आगरा: आगरा छावनी से भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने आगरा कमिश्नरेट पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं. भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस मनमानी कर रही है. भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की जा रही है. जबकि, भूमाफिया को संरक्षण दिया जा रहा है. जिससे प्रदेश सरकार की छवि खराब हो रही है. भाजपा विधायक ने कहा है कि, ये आगरा में पुलिस की कमिश्नरेट नहीं, कमीशन की रेट हो गई है.
विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने एक प्रेस नोट जारी किया है. जिसमें उन्होंने आगरा कमिश्नरेट पुलिस की कार्य प्रणाली और कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. भाजपा विधायक का कहना है कि, आगरा में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और कुछ एसीपी यूपी के मुख्यमंत्री की अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति को पलीता लगा रहे हैं. भूमाफिया और अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस उन्हें सरंक्षण दे रही है. भाजपा के भाजपा के दायित्ववान कार्यकर्ताओं को गंभीर धाराओं में जेल भेज रही है. पुलिस की लचर पैरवी के कारण न्यायालय से भूमाफिया और अपराधी आए दिन बरी हो रहे हैं. एक सप्ताह पहले छत्ता पुलिस ने वारंटी को गिरफ्तार किया. मगर, दो घंटे बाद ही उसे थाने से छोड़ दिया.
विधायक बोले-सीएम योगी से करूंगा शिकायत : भाजपा विधायक का कहना है कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट नहीं बल्कि पुलिस की कमीशन की रेट हो गई है. कमिश्नरेट बनने के बाद जिले में पुलिस की वसूली और बढ़ गई है. बाजारों में नोटिस के नाम पर वसूली की जा रही है. जिससे सरकार ही स्वच्छ छवि खराब हो रही है. इसको लेकर साक्ष्यों के साथ जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी.
20 महीने पहले आगरा में हुई थी लागू : सीएम योगी ने 25 नवंबर 2022 को आगरा समेत प्रदेश के जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की थी. आगरा पुलिस कमिश्नरेट में पहले पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह बने. मगर, प्रदेश के बहुचर्चित बोदला जमीन कांड में तत्कालीन थानाध्यक्ष को जेल जाना पड़ा और उसी मामले में पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रतिंदर सिंह को हटाकर जे रविन्दर गौड़ को पुलिस कमिश्नर बनाया गया.
पहले की थी स्मार्ट सिटी के भ्रष्टाचार की शिकायत : डॉ. जीएस धर्मेश पहले से ही भ्रष्टाचार को लेकर मुखर रहे हैं. अपने बेबाक बयान से उनकी अलग पहचान है. भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने आगरा स्मार्ट सिटी में भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी. उन्होंने आगरा स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी आरके सिंह पर कमीशन की काली कमाई से अकूत संपत्तियां अर्जित करने के आरोप लगाए थे. जिसकी जांच शासन स्तर से हो रही है. इसके अलावा भाजपा विधायक कई अन्य परियोजनाओं में भी भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार में मोर्चा खोल चुके हैं.
विपक्ष को दिया भाजपा विधायक ने मौका : डॉ. जीएस धर्मेश ने जिस तरह से अपनी ही सरकार में पुलिस पर सवाल उठाए हैं. उससे विपक्ष को एक मुद्दा मिल गया. बसपा जिला अध्यक्ष विमल वर्मा का कहना है कि देर से ही सही मगर, भाजपा विधायक की आंखें तो खुल गईं. इससे साफ है कि सरकार में पुलिस से आम आदमी कितना त्रस्त होगा. सपा महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार ने भाजपा और पुलिस पर कटाक्ष किए हैं. उन्होंने कहा कि सिस्टम में कहीं न कहीं गड़बड़ है. इससे पूर्व भी प्रदेश के अन्य विधायक इस तरह के आरोप लगाए हैं. भाजपा विधायक बताएं कि कहां भ्रष्टाचार हो रहा है?
वहीं, सपा मुखिया ने लिखा है कि शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए.
उप्र के माननीय मुख्यमंत्री जी कम-से-कम अब तो अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए क्योंकि अब तो आपके ही विधायक पुलिस ‘कमिश्नरेट’ को ‘कमीशन-रेट’ की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2024
अब क्या इस आलोचना के बाद आप उन पर भी एफ़आइआर लिखवाएंगे या बुलडोज़र का डर दिखलाएंगे।
भाजपा… pic.twitter.com/jDsWUkffKO
एसीपी से मांगी जांच रिपोर्ट: भाजपा विधायक ने जिस तरह से आगरा पुलिस कमिश्ननरेट के भ्रष्टाचार और वसूली पर सवाल उठाए हैं, उससे पुलिस महकमा में भी खलबली मची हुई है. इस बारे में डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि छावनी विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने जो मामला उठाया है, इस मामले की जांच एसीपी छता को दी है. जिसकी रिपोर्ट आने पर आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.