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बीजेपी ने बनाई उपचुनाव में 7 सीटें जीतने की रणनीति, सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय बनाकर मैदान में उतरने की तैयारी - BJPs strategy for by elections

यूपी में 10 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर खास रणनीति बनाने में जुटी है. पार्टी 10 में उन सात सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही है. जिस पर जीत मिलने की सौ फीसदी गारंटी है.

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उपचुनाव के लिए बीजेपी ने तय किए लक्ष्य (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 17, 2024, 10:32 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए सत्ताधारी दल बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और दोनों ही दल सभी 10 की 10 सीटें जीतने का दावा भी कर रहे हैं. हालांकी भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा 7 सीट जीतने पर पूरा फोकस कर रही है. अभी बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को मिलाकर 5 सीट हैं. अब भाजपा 7 सीटों पर चुनाव जीतने के लिए अपनी पुख्ता रणनीति बना रही है. साथ ही सरकार और संगठन के बीज बेहतर समन्वय बनाकर चुनाव में उतरने की तैयारी की जा रही है.

बीजेपी की ओर से जिन सात सीटों को जीतने का मुख्य रूप से लक्ष्य रखा है, उनमें गाजियाबाद सदर, प्रयागराज की फूलपुर, अलीगढ़ की खैर और पिछली बार निषाद पार्टी के खाते में गई मिर्जापुर की मझवा सीट, राष्ट्रीय लोकदल की मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट तो शामिल ही है. इसके अलावा अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट भी जीतने को लेकर भाजपा प्लानिंग कर रही है.

भाजपा सात सीटों पर ज्यादा फोकस इसलिए कर रही है की, जाति समीकरण और अन्य मुद्दों को देखते हुए यहां पर पार्टी को जीत मिलने की उम्मीद है. अभी उसके पास गठबंधन को मिलाकर 5 सीट हैं. दो और सीट जीतने का टारगेट है. हालांकि लोकसभा चुनाव में अयोध्या और अंबेडकर नगर सीट बीजेपी हार चुकी है. ऐसे में इन दोनों सीटों पर जीत को लेकर भी भले भाजपा भले आश्वस्त हो लेकिन लड़ाई दिलचस्प होने जा रही है.

बीजेपी की चुनावी तैयारियों की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि, खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ दोनों डिप्टी सीएम को दो-दो सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अयोध्या और कन्नौज में जिस तरह से रेप की घटनाएं हुई और इन घटनाओं पर योगी सरकार ने जिस तरह से प्रभावी कार्रवाई की. इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है. इन दोनों मामलों में समाजवादी पार्टी से जुड़े नेताओं के नाम जिस तरह से सामने आए. ऐसे में समाजवादी पार्टी इन दोनों मामलों में बैकफुट पर नजर आई.

बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि, 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सरकार और संगठन सक्रियता से काम कर रहे हैं. प्रभारी मंत्री क्षेत्र में जा रहे हैं और यहां जो समस्याएं हैं उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. जाति समीकरण सहित अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी काम कर रही है. समाजवादी पार्टी की सच्चाई जनता जान चुकी है, अयोध्या और कन्नौज की घटना में सपा से जुड़े नेताओं का जिस प्रकार से हाथ सामने आया है, एक बार फिर इनकी सच्चाई सामने आई है.

2022 के विधानसभा चुनाव में इन 10 विधानसभा सीटों में पांच सीट समाजवादी पार्टी, तीन सीट भारतीय जनता पार्टी, एक-एक सीट निषाद पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के खाते में गई थी. समाजवादी पार्टी के पास मैनपुरी की करहल सीट, अम्बेडकर नगर की कटेहरी, अयोध्या की मिल्कीपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट थी. वहीं बीजेपी के पास गाजियाबाद सदर, प्रयागराज की फूलपुर और अलीगढ़ की खैर सीट थी. तो सहयोगी दल निषाद पार्टी के पास मिर्जापुर जिले की मझवा सीट तो रालोद के पास मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट थी.

खैर में बीजेपी ही लड़ेगी उपचुनाव: मंत्री लक्ष्मी नारायण

अलीगढ़: योगी सरकार में गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण शनिवार को खैर में आयोजित तहसील दिवस कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान चौधरी लक्ष्मीनारायण ने कहा कि, यहां भारतीय जनता पार्टी ही चुनाव लड़ेगी. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि, अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान का होगा. खैर विधानसभा से अनूप वाल्मीकि के हाथरस सांसद बनने के बाद इस्तीफा देने से खाली हो गई है. जिसपर होने जा रहे उप चुनाव को लेकर भाजपा ने चौधरी लक्ष्मी नारायण और बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को प्रभारी बनाया है.


यह भी पढ़ें : यूपी विधानसभा उपचुनाव: BJP के सामने अड़े सहयोगी दल, 10 सीटों पर मची रार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए सत्ताधारी दल बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और दोनों ही दल सभी 10 की 10 सीटें जीतने का दावा भी कर रहे हैं. हालांकी भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा 7 सीट जीतने पर पूरा फोकस कर रही है. अभी बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को मिलाकर 5 सीट हैं. अब भाजपा 7 सीटों पर चुनाव जीतने के लिए अपनी पुख्ता रणनीति बना रही है. साथ ही सरकार और संगठन के बीज बेहतर समन्वय बनाकर चुनाव में उतरने की तैयारी की जा रही है.

बीजेपी की ओर से जिन सात सीटों को जीतने का मुख्य रूप से लक्ष्य रखा है, उनमें गाजियाबाद सदर, प्रयागराज की फूलपुर, अलीगढ़ की खैर और पिछली बार निषाद पार्टी के खाते में गई मिर्जापुर की मझवा सीट, राष्ट्रीय लोकदल की मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट तो शामिल ही है. इसके अलावा अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट भी जीतने को लेकर भाजपा प्लानिंग कर रही है.

भाजपा सात सीटों पर ज्यादा फोकस इसलिए कर रही है की, जाति समीकरण और अन्य मुद्दों को देखते हुए यहां पर पार्टी को जीत मिलने की उम्मीद है. अभी उसके पास गठबंधन को मिलाकर 5 सीट हैं. दो और सीट जीतने का टारगेट है. हालांकि लोकसभा चुनाव में अयोध्या और अंबेडकर नगर सीट बीजेपी हार चुकी है. ऐसे में इन दोनों सीटों पर जीत को लेकर भी भले भाजपा भले आश्वस्त हो लेकिन लड़ाई दिलचस्प होने जा रही है.

बीजेपी की चुनावी तैयारियों की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि, खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ दोनों डिप्टी सीएम को दो-दो सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अयोध्या और कन्नौज में जिस तरह से रेप की घटनाएं हुई और इन घटनाओं पर योगी सरकार ने जिस तरह से प्रभावी कार्रवाई की. इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है. इन दोनों मामलों में समाजवादी पार्टी से जुड़े नेताओं के नाम जिस तरह से सामने आए. ऐसे में समाजवादी पार्टी इन दोनों मामलों में बैकफुट पर नजर आई.

बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि, 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सरकार और संगठन सक्रियता से काम कर रहे हैं. प्रभारी मंत्री क्षेत्र में जा रहे हैं और यहां जो समस्याएं हैं उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. जाति समीकरण सहित अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी काम कर रही है. समाजवादी पार्टी की सच्चाई जनता जान चुकी है, अयोध्या और कन्नौज की घटना में सपा से जुड़े नेताओं का जिस प्रकार से हाथ सामने आया है, एक बार फिर इनकी सच्चाई सामने आई है.

2022 के विधानसभा चुनाव में इन 10 विधानसभा सीटों में पांच सीट समाजवादी पार्टी, तीन सीट भारतीय जनता पार्टी, एक-एक सीट निषाद पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के खाते में गई थी. समाजवादी पार्टी के पास मैनपुरी की करहल सीट, अम्बेडकर नगर की कटेहरी, अयोध्या की मिल्कीपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट थी. वहीं बीजेपी के पास गाजियाबाद सदर, प्रयागराज की फूलपुर और अलीगढ़ की खैर सीट थी. तो सहयोगी दल निषाद पार्टी के पास मिर्जापुर जिले की मझवा सीट तो रालोद के पास मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट थी.

खैर में बीजेपी ही लड़ेगी उपचुनाव: मंत्री लक्ष्मी नारायण

अलीगढ़: योगी सरकार में गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण शनिवार को खैर में आयोजित तहसील दिवस कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान चौधरी लक्ष्मीनारायण ने कहा कि, यहां भारतीय जनता पार्टी ही चुनाव लड़ेगी. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि, अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान का होगा. खैर विधानसभा से अनूप वाल्मीकि के हाथरस सांसद बनने के बाद इस्तीफा देने से खाली हो गई है. जिसपर होने जा रहे उप चुनाव को लेकर भाजपा ने चौधरी लक्ष्मी नारायण और बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को प्रभारी बनाया है.


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