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BJP के 218 MLA लोकसभा में नहीं जिता पाए अपना क्षेत्र, विधानसभा चुनाव आज हों तो चली जाए सीएम योगी की कुर्सी? - UP Assembly Election 2027

भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है कि साल 2027 तक स्थितियां बदल जाएंगी. लोकसभा और विधानसभा चुनाव का माहौल अलग होता है. इसलिए हमको जीत मिलेगी. मगर वर्तमान माहौल आगे भी बना रहा तो निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत हो सकती है. इसलिए अभी से ही पार्टी 2027 विधानसभा चुनाव के लिए बड़े अभियान बहुत जल्द शुरू करेगी.

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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे क्या यूपी विधानसभा चुनाव 2027 पर डालेंगे असर (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 4:41 PM IST

Updated : Jun 11, 2024, 6:30 PM IST

मीडिया के सामने अपनी बात रखते भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 के जरिये बीजेपी के करीब 200 विधायकों की हकीकत सामने आ गई है. बीजेपी ने यूपी में 44 लोकसभा सीटें हारी हैं. जिनमें 218 से अधिक विधायकों को हार का सामना करना पड़ा है. साल 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर अगर विधायकों की परफॉर्मेंस की बात करें तो इन MLA पर भी नजर रखी जाएगी.

भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है कि साल 2027 तक स्थितियां बदल जाएंगी. लोकसभा और विधानसभा चुनाव का माहौल अलग होता है. इसलिए हमको जीत मिलेगी. मगर वर्तमान माहौल आगे भी बना रहा तो निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत हो सकती है. इसलिए अभी से ही पार्टी 2027 विधानसभा चुनाव के लिए बड़े अभियान बहुत जल्द शुरू करेगी.

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने इस बार केवल 33 लोकसभा सीट जीती हैं. तीन सीट भारतीय जनता पार्टी के सहयोगियों को हासिल हुई है. बीजेपी को 43 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अकेले 62 और सहयोगियों ने 2 सीटें जीती थीं. भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में 10 साल बाद प्रचंड हार का सामना करना पड़ा है. 2014 में एनडीए ने यूपी में 73 लोकसभा क्षेत्र में विजय हासिल की थी.

भारतीय जनता पार्टी में हार का जो पोस्टमार्टम हुआ है, उसके मुताबिक बीजेपी को उत्तर प्रदेश की 218 विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है. उत्तर प्रदेश की विधानसभा में 202 की संख्या बहुमत के लिए पर्याप्त है. इसलिए लोकसभा चुनाव को अगर विधानसभा के परिपेक्ष्य में देखें तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के इंडी एलायंस ने उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. यह भारतीय जनता पार्टी के लिए खतरनाक स्थिति है.

राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर ढाई साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अगर भारतीय जनता पार्टी ने बड़े परिवर्तन नहीं किए, तो बड़ी मुसीबत हो सकती है. समाजवादी पार्टी प्रबंधन अगर केवल इन्हीं 218 सीट को आधार मानकर तैयारी करेगी तो उसके लिए जीत हासिल करना आसान हो जाएगा. भारतीय जनता पार्टी को ऐसे हालातों से बचने के लिए सोच समझ कर बड़े बदलाव करने होंगे.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय बताते हैं कि दोनों चुनाव का स्वरूप बिल्कुल अलग होता है. इनको एक जैसा मनाना गलत है. विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी शानदार प्रदर्शन करेगी. लोकसभा चुनाव के परिणाम को हम बदल कर रख देंगे.

ये भी पढ़ेंः जितिन प्रसाद ने छोड़ी MLC सीट; अखिलेश यादव करहल से आज देंगे इस्तीफा, 8 अन्य भी छोड़ेंगे विधायकी

मीडिया के सामने अपनी बात रखते भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 के जरिये बीजेपी के करीब 200 विधायकों की हकीकत सामने आ गई है. बीजेपी ने यूपी में 44 लोकसभा सीटें हारी हैं. जिनमें 218 से अधिक विधायकों को हार का सामना करना पड़ा है. साल 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर अगर विधायकों की परफॉर्मेंस की बात करें तो इन MLA पर भी नजर रखी जाएगी.

भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है कि साल 2027 तक स्थितियां बदल जाएंगी. लोकसभा और विधानसभा चुनाव का माहौल अलग होता है. इसलिए हमको जीत मिलेगी. मगर वर्तमान माहौल आगे भी बना रहा तो निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत हो सकती है. इसलिए अभी से ही पार्टी 2027 विधानसभा चुनाव के लिए बड़े अभियान बहुत जल्द शुरू करेगी.

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने इस बार केवल 33 लोकसभा सीट जीती हैं. तीन सीट भारतीय जनता पार्टी के सहयोगियों को हासिल हुई है. बीजेपी को 43 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अकेले 62 और सहयोगियों ने 2 सीटें जीती थीं. भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में 10 साल बाद प्रचंड हार का सामना करना पड़ा है. 2014 में एनडीए ने यूपी में 73 लोकसभा क्षेत्र में विजय हासिल की थी.

भारतीय जनता पार्टी में हार का जो पोस्टमार्टम हुआ है, उसके मुताबिक बीजेपी को उत्तर प्रदेश की 218 विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है. उत्तर प्रदेश की विधानसभा में 202 की संख्या बहुमत के लिए पर्याप्त है. इसलिए लोकसभा चुनाव को अगर विधानसभा के परिपेक्ष्य में देखें तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के इंडी एलायंस ने उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. यह भारतीय जनता पार्टी के लिए खतरनाक स्थिति है.

राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर ढाई साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अगर भारतीय जनता पार्टी ने बड़े परिवर्तन नहीं किए, तो बड़ी मुसीबत हो सकती है. समाजवादी पार्टी प्रबंधन अगर केवल इन्हीं 218 सीट को आधार मानकर तैयारी करेगी तो उसके लिए जीत हासिल करना आसान हो जाएगा. भारतीय जनता पार्टी को ऐसे हालातों से बचने के लिए सोच समझ कर बड़े बदलाव करने होंगे.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय बताते हैं कि दोनों चुनाव का स्वरूप बिल्कुल अलग होता है. इनको एक जैसा मनाना गलत है. विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी शानदार प्रदर्शन करेगी. लोकसभा चुनाव के परिणाम को हम बदल कर रख देंगे.

ये भी पढ़ेंः जितिन प्रसाद ने छोड़ी MLC सीट; अखिलेश यादव करहल से आज देंगे इस्तीफा, 8 अन्य भी छोड़ेंगे विधायकी

Last Updated : Jun 11, 2024, 6:30 PM IST
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