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बीजेपी का फरवरी से शुरू होगा मिशन 2027, नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए इन नामों की चर्चा

भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में उपचुनाव खत्म होते ही अगले चुनाव और संगठन मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है.

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भारतीय जनता पार्टी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 22, 2024, 5:00 PM IST

लखनऊ: फरवरी 2025 से यूपी विधानसभा चुनाव के पूरे दो साल बाकी रह जाएंगे. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के मिशन 2027 का भी आगाज हो जाएगा. जिसमें नए अध्यक्ष और बदले हुए संगठन के साथ BJP आधिकारिक तौर पर 2027 चुनाव की तैयारी में जुटेगी. मंत्रिमंडल में भी बड़ा बदलाव किया जाएगा.


मंत्रिमंडल में बदलाव की तैयारी
उपचुनाव का परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल में परिवर्तन की संभावना है. खास तौर पर पिछली करीब 6 महीने से खाली लोक निर्माण मंत्री के पद को सबसे पहले भरा जाएगा. इस मंत्रालय को लेकर वर्तमान में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री डॉ महेंद्र सिंह का नाम चल रहा है. इसके अलावा कुछ अन्य मंत्रालयों में भी परिवर्तन की संभावना है. कुछ पुराने लोगों को हटाकर नए लोगों को जिम्मेदारी दी जा सकती है.

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अब नेताओं की भाग दौड़ शुरू हो गई है. पार्टी जनवरी और फरवरी में नए अध्यक्ष का चुनाव कर लेगी. जिसको लेकर पार्टी ने संगठन पर्व के तौर पर चुनाव अधिकारी भी घोषित कर दिए हैं. पार्टी की अध्यक्ष पद के लिए गतिविधियां तेज हो गई हैं. मान जा रहा है कि ब्राह्मण, दलित या फिर पिछड़े वर्ग से पार्टी का नया अध्यक्ष हो सकता है. पार्टी क्षत्रिय या वैश्य समाज से अध्यक्ष नहीं बनाएगी. माना जा रहा है कि पांच से छह नाम सबसे अधिक अध्यक्ष पद की होड़ में बने हुए हैं. जबकि एक पक्ष का यह भी दावा है कि वर्तमान अध्यक्ष को एक बार फिर पार्टी इस दायित्व को दोबारा निभाने का मौका दे सकती है.

ये नाम चर्चा में हैं
भूपेंद्र सिंह चौधरी : वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को रिपीट किया जा सकता है. 2022 चुनाव के बाद से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. एमएलसी भी हैं. जाट वर्ग से आते हैं, पश्चिम को साधने के लिए बीजेपी उनको पद पर कायम रख सकती है.
गोविंद नारायण शुक्ल : वर्तमान में पार्टी के प्रदेश महामंत्री और विधान परिषद सदस्य हैं. लंबे समय से संगठन से जुड़े रहे हैं. पार्टी के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उनके नाम पर भी चर्चा तेज की जा रही है.
विजय बहादुर पाठक : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. ब्राह्मण वर्ग से आते हैं और विधान परिषद सदस्य भी हैं. पुरानी कार्यकर्ता रहे हैं अध्यक्ष के तौर पर उनका नाम भी लिया जा रहा है.
बाबू राम निषाद: अति पिछड़े वर्ग से आने वाले बाबू राम निषाद पार्टी के राजयसभा सांसद भी हैं. अति पिछड़े वर्ग को साध सकते हैं.
विद्यासागर सोनकर : भाजपा के एमएलसी विद्यासागर सोनकर पार्टी का दलित चेहरा हैं. लम्बे समय से सांगठनात्मक कार्यों से जुड़े हुए हैं.
विजय सोनकर: आजमगढ़ के लालगंज के रहने वाले भाजपा के पुराने दलित नेता हैं. उनका नाम भी अध्यक्ष पद के लिए लिया जा रहा है.
दो पुराने अध्यक्षों के नाम भी चर्चः इन सारे नाम के अलावा दो पुराने अध्यक्ष,जिनके नेतृत्व में पार्टी ने अलग-अलग चुनाव में जीत हासिल की उन पर भी चर्चा की जा सकती है. इनमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का नाम आ सकता है. दोनों ही पिछड़े वर्ग से आते हैं. 2017 का विधानसभा चुनाव केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व 2022 का विधानसभा चुनाव स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में पार्टी ने जीता था.

सरकार और संगठन के पुनर्गठन के बाद शुरू होगा मिशन 2027
भारतीय जनता पार्टी संगठन और योगी आदित्यनाथ की सरकार के पुनर्गठन के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी जमीन पर उतरना शुरू हो जाएंगी. बीजेपी जनवरी-फरवरी 2025 से चुनाव के ठीक 24 महीने पहले अपनी तैयारी में उतर जाएगी. बीजेपी के विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जनता के बीच में अपनी कामयाबियों को लेकर जाएगी. जिस पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया जाएगा. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई ने बताया कि पार्टी हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है. हमारा कार्यकर्ता 24x7 काम करते हैं. इसलिए हम तैयारी में लगे हुए हैं. बाकी संगठन और सरकार के परिवर्तनों की बात है तो वह उच्च स्तर पर तय होता है समय आने पर उसकी जानकारी मीडिया को भी दी जाएगी.

इसे भी पढ़ें-यूपी विधानसभा उपचुनाव; शिवपाल यादव बोले- वोट की लूट के बावजूद हम 5 से 6 सीटें जरूर जीतेंगे

लखनऊ: फरवरी 2025 से यूपी विधानसभा चुनाव के पूरे दो साल बाकी रह जाएंगे. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के मिशन 2027 का भी आगाज हो जाएगा. जिसमें नए अध्यक्ष और बदले हुए संगठन के साथ BJP आधिकारिक तौर पर 2027 चुनाव की तैयारी में जुटेगी. मंत्रिमंडल में भी बड़ा बदलाव किया जाएगा.


मंत्रिमंडल में बदलाव की तैयारी
उपचुनाव का परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल में परिवर्तन की संभावना है. खास तौर पर पिछली करीब 6 महीने से खाली लोक निर्माण मंत्री के पद को सबसे पहले भरा जाएगा. इस मंत्रालय को लेकर वर्तमान में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री डॉ महेंद्र सिंह का नाम चल रहा है. इसके अलावा कुछ अन्य मंत्रालयों में भी परिवर्तन की संभावना है. कुछ पुराने लोगों को हटाकर नए लोगों को जिम्मेदारी दी जा सकती है.

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अब नेताओं की भाग दौड़ शुरू हो गई है. पार्टी जनवरी और फरवरी में नए अध्यक्ष का चुनाव कर लेगी. जिसको लेकर पार्टी ने संगठन पर्व के तौर पर चुनाव अधिकारी भी घोषित कर दिए हैं. पार्टी की अध्यक्ष पद के लिए गतिविधियां तेज हो गई हैं. मान जा रहा है कि ब्राह्मण, दलित या फिर पिछड़े वर्ग से पार्टी का नया अध्यक्ष हो सकता है. पार्टी क्षत्रिय या वैश्य समाज से अध्यक्ष नहीं बनाएगी. माना जा रहा है कि पांच से छह नाम सबसे अधिक अध्यक्ष पद की होड़ में बने हुए हैं. जबकि एक पक्ष का यह भी दावा है कि वर्तमान अध्यक्ष को एक बार फिर पार्टी इस दायित्व को दोबारा निभाने का मौका दे सकती है.

ये नाम चर्चा में हैं
भूपेंद्र सिंह चौधरी : वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को रिपीट किया जा सकता है. 2022 चुनाव के बाद से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. एमएलसी भी हैं. जाट वर्ग से आते हैं, पश्चिम को साधने के लिए बीजेपी उनको पद पर कायम रख सकती है.
गोविंद नारायण शुक्ल : वर्तमान में पार्टी के प्रदेश महामंत्री और विधान परिषद सदस्य हैं. लंबे समय से संगठन से जुड़े रहे हैं. पार्टी के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उनके नाम पर भी चर्चा तेज की जा रही है.
विजय बहादुर पाठक : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. ब्राह्मण वर्ग से आते हैं और विधान परिषद सदस्य भी हैं. पुरानी कार्यकर्ता रहे हैं अध्यक्ष के तौर पर उनका नाम भी लिया जा रहा है.
बाबू राम निषाद: अति पिछड़े वर्ग से आने वाले बाबू राम निषाद पार्टी के राजयसभा सांसद भी हैं. अति पिछड़े वर्ग को साध सकते हैं.
विद्यासागर सोनकर : भाजपा के एमएलसी विद्यासागर सोनकर पार्टी का दलित चेहरा हैं. लम्बे समय से सांगठनात्मक कार्यों से जुड़े हुए हैं.
विजय सोनकर: आजमगढ़ के लालगंज के रहने वाले भाजपा के पुराने दलित नेता हैं. उनका नाम भी अध्यक्ष पद के लिए लिया जा रहा है.
दो पुराने अध्यक्षों के नाम भी चर्चः इन सारे नाम के अलावा दो पुराने अध्यक्ष,जिनके नेतृत्व में पार्टी ने अलग-अलग चुनाव में जीत हासिल की उन पर भी चर्चा की जा सकती है. इनमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का नाम आ सकता है. दोनों ही पिछड़े वर्ग से आते हैं. 2017 का विधानसभा चुनाव केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व 2022 का विधानसभा चुनाव स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में पार्टी ने जीता था.

सरकार और संगठन के पुनर्गठन के बाद शुरू होगा मिशन 2027
भारतीय जनता पार्टी संगठन और योगी आदित्यनाथ की सरकार के पुनर्गठन के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी जमीन पर उतरना शुरू हो जाएंगी. बीजेपी जनवरी-फरवरी 2025 से चुनाव के ठीक 24 महीने पहले अपनी तैयारी में उतर जाएगी. बीजेपी के विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जनता के बीच में अपनी कामयाबियों को लेकर जाएगी. जिस पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया जाएगा. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई ने बताया कि पार्टी हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है. हमारा कार्यकर्ता 24x7 काम करते हैं. इसलिए हम तैयारी में लगे हुए हैं. बाकी संगठन और सरकार के परिवर्तनों की बात है तो वह उच्च स्तर पर तय होता है समय आने पर उसकी जानकारी मीडिया को भी दी जाएगी.

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