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Delhi Assembly Election 2025: लोकसभा चुनाव के वोटर को विधानसभा में कन्वर्ट करने पर BJP का जोर

-आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू -भाजपा को लोकसभा में जीत और विधानसभा चुनावों में हो रही हे हार

भाजपा की दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार तैयारी जारी
भाजपा की दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार तैयारी जारी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 16 hours ago

नई दिल्लीः 2019 और 2024 की लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर रिकॉर्ड वोटो से जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव में भाजपा को दिल्ली की जनता का समर्थन मिला लेकिन विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने भाजपा को सिरे से ना कर दिया था. आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा रणनीति रूप से आगे बढ़ रही है. हाल ही में आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग को चुनाव सह प्रभारी नियुक्त किया है. अतुल गर्ग राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

भाजपा को लोकसभा में जीत, विधानसभा में हार: फिलहाल पार्टी द्वारा मंथन किया जा रहा है कि आखिर क्या कुछ वजह है जो लोकसभा के दौरान दिल्ली की जनता रिकॉर्ड वोटो से जीत दिलाती है. लेकिन वही जनता दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान क्यों किनारा कर लेती है. 2019 में दिल्ली में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 56.85 प्रतिशत वोट मिले थे. सभी सातों लोकसभा सीटों पर दिल्ली में भाजपा ने रिकॉर्ड वोटो से जीत दर्ज की थी. 2020 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का वोट प्रतिशत घटकर 38.51 प्रतिशत पर आ गया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को 70 में से 8 सीटों पर जीत हुई थी.

दिल्ली में 'आप' को शिकस्त देना आसान नहीं: पार्टी के नेताओं का मानना है कि यदि दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को वोट देने वाला वाटर अगर विधानसभा चुनाव के दौरान भी वोट देता है तो दिल्ली में भाजपा ऐतिहासिक जीत हासिल कर सकती है. फिलहाल पार्टी के नेता लोकसभा के वोटर को विधानसभा चुनाव में कन्वर्ट करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. हालांकि, माना जा रहा है कि भाजपा के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी को शिकस्त देना आसान नहीं है.

दिल्ली लोकसभा और विधानसभा चुनाव वोट प्रतिशत
दिल्ली लोकसभा और विधानसभा चुनाव वोट प्रतिशत (ETV Bharat)

सांसद भाजपा का और विधायक 'आप' का क्यों? फिलहाल दिल्ली में भाजपा मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. पार्टी द्वारा 2019 दिल्ली लोकसभा चुनाव और 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव के बूथवार डाटा की एनालिसिस की जा रही है. दरअसल, भाजपा द्वारा यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर क्या कुछ वजह है कि दिल्ली की जनता सांसद भाजपा का चुनती है लेकिन विधायक आम आदमी पार्टी का क्यों चुनती है.

पुरबिया मतदाताओं को जोड़ने का प्रयास: राजधानी दिल्ली में कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर पुरबिया मतदाताओं की संख्या निर्णायक स्थिति में है. विधानसभा चुनाव से पहले पुरबिया मतदाता को अपने साथ जोड़ने का भाजपा हर संभव प्रयास कर रही है. हालांकि भाजपा के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं है. बूथ स्तर पर भाजपा द्वारा पूर्वांचल से संबंधित कार्यकर्ताओं की टीम बनाई जा रही है. इन टीमों के माध्यम से ही बूथ स्तर पर चुनाव से संबंधित कार्यक्रमों को पार्टी द्वारा धरातल पर उतर जाएगा. 2015 और 2020 की विधानसभा चुनाव में पुरबिया मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के रणनीतिकार इसी समीकरण को बदलने का प्रयास कर रहे हैं.

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नई दिल्लीः 2019 और 2024 की लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर रिकॉर्ड वोटो से जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव में भाजपा को दिल्ली की जनता का समर्थन मिला लेकिन विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने भाजपा को सिरे से ना कर दिया था. आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा रणनीति रूप से आगे बढ़ रही है. हाल ही में आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग को चुनाव सह प्रभारी नियुक्त किया है. अतुल गर्ग राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

भाजपा को लोकसभा में जीत, विधानसभा में हार: फिलहाल पार्टी द्वारा मंथन किया जा रहा है कि आखिर क्या कुछ वजह है जो लोकसभा के दौरान दिल्ली की जनता रिकॉर्ड वोटो से जीत दिलाती है. लेकिन वही जनता दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान क्यों किनारा कर लेती है. 2019 में दिल्ली में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 56.85 प्रतिशत वोट मिले थे. सभी सातों लोकसभा सीटों पर दिल्ली में भाजपा ने रिकॉर्ड वोटो से जीत दर्ज की थी. 2020 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का वोट प्रतिशत घटकर 38.51 प्रतिशत पर आ गया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को 70 में से 8 सीटों पर जीत हुई थी.

दिल्ली में 'आप' को शिकस्त देना आसान नहीं: पार्टी के नेताओं का मानना है कि यदि दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को वोट देने वाला वाटर अगर विधानसभा चुनाव के दौरान भी वोट देता है तो दिल्ली में भाजपा ऐतिहासिक जीत हासिल कर सकती है. फिलहाल पार्टी के नेता लोकसभा के वोटर को विधानसभा चुनाव में कन्वर्ट करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. हालांकि, माना जा रहा है कि भाजपा के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी को शिकस्त देना आसान नहीं है.

दिल्ली लोकसभा और विधानसभा चुनाव वोट प्रतिशत
दिल्ली लोकसभा और विधानसभा चुनाव वोट प्रतिशत (ETV Bharat)

सांसद भाजपा का और विधायक 'आप' का क्यों? फिलहाल दिल्ली में भाजपा मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. पार्टी द्वारा 2019 दिल्ली लोकसभा चुनाव और 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव के बूथवार डाटा की एनालिसिस की जा रही है. दरअसल, भाजपा द्वारा यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर क्या कुछ वजह है कि दिल्ली की जनता सांसद भाजपा का चुनती है लेकिन विधायक आम आदमी पार्टी का क्यों चुनती है.

पुरबिया मतदाताओं को जोड़ने का प्रयास: राजधानी दिल्ली में कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर पुरबिया मतदाताओं की संख्या निर्णायक स्थिति में है. विधानसभा चुनाव से पहले पुरबिया मतदाता को अपने साथ जोड़ने का भाजपा हर संभव प्रयास कर रही है. हालांकि भाजपा के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं है. बूथ स्तर पर भाजपा द्वारा पूर्वांचल से संबंधित कार्यकर्ताओं की टीम बनाई जा रही है. इन टीमों के माध्यम से ही बूथ स्तर पर चुनाव से संबंधित कार्यक्रमों को पार्टी द्वारा धरातल पर उतर जाएगा. 2015 और 2020 की विधानसभा चुनाव में पुरबिया मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के रणनीतिकार इसी समीकरण को बदलने का प्रयास कर रहे हैं.

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