बलरामपुर : जिले के कुसमी में स्वास्थ्य विभाग और बिजली विभाग के भूमिपूजन और लोकार्पण कार्यक्रम चल रहा था. मंच पर सरगुजा लोकसभा के सांसद चिंतामणि महाराज और प्रशासनिक अधिकारियों सहित सामरी विधायक उद्धेश्वरी पैकरा भी मौजूद थी. इस बीच मंच से भाषण देते हुए सामरी विधायक उद्धेश्वरी पैकरा का गुस्सा अधिकारियों पर फट पड़ा. उन्होंने प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने की बात कहते हुए मंच पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई.
मंच से अधिकारियों को लगाई फटकार : सामरी विधानसभा क्षेत्र की विधायक उद्धेश्वरी पैकरा ने मंच से सार्वजनिक तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों को फटकार लगाई. उन्होंने कहा, "इतना बड़ा 4 करोड़ 42 लाख रुपए का लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम हो रहा है. लेकिन बिजली विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र की विधायक से कोई संपर्क नहीं किया. इस सामरी विधानसभा क्षेत्र की विधायक विधानसभा क्षेत्र के लिए पहला प्रोटोकॉल है, लेकिन कोई अधिकारी ने हमसे संपर्क नहीं किया. ऐसा प्रशासन नहीं चलेगा.
"यहां के एसडीएम ने मुझे फोन किया था, लेकिन हमारे किसी विभागीय अधिकारी ने मुझे फोन नहीं किया. हमने क्या गलती की थी. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सौ बिस्तरों के अस्पताल का भूमिपूजन करेंगे. सामुदायिक भवन का भूमिपूजन करेंगे. लेकिन इन्होंने यहां की विधायक को एक फोन करना उचित नहीं समझा." - उद्धेश्वरी पैकरा, विधायक, सामरी विधानसभा
"पिछली सरकार जैसा अब नहीं चलेगा": सामरी विधायक उद्धेश्वरी पैकरा ने कहा, "एसडीएम साहब को भी कहना चाहती हूं कि हमारे दूरदराज के गांवों से जनता भूखे-प्यासे आती है. उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो, वह जो भी समस्या लेकर आते हैं, उनका हंसी-खुशी से समय पर निराकरण करें. ताकि उन्हें बार-बार आना न पड़े."
"पिछली सरकार में प्रशासन जैसे भी चला हो, लेकिन अब यहां प्रदेश और केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. अगर आपको प्रशासन चलाना हो तो सही ढंग से चलाएं. जितने भी जनप्रतिनिधि हैं, सभी को साथ लेकर चलें." - उद्धेश्वरी पैकरा, विधायक, सामरी विधानसभा
बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा क्षेत्र के लिए सौ बिस्तरों के अस्पताल और सामुदायिक भवन का भूमिपूजन किया गया. इस दौरान सामरी विधायक उद्धेश्वरी पैकरा को फोन कर कार्यक्रम में आमंत्रित न करना जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को भारी पड़ा है. विधायक उद्धेश्वरी पैकरा द्वारा सार्वजनिक रूप से फटकार का कितना असर अधिकारियों पर हुआ है, यह तो अब आने वाले समय में ही पता चलेगा.