लखनऊ: उत्तर प्रदेश में धर्म स्थलों के पास शराब और मांस की दुकानों पर रोक लगाने का मुद्दा बजट सत्र के दौरान विधान परिषद में उठा. सरकार से मामले को गंभीरता से लेने के लिए कहा गया. इस संबंध में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पहले ही आदेश दिया हुआ है. इसी को लेकर गुरुवाकर को विधान परिषद में चर्चा की गई. भाजपा एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने इस प्रकरण को नियम 15 के तहत उठाया.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश नगर आयुक्त लखनऊ को दिया था कि यदि धार्मिक स्थलों के 50 मीटर के आस-पास चाहे वह मन्दिर, मस्जिद, चर्च या फिर गुरुद्वारा हो, घनी आबादी या मुख्य सड़क मार्ग किनारे मांस की बिक्री होती हो तो ऐसी दुकानों को चिह्नित करके तत्काल हटाया जाए. हाईकोर्ट ने इसे धर्म आस्था के अन्तर्गत संज्ञान लेते हुए यह आदेश नगर आयुक्त को दिए थे.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के इस आदेश का अनुपालन अभी तक नहीं हो पाया है. कोर्ट के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए मांस की बिक्री मंदिर, मस्जिद और दूसरे धार्मिक स्थलों के सामने हो रही है. राजाजीपुरम स्थित बालाजी हनुमान मंदिर, थाना पारा स्थित बुद्धेश्वर मंदिर व मस्जिदों के पास खुलेआम मांस की बिक्री हो रही है. यही स्थिति प्रदेश के अन्य महानगरों व नगरों की है.
प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कानपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद आदि अन्य महानगरों तथा नगरों में धार्मिक स्थलों के पास मांस की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए. जहां पर ऐसी स्थिति है वहां पर तत्काल कदम उठाए जाने का सदन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया गया.
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