रांची: मिशन झारखंड में जुटी बीजेपी इन दिनों विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एक साथ कई मोर्चे पर काम कर रही है.लोकसभा चुनाव परिणाम और पार्टी द्वारा निजी स्तर पर कराए गए सर्वे के बाद सबसे पहले कमजोर क्षेत्रों को मजबूत करने का काम किया जा रहा है.इसके लिए पार्टी ने बड़े नेताओं को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है.
संथाल और कोल्हान पर बीजेपी का विशेष फोकस
पार्टी का मुख्य फोकस कोल्हान और संथाल पर है, जहां हर हाल में स्थितियां अनुकूल करने की कोशिश की जा रही है. 2019 के विधानसभा चुनाव में भी इन क्षेत्रों में पार्टी को उम्मीद के अनुरूप सफलता नहीं मिली थी. ऐसे में ताजा सर्वे और लोकसभा चुनाव परिणाम ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है.
कोल्हान और संथाल में पार्टी मजबूती से लड़ेगी चुनावः अविनेश कुमार
इस संबंध में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह कहते हैं कि संथाल और कोल्हान दोनों क्षेत्रों पर पार्टी की नजर है और हम मजबूती के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इन क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ता और नेताओं को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है, जो रात दिन मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कुशासन से जनता का मन उब चुका है और हमारे लिए मैदान तैयार है.
हर हाल में 28 में से 14 एसटी सीट जीतने का लक्ष्य
बीजेपी की नजर झारखंड की एसटी सीटों पर है.28 में से कम से कम 14 सीटों को जीतने का लक्ष्य पार्टी ने तय किया है.इसके लिए कई तरह की चुनावी रणनीति बनाई गई है.जानकारी के मुताबिक हर जिले की जिम्मेदारी पार्टी के बड़े नेताओं को दी जाएगी, जो न केवल सांगठनिक प्रवास पर रहेंगे, बल्कि चुनावी नैया पार लगाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे.
एसटी विधानसभा क्षेत्र में नेताओं को कराया जाएगा प्रवास
बीजेपी के केन्द्रीय नेताओं के साथ-साथ प्रदेश स्तर के नेताओं को भी इन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा उतारने की तैयारी की जा रही है. छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के ट्राइबल एरिया से आनेवाले नेताओं को इसी क्षेत्र में प्रवास कराया जाएगा, ताकि पार्टी को इसका चुनावी लाभ मिल सके.
ट्राइबल सीटों पर पार्टी के बड़े नेताओं को उतारने का निर्णय
इसके अलावे अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण रणनीति यह है कि इन क्षेत्रों की सीटों पर पार्टी ने बड़े नेताओं को उतारने का फैसला किया गया है. इसके लिए कुछ नेताओं को पार्टी की ओर से अघोषित रूप से सिग्नल दे दिया गया है. बहरहाल, चुनावी समर को जीतने के लिए बीजेपी अपनी पुरानी गलतियों से सीख लेते हुए जिस तरह से रणनीति बनाई है वह यदि जमीन पर उतर जाए तो नि:संदेह पार्टी को बड़ी सफलता हाथ लगेगी.
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