ETV Bharat / state

आपातकाल के विरोध में बीजेपी मना रही थी काला दिवस, लोकतंत्र सेनानी ने सुध नहीं लेने पर अपनी ही सरकार को जमकर घेरा - Black Day program against Emergency

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 7:11 PM IST

लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी इमरजेंसी के खिलाफ काला दिवस मान रही थी. जिसमें लोकतंत्र सेनानी को भी बुलाया गया था. लेकिन लोकतंत्र सेनानी ने आपातकाल की कम चर्चा की और बीजेपी सरकार पर सुध नहीं लेने का आरोप लगाकर जमकर सुनाया.

लोकतंत्र सेनानी ने बयां किया दर्द
लोकतंत्र सेनानी ने बयां किया दर्द (PHOTO Source ETV BHARAT)
लोकतंत्र सेनानी ने सुनाया खरी खरी (Video Source ETV BHARAT)

लखनऊ: आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर मंगलवार को बीजेपी ने लखनऊ में सहकारिता भवन के सभागार में काला दिवस मनाया. इस दौरान लोकतंत्र सेनानी राजेंद्र तिवारी ने यहां मौजूद पार्टी के दिग्गज नेताओं को खरी-खरी सुना दी. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक सहित कई बड़े नेताओं की मौजूदगी में राजेंद्र तिवारी ने लोकतंत्र सेनानियों की मुसीबतों का ऐसा दर्द बयां किया कि बीजेपी के बड़े बड़े नेता बगले झांकने लगे. किस तरह से लोकतंत्र सेनानियों को मुफ्त बस सेवा का लाभ नहीं दिया जाता है, रोडवेज के बस कंडक्टर उनके साथ बदसूलुकी करते हैं. पेंशन में बढ़ोतरी नहीं हो रही है. राजेंद्र तिवारी ने यहां तक कहा कि, जब मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. तब उन्होंने हमको लोकतंत्र सेनानी घोषित किया था. लेकिन 10 साल की केंद्र सरकार और 7 साल की उत्तर प्रदेश सरकार में हमारे लिए सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई.

25 जून 1975 को इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार के समय देश में इमरजेंसी लगा दी गई थी. नागरिकों के सभी मूल अधिकार समाप्त कर दिए गए थे. बड़े-बड़े नेता और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया था. साल 1977 के चुनाव तक इमरजेंसी जारी रही थी. 25 जून 1975 की याद में भारतीय जनता पार्टी ने काला दिवस मनाया. सहकारिता भवन के सभागार में इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, पूर्व मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इमरजेंसी की यादों को ताज किया. इन लोगों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में किस तरह से संविधान को समाप्त किया गया था. वहीं कांग्रेस आज संविधान को बचाने की बात कर रही है.

कार्यक्रम में कई लोकतंत्र सेनानी भी शामिल हुए थे. उनमें से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता और लोकतंत्र सेनानी राजेंद्र तिवारी के बयान यहां आए भाजपा के नेताओं पर भारी पड़ गए. अपने वक्तव्य में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को खरी-खरी सुनाई. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने हम लोगों को लोकतंत्र सेनानी घोषित किया था. और अनेक तरह की पेंशन और सुविधाएं दी थीं.

लेकिन जब से बीजेपी की सरकार आई है, सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. जबकि समय-समय पर सेनानियों के साथ में जगह-जगह दुर्व्यवहार किया जाता है. रोडवेज बस में फ्री पास की व्यवस्था है, लेकिन कई बार सेनानियों को 25-30 किलोमीटर दूर उतार दिया जाता है. और कहा जाता है कि, यह पास मान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि कई बार सरकार और बीजेपी के नेताओं की ओर से घोषणा की गई की, पेंशन में बढ़ोतरी की जाएगी और सुविधाएं बढ़ाई जाएगी. लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी से मांग की है कि, सभी सेनानियों की कम से कम एक बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करवा दी जाए ताकि उनकी पीड़ा को योगी आदित्यनाथ सुन सकें.

ये भी पढ़ें: इमरजेंसी के 50 साल पर पीएम मोदी का ट्वीट- कांग्रेस ने भारत के संविधान को रौंद दिया था - 50 years of emergency

लोकतंत्र सेनानी ने सुनाया खरी खरी (Video Source ETV BHARAT)

लखनऊ: आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर मंगलवार को बीजेपी ने लखनऊ में सहकारिता भवन के सभागार में काला दिवस मनाया. इस दौरान लोकतंत्र सेनानी राजेंद्र तिवारी ने यहां मौजूद पार्टी के दिग्गज नेताओं को खरी-खरी सुना दी. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक सहित कई बड़े नेताओं की मौजूदगी में राजेंद्र तिवारी ने लोकतंत्र सेनानियों की मुसीबतों का ऐसा दर्द बयां किया कि बीजेपी के बड़े बड़े नेता बगले झांकने लगे. किस तरह से लोकतंत्र सेनानियों को मुफ्त बस सेवा का लाभ नहीं दिया जाता है, रोडवेज के बस कंडक्टर उनके साथ बदसूलुकी करते हैं. पेंशन में बढ़ोतरी नहीं हो रही है. राजेंद्र तिवारी ने यहां तक कहा कि, जब मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. तब उन्होंने हमको लोकतंत्र सेनानी घोषित किया था. लेकिन 10 साल की केंद्र सरकार और 7 साल की उत्तर प्रदेश सरकार में हमारे लिए सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई.

25 जून 1975 को इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार के समय देश में इमरजेंसी लगा दी गई थी. नागरिकों के सभी मूल अधिकार समाप्त कर दिए गए थे. बड़े-बड़े नेता और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया था. साल 1977 के चुनाव तक इमरजेंसी जारी रही थी. 25 जून 1975 की याद में भारतीय जनता पार्टी ने काला दिवस मनाया. सहकारिता भवन के सभागार में इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, पूर्व मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इमरजेंसी की यादों को ताज किया. इन लोगों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में किस तरह से संविधान को समाप्त किया गया था. वहीं कांग्रेस आज संविधान को बचाने की बात कर रही है.

कार्यक्रम में कई लोकतंत्र सेनानी भी शामिल हुए थे. उनमें से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता और लोकतंत्र सेनानी राजेंद्र तिवारी के बयान यहां आए भाजपा के नेताओं पर भारी पड़ गए. अपने वक्तव्य में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को खरी-खरी सुनाई. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने हम लोगों को लोकतंत्र सेनानी घोषित किया था. और अनेक तरह की पेंशन और सुविधाएं दी थीं.

लेकिन जब से बीजेपी की सरकार आई है, सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. जबकि समय-समय पर सेनानियों के साथ में जगह-जगह दुर्व्यवहार किया जाता है. रोडवेज बस में फ्री पास की व्यवस्था है, लेकिन कई बार सेनानियों को 25-30 किलोमीटर दूर उतार दिया जाता है. और कहा जाता है कि, यह पास मान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि कई बार सरकार और बीजेपी के नेताओं की ओर से घोषणा की गई की, पेंशन में बढ़ोतरी की जाएगी और सुविधाएं बढ़ाई जाएगी. लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी से मांग की है कि, सभी सेनानियों की कम से कम एक बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करवा दी जाए ताकि उनकी पीड़ा को योगी आदित्यनाथ सुन सकें.

ये भी पढ़ें: इमरजेंसी के 50 साल पर पीएम मोदी का ट्वीट- कांग्रेस ने भारत के संविधान को रौंद दिया था - 50 years of emergency

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.