नई दिल्ली: गाजियाबाद की लोनी विधानसभा से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि चुनाव के दौरान विधायकों के गनर हटाए गए और अपमान किया गया. चुनाव से 3 महीने पहले तक हम यूपी की 80 की 80 सीट जीत रहे थे, लेकिन चुनाव शुरू होने के बाद षड्यंत्र के तहत माहौल बिगाड़ा गया.
विधायक के आरोप के बाद गाजियाबाद पुलिस ने लिखित बयान जारी किया है. 'न्यूज़ चैनल के एक वीडियो के माध्यम से संज्ञान में आया है कि उक्त विडियो में विधायक, लोनी द्वारा यह बात कही गयी है कि उनके गनर (सुरक्षा हेतु पुलिसकर्मी) हटा दिए गए हैं और वर्तमान में कोई गनर नहीं है. इस संबंध में स्पष्ट करना है कि विधायक लोनी को शासन द्वारा दो सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराने का आदेश यथावत है, जिसके अनुपालन में पूर्व से ही दो सुरक्षाकर्मी पुलिस लाइन्स से लगातार उनके आवास पर ड्यूटी के लिए उपस्थित रहते हैं.' वहीं गाजियाबाद पुलिस के बयान के बाद लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पलटवार किया है. नंदकिशोर गुर्जर ने अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को पत्र लिखा है.
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पत्र में विधायक ने कहा है, 'आज गाजियाबाद पुलिस द्वारा अनुशासनहीनता करते हुए समाचार पत्रों में उनके अधिकारियों द्वारा सुरक्षाकर्मी हटाने संबंधित बयान दिया गया है जो मैं आपको एवं अन्य संबंधित उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा चुका हूं. इसके उपरांत मुझे जानकारी प्राप्त हुई कि मेरे आवास पर पुलिसकर्मियों को यह कहकर भेजा जाता था कि आप वहां पहुंचकर लोकेशन के साथ अपनी फोटो पुलिस लाइन में जमा कराते हुए लिखकर दे दे कि हमें अपनी सुरक्षा में रखने से मना कर दिया है, प्रतिदिन यहीं प्रक्रिया पूरे चुनाव के दौरान अपनाई गई. ताकि मैं चुनाव प्रचार से दूर रहूं और लोनी जैसी संवेदनशील विधानसभा में भाजपा हार जाए और इस दौरान मेरी हत्या भी कराई जा सके. इसी तरह का षड्यंत्र मुरादनगर के विधायक के साथ भी किया गया. जनपद में ऐसी ध्वस्त कानून व्यवस्था और बयान बहादुर अधिकारियों के बीच असुरक्षित माहौल में, मैं यहां रहूं या फिर अन्य राज्य में शरण लूं?'
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