गिरिडीहः खबर संकलन करने के दौरान ईटीवी भारत के पत्रकार अमरनाथ सिन्हा पर हुए जानलेवा हमला पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. शनिवार को वह गुंडों के हमले में घायल पत्रकार के पपरवाटांड़ स्थित आवास पर पहुंचे और उनसे मुलाकात की.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पत्रकार अमरनाथ सिन्हा से पूरे मामले की जानकारी ली और उन्हें हमलावरों को कड़ी सजा दिलाने की बात कही. इस मामले पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस प्रकार का कार्य रंगदारी और गुंडागर्दी है. प्रेस का अपना कर्तव्य और दायित्व है जिसका पालन पत्रकार कर रहे थे.
जिला प्रशासन सारी चीजों को देखें और कोर्ट के आदेश का पालन करवाए. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब कोर्ट का आदेश है कि टोल लिए नहीं जाएंगे तो ऐसे में कोई अगर जबरन कोई वसूली कर रहा है तो ये रंगदारी और गुंडागर्दी है. इस मामले को प्रेस के साथी ने उजागर कर मुद्दे को जनता के सामने लाने का काम किया है और उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया. यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा जिन्होंने यह अपराध किया है उनको तो सजा मिलनी ही चाहिए. साथ ही यह भी जांच होना चाहिए कि मुख्य सड़क पर इस प्रकार की गुंडागर्दी करने वालों के पीछे किसका हाथ है. प्रशासन उन्हें भी चिन्हित कर उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई करे. उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जिनके प्रोत्साहन पर गैरकानूनी तरीके से ऐसे काम हो रहे हैं उनके विरुद्ध भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
पत्रकारों से बात करते बाबूलाल मरांडी ने कहा राज्य में कानून व्यवस्था कितनी खराब है यह इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई व्यक्ति रंगदारी पूर्वक सड़क पर उतरकर खुलेआम वसूली कर रहा है और गुंडागर्दी कर रहा है. राज्य में कानूनी व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुका है. इस मौके पर कई भाजपा नेता एवं प्रकार उपस्थित रहे.
भाकपा माले नेता सह पूर्व विधायक राजकुमार यादव भी शनिवार को ईटीवी के पत्रकार अमरनाथ सिन्हा का हाल जानने के लिए पहुंचे. पूर्व विधायक ने मामले की जानकारी लेते हुए इस घटना की घोर निंदा की है. उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्य का निष्ठापूर्वक पालन कर रहे पत्रकार अमरनाथ सिन्हा पर जानलेवा हमला दुखद है. इससे पहले भी गिरिडीह के ही पत्रकार एजाज अहमद को जान से मारने की धमकी दी गई थी. इस तरह लगातार चौथे स्तंभ पर हमला बोला जाना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.
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