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सदन में गूंजा आउटसोर्सिंग का मुद्दा, BJP विधायकों ने ही उठाए सरकार की नीति और नीयत पर सवाल - Uttarakhand Education Department

Uttarakhand Budget Session 2024 शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से प्रदेश में शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग और आउटसोर्सिंग के जरिए रखे जाने वाले बीआरसी और सीआरसी शिक्षकों पर सवाल किए गए. इस दौरान विपक्षी विधायकों ने भी सरकार की नीति पर सवाल खड़े किए.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 29, 2024, 4:53 PM IST

Updated : Feb 29, 2024, 10:11 PM IST

BJP विधायकों ने ही उठाए सरकार की नीति और नीयत पर सवाल.

देहरादूनः उत्तराखंड बजट सत्र के चौथे दिन विधानसभा सदन में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से जुड़े विभाग संबंधित सवाल जवाब किए गए. सदन में सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष के विधायकों ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य को लेकर तमाम सवाल कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से किए. मंत्री रावत से स्कूलों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए बीआरसी और सीआरसी शिक्षकों से जुड़े भी सवाल किए गए.

हरिद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा से विधायक ममता राकेश ने विद्यालयी शिक्षा यानी बेसिक स्कूलों में सीआरसी (क्लस्टर रिसोर्स सेंटर) और बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) के पदों पर नियुक्ति में आरक्षण को लेकर सवाल पूछा. भर्ती में वरिष्ठता के आधार पर अभ्यर्थियों को दी जाने वाली वरीयता को लेकर के भी सवाल पूछे गए. इसी कड़ी में आगे उप-नेता प्रतिपक्ष भुवन चंद्र कापड़ी ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कार्यालय में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर सवाल पूछा तो इन्हीं सवालों के अतारांकित प्रश्नों में सत्ता पक्ष के ही विधायक विनोद चमोली ने सरकार की नीति पर बड़े सवाल किए.

विधायक चमोली ने किया सवाल: भाजपा के धर्मपुर विधानसभा से विधायक विनोद चमोली ने सरकार से सवाल किया कि जिस तरह से आउटसोर्सिंग के माध्यम से या फिर अन्य माध्यमों से ग्रुप D और ग्रुप C के लिए पदों पर नियुक्ति की जाती है. उसमें छोटे स्तर पर नियुक्तियों की सुविधा अभ्यर्थियों को मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्रुप D के पदों पर ब्लॉक स्तर पर आवेदन करने और समूह C के पदों पर जिला स्तर पर आवेदन करने की नीति सरकार को लानी चाहिए.

नीतिगत फैसलों पर बदलाव की जरूरत: उन्होंने वर्तमान में चल रही व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज अभ्यर्थी अपनी पूरी मेहनत से विभिन्न पदों के लिए आवेदन करते हैं. नियुक्ति होने के बाद हर कोई मैदानी इलाकों के लिए जद्दोजहद में लग जाता है. उन्होंने कहा कि आज शिक्षा या स्वास्थ्य हर क्षेत्र में कोई भी पहाड़ नहीं चढ़ना चाहता है. इसके लिए सरकार इस तरह की व्यवस्था बनाए जिससे पहाड़ों से कर्मचारी भेदभाव ना करें और पहाड़ों पर अपनी सेवाएं दें. उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि पहाड़ों पर कर्मचारी और अधिकारी पूरी सेवाएं दें, इसके लिए हमें नीतिगत फैसलों में बदलाव करने होंगे.

मंत्री ने दिया जवाब: वहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य में अधिकारी, कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग और कर्मचारियों के तमाम मुद्दों पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने जवाब देते हुए बताया कि लगातार सरकार अपने स्तर पर व्यवस्थाओं में सुधार कर रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूर्व की सरकारों में पहाड़ों पर डॉक्टर और शिक्षक बेहद कम संख्या में थे. आज उन्होंने ऐतिहासिक रूप से बढ़ाने का काम किया है.

सरकार कर रही नीति में बदलाव: आउटसोर्सिंग से रखे जाने वाले शिक्षकों की जहां तक बात है तो वह केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए नियुक्त किए जा रहे हैं. इससे बड़ी संख्या में प्रदेश में युवाओं को रोजगार मिला है. उन्होंने नियुक्तियों में आरक्षण को लेकर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जहां तक बात नीतिगत प्रश्नों का है, तो सरकार लगातार अपने नीतियों में बदलाव कर रही है. कोशिश कर रही है कि पहाड़ों पर अधिकारियों, शिक्षकों और डॉक्टरों द्वारा अधिक से अधिक सेवाएं दी जाए.

ये भी पढ़ेंः विधानसभा में उठा टिहरी में प्रसूता की मौत का मामला, प्रताप नगर विधायक ने उठाए सवाल, सस्पेंड हुआ डॉक्टर

BJP विधायकों ने ही उठाए सरकार की नीति और नीयत पर सवाल.

देहरादूनः उत्तराखंड बजट सत्र के चौथे दिन विधानसभा सदन में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से जुड़े विभाग संबंधित सवाल जवाब किए गए. सदन में सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष के विधायकों ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य को लेकर तमाम सवाल कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से किए. मंत्री रावत से स्कूलों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए बीआरसी और सीआरसी शिक्षकों से जुड़े भी सवाल किए गए.

हरिद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा से विधायक ममता राकेश ने विद्यालयी शिक्षा यानी बेसिक स्कूलों में सीआरसी (क्लस्टर रिसोर्स सेंटर) और बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) के पदों पर नियुक्ति में आरक्षण को लेकर सवाल पूछा. भर्ती में वरिष्ठता के आधार पर अभ्यर्थियों को दी जाने वाली वरीयता को लेकर के भी सवाल पूछे गए. इसी कड़ी में आगे उप-नेता प्रतिपक्ष भुवन चंद्र कापड़ी ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कार्यालय में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर सवाल पूछा तो इन्हीं सवालों के अतारांकित प्रश्नों में सत्ता पक्ष के ही विधायक विनोद चमोली ने सरकार की नीति पर बड़े सवाल किए.

विधायक चमोली ने किया सवाल: भाजपा के धर्मपुर विधानसभा से विधायक विनोद चमोली ने सरकार से सवाल किया कि जिस तरह से आउटसोर्सिंग के माध्यम से या फिर अन्य माध्यमों से ग्रुप D और ग्रुप C के लिए पदों पर नियुक्ति की जाती है. उसमें छोटे स्तर पर नियुक्तियों की सुविधा अभ्यर्थियों को मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्रुप D के पदों पर ब्लॉक स्तर पर आवेदन करने और समूह C के पदों पर जिला स्तर पर आवेदन करने की नीति सरकार को लानी चाहिए.

नीतिगत फैसलों पर बदलाव की जरूरत: उन्होंने वर्तमान में चल रही व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज अभ्यर्थी अपनी पूरी मेहनत से विभिन्न पदों के लिए आवेदन करते हैं. नियुक्ति होने के बाद हर कोई मैदानी इलाकों के लिए जद्दोजहद में लग जाता है. उन्होंने कहा कि आज शिक्षा या स्वास्थ्य हर क्षेत्र में कोई भी पहाड़ नहीं चढ़ना चाहता है. इसके लिए सरकार इस तरह की व्यवस्था बनाए जिससे पहाड़ों से कर्मचारी भेदभाव ना करें और पहाड़ों पर अपनी सेवाएं दें. उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि पहाड़ों पर कर्मचारी और अधिकारी पूरी सेवाएं दें, इसके लिए हमें नीतिगत फैसलों में बदलाव करने होंगे.

मंत्री ने दिया जवाब: वहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य में अधिकारी, कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग और कर्मचारियों के तमाम मुद्दों पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने जवाब देते हुए बताया कि लगातार सरकार अपने स्तर पर व्यवस्थाओं में सुधार कर रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूर्व की सरकारों में पहाड़ों पर डॉक्टर और शिक्षक बेहद कम संख्या में थे. आज उन्होंने ऐतिहासिक रूप से बढ़ाने का काम किया है.

सरकार कर रही नीति में बदलाव: आउटसोर्सिंग से रखे जाने वाले शिक्षकों की जहां तक बात है तो वह केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए नियुक्त किए जा रहे हैं. इससे बड़ी संख्या में प्रदेश में युवाओं को रोजगार मिला है. उन्होंने नियुक्तियों में आरक्षण को लेकर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जहां तक बात नीतिगत प्रश्नों का है, तो सरकार लगातार अपने नीतियों में बदलाव कर रही है. कोशिश कर रही है कि पहाड़ों पर अधिकारियों, शिक्षकों और डॉक्टरों द्वारा अधिक से अधिक सेवाएं दी जाए.

ये भी पढ़ेंः विधानसभा में उठा टिहरी में प्रसूता की मौत का मामला, प्रताप नगर विधायक ने उठाए सवाल, सस्पेंड हुआ डॉक्टर

Last Updated : Feb 29, 2024, 10:11 PM IST
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