ETV Bharat / state

देवघर में शिव बारात पर राजनीति गर्म, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- आयोजन के बाद जाउंगा कोर्ट - SHIV BARAT IN DEOGHAR

देवघर में शिव बारात को लेकर राजनीति तेज हो गई है. सांसद निशिकांत दुबे ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

SHIV BARAT IN DEOGHAR
निशिकांत दुबे (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 16, 2025, 8:07 PM IST

देवघर: शिव बारात को लेकर देवघर में राजनीति तेज होती दिख रही है. एक तरफ शिव बारात समिति के लोग सांसद निशिकांत दुबे पर शिव बारात में दखलअंदाजी करने का आरोप लगा रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर सांसद निशिकांत दुबे यह कहते नजर आ रहे हैं कि देवघर वासियों से शिव बारात निकालने का हक सरकार ने छीन लिया.

लगातार बढ़ रही राजनीतिक सरगर्मी के बीच गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि इस बार देवघर के कुछ लोगों ने शिव बारात को मुख्यमंत्री के हाथों बेच दिया है. उन्होंने बिना नाम लिए आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोगों को लखाड़ी और देवोत्तर प्रवृत्ति के जमीन बेचने के लिए इस तरह का प्रयास किया गया है. सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि देवघर के कुछ लोग महंगे जमीन को बेचकर अपना फायदा कमाने के लिए यह शिव बारात मुख्यमंत्री के हाथों में बेचने का काम किया है.

निशिकांत दुबे का बयान (ईटीवी भारत)

शिव बारात के बाद निशिकांत जाएंगे कोर्ट

वहीं, निशिकांत दुबे ने ये भी कहा कि शिव बारात के आयोजन के बाद वह कोर्ट और सीएजी में जाएंगे. जहां वह मांग करेंगे कि इन सभी खर्चों की जांच हो. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब शिव बारात पर्यटन विभाग आयोजन कर रही है, तो सारे काम टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से होनी चाहिए. लेकिन वर्तमान में काम शुरू हो गए हैं और अभी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. इसका साफ मतलब है कि बैक डोर से लोगों को काम दिया जा रहा है और निजी स्तर पर आर्थिक लाभ कमाए जा रहे हैं.

'शिव बारात से नहीं होता राजनीतिक फायदा'

वहीं, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कि जो लोग उनके ऊपर आरोप लगाते हैं कि देवघर के शिव बारात से उन्हें राजनीतिक फायदा होता है, इसलिए सांसद दखलंदाजी कर रहे हैं. तो वैसे लोगों को मैं जवाब देते हुए कहना चाहूंगा कि जब देवघर के शिव बारात में उनकी कोई भूमिका नहीं होती थी. वह पचास हजार से ज्यादा वोट से जीतते थे. लेकिन जब से बारात में उन्होंने अपनी भूमिका निभानी शुरू की तब से उनके जीत का मार्जिन देवघर विधानसभा में चालीस हजार हो गया. इससे यह प्रतीत होता है कि देवघर के शिव बारात से उन्हें किसी तरह का कोई राजनीतिक लाभ नहीं है. उन्हें सिर्फ इस बात का गम है कि जिस शिव बारात में सांसद से लेकर आम व्यक्ति तक हिस्सा लेता था, वह बारात देवघर के कुछ लोगों के कारण देवघर वासियों के हाथ से निकल गया.

पर्यटन विभाग निकाल रहा शिव बारात

गौरतलब है कि इस वर्ष देवघर में निकलने वाले शिव बारात राज्य सरकार के पर्यटन विभाग निकाल रही है. जिसको लेकर स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे ने आपत्ति जताई है और यह मांग किया है कि यदि सरकार के द्वारा बारात निकाली जा रही है तो ईमानदारी से काम. सरकारी पैसे का बंदरबांट ना किया जाए. अब देखने वाली बात होगी सांसद निशिकांत दुबे के आरोप के बाद देवघर में शिव बारात को लेकर और क्या कुछ सुनने और देखने को मिलता है.

ये भी पढ़ें:
Mahashivratri 2025: देवघर में जोरों पर चल रही है शिवरात्रि की तैयारियां, मंदिर से लेकर पूरे शहर का किया जा रहा श्रृंगार

राज्य सरकार का पर्यटन विभाग निकालेगा देवघर में शिव बारात, जानें वजह

देवघर: शिव बारात को लेकर देवघर में राजनीति तेज होती दिख रही है. एक तरफ शिव बारात समिति के लोग सांसद निशिकांत दुबे पर शिव बारात में दखलअंदाजी करने का आरोप लगा रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर सांसद निशिकांत दुबे यह कहते नजर आ रहे हैं कि देवघर वासियों से शिव बारात निकालने का हक सरकार ने छीन लिया.

लगातार बढ़ रही राजनीतिक सरगर्मी के बीच गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि इस बार देवघर के कुछ लोगों ने शिव बारात को मुख्यमंत्री के हाथों बेच दिया है. उन्होंने बिना नाम लिए आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोगों को लखाड़ी और देवोत्तर प्रवृत्ति के जमीन बेचने के लिए इस तरह का प्रयास किया गया है. सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि देवघर के कुछ लोग महंगे जमीन को बेचकर अपना फायदा कमाने के लिए यह शिव बारात मुख्यमंत्री के हाथों में बेचने का काम किया है.

निशिकांत दुबे का बयान (ईटीवी भारत)

शिव बारात के बाद निशिकांत जाएंगे कोर्ट

वहीं, निशिकांत दुबे ने ये भी कहा कि शिव बारात के आयोजन के बाद वह कोर्ट और सीएजी में जाएंगे. जहां वह मांग करेंगे कि इन सभी खर्चों की जांच हो. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब शिव बारात पर्यटन विभाग आयोजन कर रही है, तो सारे काम टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से होनी चाहिए. लेकिन वर्तमान में काम शुरू हो गए हैं और अभी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. इसका साफ मतलब है कि बैक डोर से लोगों को काम दिया जा रहा है और निजी स्तर पर आर्थिक लाभ कमाए जा रहे हैं.

'शिव बारात से नहीं होता राजनीतिक फायदा'

वहीं, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कि जो लोग उनके ऊपर आरोप लगाते हैं कि देवघर के शिव बारात से उन्हें राजनीतिक फायदा होता है, इसलिए सांसद दखलंदाजी कर रहे हैं. तो वैसे लोगों को मैं जवाब देते हुए कहना चाहूंगा कि जब देवघर के शिव बारात में उनकी कोई भूमिका नहीं होती थी. वह पचास हजार से ज्यादा वोट से जीतते थे. लेकिन जब से बारात में उन्होंने अपनी भूमिका निभानी शुरू की तब से उनके जीत का मार्जिन देवघर विधानसभा में चालीस हजार हो गया. इससे यह प्रतीत होता है कि देवघर के शिव बारात से उन्हें किसी तरह का कोई राजनीतिक लाभ नहीं है. उन्हें सिर्फ इस बात का गम है कि जिस शिव बारात में सांसद से लेकर आम व्यक्ति तक हिस्सा लेता था, वह बारात देवघर के कुछ लोगों के कारण देवघर वासियों के हाथ से निकल गया.

पर्यटन विभाग निकाल रहा शिव बारात

गौरतलब है कि इस वर्ष देवघर में निकलने वाले शिव बारात राज्य सरकार के पर्यटन विभाग निकाल रही है. जिसको लेकर स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे ने आपत्ति जताई है और यह मांग किया है कि यदि सरकार के द्वारा बारात निकाली जा रही है तो ईमानदारी से काम. सरकारी पैसे का बंदरबांट ना किया जाए. अब देखने वाली बात होगी सांसद निशिकांत दुबे के आरोप के बाद देवघर में शिव बारात को लेकर और क्या कुछ सुनने और देखने को मिलता है.

ये भी पढ़ें:
Mahashivratri 2025: देवघर में जोरों पर चल रही है शिवरात्रि की तैयारियां, मंदिर से लेकर पूरे शहर का किया जा रहा श्रृंगार

राज्य सरकार का पर्यटन विभाग निकालेगा देवघर में शिव बारात, जानें वजह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.