौरव भाटिया ने बाकायदा एक वीडियो जारी कर कृषि कानून पर दिए बयान को कंगना का निजी बयान बताया है. साथ ही कहा कि पार्टी ने उन्हें ऐसे किसी बयान के लिए अधिकृत नहीं किया है.

पहले भी दे चुकी हैं विवादित बयान

गौरतलब है कि इससे पहले भी वाली बॉलीवुड क्वीन एवं भाजपा सांसद कंगना रनौत अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रही हैं. दरअसल कंगना रनौत ने एक निजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जो बांग्लादेश में हो रहा है, वैसे हालात यहां होते भी देर नहीं लगती. कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर कहा था, "यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थी, वहां पर रेप हो रहे थे." उनका कहना था कि ये बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जिसके पीछे विदेशी ताकतों का हाथ था. जिसके बाद कंगना रनौत जमकर ट्रोल हुई थी और कांग्रेस के निशाने पर रही. इस दौरान भी भाजपा ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया था और लिखित में हिदायत भी थी.

इससे पहले भी कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि देश को सही मायनों आजादी साल 2014 में मिली है. जिसके बाद भी खूब विवाद हुआ था और 'क्वीन' को कांग्रेस से लेकर सोशल मीडिया तक जमकर ट्रोल किया गया था.

ये भी पढ़ें: "किसानों के हित के लिए वापस लाने चाहिए कृषि कानून, केवल कुछ एक राज्यों को थी आपत्ति"

ये भी पढ़ें: "2014 में आजादी मिली, देश के पहले पीएम सुभाष चंद्र बोस थे, कोई अनपढ़ ही ऐसी बातें कर सकता है", कंगना पर कांग्रेस का हमला

शिमला: बालीवुड क्वीन और अब मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानूनों पर दिए अपने बयान को वापस ले लिया है. कंगना ने अपने बयान को लेकर खेद भी जताया है. वहीं, पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा करते हुए उसे कंगना की निजी राय बताया और कहा कि ऐसे किसी भी बयान के लिए वो अधिकृत नहीं हैं. इधर, हरियाणा के साथ ही जेएंडके में चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में कृषि कानूनों पर बयान देकर कंगना ने अपनी ही पार्टी को जटिल परिस्थितियों में डाल दिया.

कंगना ने बयान पर जताया खेद

कंगना के बयान के बाद पार्टी ने उन्हें परोक्ष रूप से ऐसे बयान देने से परहेज करने को कहा. उसके बाद मंडी की सांसद ने उस पर खेद जताया और कहा, "हाल ही में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों पर सवाल किए थे. मैंने जवाब में कृषि कानून वापस लेने का सुझाव दिया. मेरे इस बयान से बहुत से लोग निराश हैं. हालांकि कुछ ने समर्थन भी किया. हमारे प्रधानमंत्री जी ने बड़ी ही संवेदनशीलता से और सहानुभूति से कानून वापस लिए हैं. हम सभी पार्टी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि उनके (पीएम) के शब्दों की गरिमा का ध्यान रखें. मुझे ये भी ध्यान रखना होगा कि मैं केवल कलाकार ही नहीं, बल्कि भाजपा की कार्यकर्ता हूं. मेरी राय अपनी नहीं, पार्टी की होनी चाहिए. अगर मैंने अपने शब्दों से किसी को निराश किया है तो हम अपने शब्द वापस लेते हैं." उल्लेखनीय है कि कंगना ने तीन कृषि कानून, जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने वापस लिया था, के लिए कहा था कि ये किसानों के हित में हैं.

पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बताया निजी बयान

वहीं, भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान को निजी बताया है. गौरव भाटिया ने बाकायदा एक वीडियो जारी कर कृषि कानून पर दिए बयान को कंगना का निजी बयान बताया है. साथ ही कहा कि पार्टी ने उन्हें ऐसे किसी बयान के लिए अधिकृत नहीं किया है.

पहले भी दे चुकी हैं विवादित बयान

गौरतलब है कि इससे पहले भी वाली बॉलीवुड क्वीन एवं भाजपा सांसद कंगना रनौत अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रही हैं. दरअसल कंगना रनौत ने एक निजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जो बांग्लादेश में हो रहा है, वैसे हालात यहां होते भी देर नहीं लगती. कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर कहा था, "यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थी, वहां पर रेप हो रहे थे." उनका कहना था कि ये बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जिसके पीछे विदेशी ताकतों का हाथ था. जिसके बाद कंगना रनौत जमकर ट्रोल हुई थी और कांग्रेस के निशाने पर रही. इस दौरान भी भाजपा ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया था और लिखित में हिदायत भी थी.

इससे पहले भी कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि देश को सही मायनों आजादी साल 2014 में मिली है. जिसके बाद भी खूब विवाद हुआ था और 'क्वीन' को कांग्रेस से लेकर सोशल मीडिया तक जमकर ट्रोल किया गया था.

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