शिमला: भाजपा विधायक एवं मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने कांग्रेस सरकार पर केंद्र की योजनाओं को रोकने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा प्रदेश की कांग्रेस सरकार हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यों और प्रोजेक्टों में रोड़ा अटकाने का काम कर रही है. हिमाचल में केंद्र सरकार के प्रयास से भानुपली रेलवे लाइन निर्माणाधीन है.
रणधीर शर्मा ने कहा केंद्र सरकार ने भानुपली रेलवे लाइन निर्माण के लिए ₹4938 करोड़ खर्च किए हैं. ये रेलवे लाइन 75:25 की औसत में काम करने के लिए प्रस्तावित हैं. इस रेलवे लाइन के लिए प्रदेश सरकार को जमीन उपलब्ध करवानी है, लेकिन जब से कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में आई तब से अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है. जबकि हिमाचल में रही पिछली भाजपा सरकार ने 800 करोड़ रूपये लगभग देनदारी अदा की थी, लेकिन वर्तमान की कांग्रेस सरकारी के समय एक भी पैसा नहीं देने के कारण अब यह देनदारी 1243 करोड़ पहुंच गई है. जिसके कारण केंद्र सरकार विचार कर रही है कि इस पर निर्माण कार्य आगे शुरू रखा जाए या नहीं रखा जाए?
रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा आने पर कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सुक्खू और सभी मंत्री अपनी पीठ थपथपाने से पीछे नहीं हटते, लेकिन सच्चाई यह है कि आपदा राहत के लिए केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के माध्यम से प्रदेश का अलग-अलग किश्तों में ₹1782 करोड़ की आर्थिक सहायता की, लेकिन प्रदेश सरकार ने हिमाचल की जनता से ₹252 करोड़ आपदा राहत कोष के नाम पर भी जमा किए, लेकिन अभी तक हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने ₹1820 करोड़ रूपये ही खर्च किए हैं. केंद्र सरकार से आई राहत राशि और जनता से इकट्ठा किया गया, धन भी सुक्खू सरकार पूरा खर्च नहीं कर पाई है.
उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने मकान बनाने के लिए ₹7 लाख देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक जनता को ₹3 लाख ही इस सरकार ने दिए हैं. जिन लोगों की पूरी जमीन बर्बाद हो गई, उनको नई जमीन देने का वादा किया गया था. लेकिन अभी तक किसी को जमीन नहीं दी गई है. किरायेदारों को किराया देने का वादा किया गया था, लेकिन किसी को कराया नहीं दिया जा रहा है. जो राहत राशि प्रभावितों को दी गई, उसमें भी भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
रणधीर शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीब लोगों का 5 लाख तक का मुफ्त इलाज हो सके, इसके लिए आयुष्मान योजना शुरू की है. जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में 4 लाख 33 हजार लाभार्थी हैं. इस योजना का 10 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश सरकार को देना है. लेकिन यह राशि भी राज्य सरकार ने नहीं दिया है. जिसके कारण आयुष्मान योजना के तहत हिमाचल की देनदारी 50 करोड़ के लगभग पहुंच गई है.
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