राजसमंद. राजसमंद संसदीय सीट से भाजपा ने उदयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य व नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ की धर्मपत्नी महिमा कुमारी को अपना प्रत्याशी बनाया है. महिमा कुमारी ने गत विधानसभा चुनाव के दौरान अपने पति विश्वराज सिंह मेवाड़ के लिए गांव ढाणियों में जाकर प्रचार किया था. बीते विधानसभा चुनाव से ही महिमा कुमारी लगातार सियासत में सक्रिय हैं. वहीं, महाराणा प्रताप की वंशज महिमा कुमारी के टिकट के ऐलान के बाद स्थानीय स्तर पर अब दावेदारों व पदाधिकारियों को साथ लाना भी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है.
विश्वराज सिंह मेवाड़ बीते विधानसभा में हॉट सीट नाथद्वारा से चुनाव लड़े थे और उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. सीपी जोशी को पराजित किया था. वहीं, अब पार्टी ने विश्वराज सिंह मेवाड़ की धर्मपत्नी महिमा कुमारी मेवाड़ पर भरोसा जताते हुए उन्हें राजसमंद सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है.
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काशी में हुई प्रारंभिक शिक्षा : महिमा कुमारी शुरू से ही सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रही हैं. ऐसे तो महिला का पश्चिम बंगाल के पंचकोट पूर्व राजघराने से संबंध है, लेकिन बचपन से ही उनका नाता काशी से ही रहा है. बचपन में वे अपनी माता के साथ वाराणसी में रहीं और उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी वाराणसी से हुई है. महिमा के मामा मध्यप्रदेश की सतना सीट से सांसद रह चुके हैं. उनके ममेरे भाई वर्तमान में एमपी की एक सीट से विधायक हैं. उनकी चाची टिहरी-गढ़वाल से सांसद हैं.
पीएम मोदी के सामने हुई महिमा कुमारी की चर्चा : महिमा कुमारी का नाम पिछले दिनों दिल्ली में हुई एक बैठक में चर्चा में आया था. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के सामने इस नाम पर चर्चा हुई है. पीएम मोदी खुद वाराणसी से सांसद हैं और महिमा कुमारी का वाराणसी से बचपन का रिश्ता है. इसके चलते मोदी की फेवरेट सूची में उनका नाम आया और अंतत: पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया.
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दावेदारों की सूची में शामिल थे एक दर्जन नाम : राजसमंद लोकसभा सीट से भाजपा दावेदारों की सूची में एक दर्जन नामों की चर्चा थी. इनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के अलावा सतीश पूनिया, मानसिंह बारहठ, कर्णवीर सिंह राठौड़, संगीता कंवर चौहान, सीपी धींग, भवानी सिंह कालवी, अरविंद सिंह राठौड़ के नाम विशेष रूप से चर्चा में थे.
अब तक ये रही स्थिति : परिसीमन के बाद उदयपुर लोकसभा सीट से अलग होकर राजसमंद लोकसभा सीट बनी. 2009 में यहां पहला चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस के गोपाल सिंह ईडवा सांसद चुने गए. उसके बाद 2014 में दूसरा चुनाव हुआ, जिसमें भाजपा के हरिओम सिंह राठौड़ सांसद चुने गए, जबकि 2019 के चुनाव में भाजपा की दीया कुमारी विजयी हुई थी. इस तरह से यहां अब तक कुल तीन चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार कांग्रेस और दो बार भाजपा को जीत मिली है. अब चौथे चुनाव का परिणाम क्या रहेगा ये तो 4 जून को ही पता चलेगा, लेकिन 2014 और 2019 के चुनाव में जीत का मार्जिन 45 प्रतिशत तक बढ़ा था.
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22 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे वोटिंग : राजसमंद लोकसभा सीट अंतर्गत चार जिलों की 8 विधानसभा सीटें आती हैं. राजसमंद जिले में नाथद्वारा, कुंभलगढ़, राजसमंद और भीम विधानसभा है, जबकि पाली जिले की जेतारण, ब्यावर, नागौर जिले की डेगाना व मेड़ता विधानसभा शामिल है. यहां 22 लाख से अधिक मतदाता हैं.